डीएम के निर्देश के बाद ताबड़तोड़ छापेमारी में 17 नर्सिंग होम और क्लीनिक सील

जिलाधिकारी के निर्देश पर प्रशासन की टीम ने रविवार को शहर से देहात तक बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित 17 नर्सिंग होम और क्लीनिक सील कर दिए। साथ ही, 40 से अधिक झोलाछापों की दुकानें बंद करा दी। यह कार्रवाई रुड़की, मंगलौर और झबरेड़ा क्षेत्र में हुई है। कई जगह कार्रवाई को देख झोलाछाप दुकान का शटर डालकर भाग खड़े हुए। इन सभी को नोटिस भेजकर जबाव तलब किया गया है। जेएम की तरफ से इस पूरे मामले की रिपोर्ट तैयार कर जिलाधिकारी को भेजी जाएगी।

शहर से देहात तक बड़ी संख्या में बिना रजिस्ट्रेशन और डिग्री के नर्सिंग होम और क्लीनिक संचालित कर रहे हैं। रविवार को जिलाधिकारी दीपक रावत ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की नरेंद्र भंडारी को क्षेत्र में बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित अस्पताल और क्लीनिक पर कार्रवाई के निर्देश दिए। जिलाधिकारी के निर्देश पर जेएम ने प्रशासन की अलग-अलग टीमें बनाकर कार्रवाई की।

रुड़की में जेएम ने प्रशासन की टीम के साथ मिलकर कई जगह छापे मारे। जेएम ने रुड़की से सटे सलेमपुर में दो तथा आजाद नगर में एक झोलाछाप की दुकान सील कर दी। कार्रवाई से हड़कंप मच गया। कई झोलाछाप दुकानें बंद कर भाग खड़े हुए। इसके बाद जेएम ने लंढौरा में छापे मारे। यहां पर उन्होंने बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित दो क्लीनिक पर छापा मारा। क्लीनिक संचालक डिग्री नहीं दिखा पाए जबकि एक की डिग्री फर्जी निकली, जिस पर जेएम ने दोनों क्लीनिक को सील कर दिया। इसके बाद कस्बे में ही अवैध रूप से चल रहे प्रसव केंद्र को भी सील किया।

वहीं, मंगलौर में एएसडीएम प्रेमलाल ने एसीएमओ अशोक कुमार के साथ मिलकर छापे मारे। यहां पर दो पैथोलॉजी लैब, चार दंत चिकित्सक और एक नर्सिंग होम संचालक डिग्री नहीं दिखा पाए। जिस पर टीम ने इन सभी को बंद करा दिया और चाबी अपने पास रख ली। अधिकारियों ने इन्हें तीन दिन का समय देते हुए कागजात दिखाने को कहा है। वहीं भगवानपुर में अवैध रूप से संचालित एक नर्सिंग होम को एसडीएम डीएस नेगी ने सील कर दिया। इसके अलावा पांच नर्सिंग होम में अनियमिताएं मिली हैं।