ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना हेतु 4200 करोड़ का परिव्यय, बनेगी हिमालय की सबसे बड़ी 20 किमी लंबी सुरंग, चारों धामों में 327 किमी की चार रेल परियोजनाओं के एलायन्मेंट पर भी काम शुरू, मुख्यमंत्री करेंगे सीधी मानिटरिंग

*ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में वर्ष 2021-22 के लिये 4200 करोङ रूपए का परिव्यय प्रस्तावित* 

*मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री, केन्द्रीय वित्त मंत्री और रेल मंत्री का आभार जताया*✍️हरीश मैखुरी

केंद्रीय बजट में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में वर्ष 2021-22 के लिये 4200 करोङ रूपए का परिव्यय प्रस्तावित किया गया है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण और रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन और केन्द्र सरकार के सहयोग से उत्तराखण्ड में इन वर्षों में कनेक्टीवीटी के क्षेत्र में बहुत तेजी से काम हुआ है। पहाड़ में रेल का सपना जल्द ही साकार होने जा रहा है। ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना में न्यू ऋषिकेश स्टेशन तैयार हो चुका है और यहां से ट्रेनों का संचालन भी शुरू हो चुका है। बाकी जगहों पर भी तेजी से काम चल रहा है। इस वर्ष के लिये बजट में प्रस्तावित 4200 करोङ रूपए से परियोजना टाईमफ्रेम में पूरा की जा सकेगी।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत लगातार ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना की सीधी मानिटरिंग कर रहे हैं। राज्य सरकार के स्तर से आवश्यक औपचारिकताओं को समय पर पूरा कराया गया है। 

 रेल विकास निगम के अधिकारियों के साथ ही रेलवे लाइन निर्माण हेतु विभिन्न पैकेजों में कार्य करने वाली कार्यदायी संस्थाओं की समस्याओं के त्वरित समाधान को सर्वोच्च प्राथमिकता पर लिया गया है। वीरभद्र-न्यू ऋषिकेश ब्लॉक सेक्शन का काम पूर्ण हो चुका है। ऋषिकेश में एक आरओबी तथा एक आरयूवी भी तैयार हो चुका है। परियोजना के तहत 17 टनल के कार्यों को 10 पैकेज में बांटा गया है। लछमोली व श्रीनगर में अलकनंदा नदी पर आर.ओ.बी. का कार्य प्रारम्भ किया जा चुका है। श्रीनगर, गौचर व सिवाइ में रोड ब्रिज का कार्य भी प्रगति पर है। ऋषिकेश-देवप्रयाग ब्लॉक सेक्शन का कार्य 2023-24 और देवप्रयाग-कर्णप्रयाग ब्लॉक सेक्शन का कार्य 2024-25 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन में पहाड़ के नीचे से 20 किलोमीटर लंबी टनल बनेगी। हिमालयी क्षेत्र में यह अब तक की सबसे लंबी टनल होगी। इसके लिए एलएंडटी कंपनी के साथ रेल विकास निगम ने 3338 करोड़ का अनुबंध किया है। 

उत्तराखंड में हिमालयी क्षेत्रों में चैनाग 47 प्लस 360 से 63 प्लस 117 किलोमीटर तक यह टनल बनाई जाएगी। इसका निर्माण टनल बोरिंग मैथड (टीबीएम) और न्यू ऑस्ट्रियन टनल मैथड से किया जाएगा। यह हिमालयी भूभाग में तैनात होने वाली सबसे बड़ी टनल बोरिंग मशीन होगी।   उत्तराखण्ड के चारधाम यमुनोत्री, गंगोत्री, श्री केदारनाथ व श्री बद्रीनाथ को रेलवे सेवा से जोड़ने के लिए लगभग 327 किलोमीटर की कुल लम्बाई की 4 रेलवे लाईन अलाईनमेंट पर भी कार्य किया किया जा रहा है।