8 जनवरी से लापता 11 गढ़वाल राइफल, भारतीय सेना के जवान राजेंद्र नेगी की वापसी के लिए आन्दोलन तेज

हरीश मैखुरी

8 जनवरी से लापता 11 गढ़वाल राइफल, भारतीय सेना के जवान राजेंद्र नेगी पाक सीमा पर गुलमर्ग से लापता हुए हैं। उत्तराखंड चमोली जनपद में पज्याणा गांव के रहने वाले भारतीय सेना के जवान हवालदार राजेन्द्र सिंह नेगी की अब तक कोई खोजखबर न मिलने से उनका व्यथित परिवार गहरे सदमें और चिंता में है। वहीं इस घटना से चिंतित पूर्व सैनिक सोसाइटी( esmsho) देहरादून से लेकर दिल्ली-एनसीआर में जगह जगह पद यात्रा कर राज्य और केंद्र सरकार पर लापता जवान को जल्द से जल्द को खोजने की मांग के लिए दबाव बना रहे हैं,
अब 14 फरवरी 2020 को जंतर मंतर पर धरना देंगे उनके परिवार द्वारा विगत 8 जनवरी से लापता 11 गढ़वाल राइफल, भारतीय सेना के जवान राजेंद्र नेगी की सकुशल वापसी के प्रयासों को तेज करने की मांग हेतु राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर से राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के द्वार तक “BRING BACK राजेंद्र नेगी” शांति यात्रा निकालेगी। इस शांति यात्रा के लिए पिछले एक सप्ताह से प्रयास किये जा रहे है, इसी मुहिम के अंतर्गत पूर्व सैनिक सोसाइटी व देवभूमि यूनाइटेड फ्रंट की पूरी टीम कुछ दिन पहले ही लापता जवान राजेंद्र नेगी के परिवार से उनके निवास स्थान अम्बिवाला में जाकर मिली। भारतीय सेना में तैनात हवालदार राजेंद्र सिंह नेगी के बारे में 8 जनवरी से अभी कोई खबर नहीं मिलना बेहद चिंता जनक है। शांति यात्रा के अंत में राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा जाएगा. ज्ञापन में मुख्यरूप से लापता सैनिक राजेंद्र नेगी की सकुशल वापसी और खोजबीन में तेजी लाने की मांग करेंगे, जिसमें पूर्व सैनिक की सभी सोसाइटी व देवभूमि यूनाइटेड फ्रंट के सभी लोग भाग लेंगे। ये जानकारी नदनंदन रावत सचिव पूर्व सैनिक सोसाइटी व सहायता प्रकोष्ठ (ESMSHO) ने दी।

इधर देहरादून के परेड ग्राउंड में भी हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी की सकुशल वापसी के लिए धरना प्रदर्शनों का दौर जारी है, जिसमें अनेक सामाजिक, राजनीतिक संगठनों व संस्थाओं की सहभागिता है।

राजेंद्र सिंह नेगी के परिवार ने गहरी चिंता व्यक्त करते हुए भारत सरकार और उत्तराखंड सरकार से इस मामले में अविलंब हस्तक्षेप करने की मांग की है। उनके परिजनों ने आशंका व्यक्त की है कि गुलमर्ग पाक सीमा पर तैनाती के दौरान लापता हुए राजेंद्र सिंह नेगी पाकिस्तान के कब्जे में हो सकते हैं। इसलिए उनकी भी फाइटर पायलट अभिनन्दन वर्धमान की तरह ही वापसी की जानी चाहिए।

बता दें कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी इस मामले में गृह मंत्री अमित शाह और सीडीएस बिपिन रावत से संपर्ककर कर इस संदर्भ में चिंता से अवगत करा चुके हैं। वे पीड़ित परिवार से भी मिले। वहीं पर्यटन मंत्री श्री सतपाल कर्णप्रयाग के विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी, बद्रीनाथ के विधायक महेंद्र भट्ट, थराली विधायक श्रीमती मुन्नी देवी शाह ने भी इस मामले में सरकार को अपनी चिंता से अवगत कराया है।