70 हजार पेंशन खातों की होगी जांच

उत्तराखण्ड सरकार और समाज कल्याण विभाग की चेतावनी के बावजूद राज्य के 70 हजार पेंशनधारकों ने अपने खातों से आधार नंबर लिंक नहीं कराया है। विभाग को आशंका है कि एक साल का समय बीत जाने के बाद भी इन खातों से आधार लिंक नहीं कराया जाना बड़े फर्जीवाड़े की ओर इशारा करता है। यही वजह है कि विभाग अब इन सभी खाताधारकों की जांच करने वाला है। जांच के बाद न सिर्फ इन खाताधारकों को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा, बल्कि अब तक उन्हें दी गई पेंशन की कुल रकम की रिकवरी करने की भी तैयारी है।

समाज कल्याण विभाग कई तरह की योजनाओं के तहत पात्र लोगों का चयन कर प्रतिमाह एक हजार रुपये पेंशन देता है। यह रकम पेंशनधारक के खाते में जमा कराई जाती है। विभाग वृद्ध ावस्था, विधवा, किसान, दिव्यांग पेंशन योजनाओं का संचालन करता है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार कुछ मामलों में यह भी जानकारी मिली है कि दिव्यांग होने के कारण पेंशनधारकों के आधार कार्ड बन पाने में कुछ दिक्कत है। इसके अलावा दूरस्थ क्षेत्रों में भी तकनीकी दिक्कतें सामने आ रही थीं। ऐसे में हर जिले में ब्लॉकवार आधार कार्ड बनवाने के लिए विभाग कैंप लगवा रहा है। लेकिन, इनमें भी ये 70 हजार खाताधारक नहीं पहुंचे। अधिकारियों का कहना है कि हर खाताधारक को ब्लॉक में लगने वाले शिविर की जानकारी पहले ही दी गई थी।

विभागीय सूत्रों की मानें तो समाज कल्याण निदेशालय के स्तर से पूर्व में करवाए गए एक गोपनीय सर्वे में करीब 8500 पेंशनधारकों का पता ही गलत पाया गया है। यह अपने आप में बड़ा सवाल है कि आखिर पेंशन की रकम प्राप्त कर रहे ये लोग कौन हैं और दस्तावेजों में दर्ज नाम-पते पर क्यों नहीं रह रहे। उत्तराखंड के समाज कल्याण मंत्री यशपाल आर्य ने बताया कि प्रदेश सरकार और समाज कल्याण निदेशालय की ओर से पेंशनधारकों को अपने खाते आधार से लिंक करवाने का पर्याप्त समय दिया जा चुका है। इसके बावजूद आधार की जानकारी नहीं दी जा रही। ऐसे खातों की जांच कराई जाएगी। सरकार इस मामले को लेकर गंभीर है। जल्द कोई उचित निर्णय लेंगे।

समाज कल्याण निदेशक मेजर योगेंद्र यादव ने बताया कि किसी ठोस वजह से किसी पेंशनधारक का आधार नहीं बन पा रहा है तो वह एक अलग विषय है। लेकिन बिना कारण आधार की जानकारी नहीं दी जा रही तो यह गंभीर मामला है। ऐसे पेंशनधारकों के खिलाफ ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। ब्लैकलिस्ट करने से लेकर रिकवरी तक की जा सकती है।