90 सालों बाद लगे ऐसे खग्रास सूर्यग्रहण के चलते भगवान बद्रीविशाल सहित देश के सभी मंदिर रहे बंद

साल का पहला सूर्य ग्रहण आज दिनांक 21 जून 2020 रविवार आषाढ कृष्ण पक्ष अमावस्या को खग्रास सूर्य ग्रहण दिखा। यह भारत में यह सूर्य ग्रहण प्रातः 10 बजकर 24 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 48 मिनट तक दिखाई दिया,  पूरे ग्रहण का कुल समय 3 घण्टे 24 मिनट का रहा, सूर्य ग्रहण का सूतक 12 घण्टे पूर्व प्रारंभ हो जाता है, भारत में सूर्य ग्रहण का सूतक 20 जून 2020 शनिवार को रात्रि 10 बजकर 24 मिन्ट से प्रारंभ हो गया था,  ग्रहण के सूतक मैं बालक,वृद्ध, और बीमार लोगो को छोड़कर शेष सभी को सूतक मैं भोजन आदि निषेध होता है,

ग्रहण का स्पर्श-प्रातः 10 बजकर 24 मिनट
ग्रहण का मध्य समय दोपहर 12 बजकर 5 मिनट रहा। 
ग्रहण का मोक्ष समय दोपहर 1 बजकर 48 मिंट रहा। सम्पूर्ण ग्रहण का काल होगा- 3 घण्टे 24 मिंट का। लखनऊ मैं ग्रहण सुबह 10 बजकर 25 मिंट से दोपहर 1 बजकर 54 मिंट रहा

है. इस खगोलीय घटना को ज्योतिर्विदों ने महा ग्रहण का नाम दिया है. उनका मानना है कि सूर्य ग्रहण पर ऐसे कई महा संयोग बन रहे हैं जो आज से तकरीबन 900 से पहले बने थे. इस ग्रहण में सूर्य का संयोग राहु, बुध और चंद्र के साथ बन रहा है. इस ग्रहण में सूर्य का मंगल से भी संबंध होगा. सूर्य मंगल और चंद्र की इस युति से दुर्घटनाओं की संभावना बनेगी. राजनैतिक रूप उथल-पुथल, युद्ध और आपदाओं की स्थिति भी पैदा हो सकती है. यह ग्रहण अलग-अलग राशियों पर प्रभाव डालने वाला है. मिथुन राशि और मृगशिरा नक्षत्र में लगेगा. इसका सबसे ज्यादा प्रभाव मिथुन और धनु राशि पर पड़ेगा. इसके अलावा वृष, कन्या, तुला, वृश्चिक, कुम्भ और मीन राशि पर भी इस ग्रहण के प्रभाव अच्छे नहीं होंगे. ज्यादातर राशियों के लिए स्वास्थ्य और करियर पर संकट हो सकता हैआप लोग अपनी-अपनी राशियों के अनुसार पूजा, दान पुण्य करें। ऐसा करने से ग्रहण का दोष कम प्रभावित करता है। इसके अलावा भी सप्त धान्य, काली वस्तुओं का दान, कपड़े,अन्न आदि का दान अपनी सामर्थ्य के अनुसार व्यक्ति को करना चाहिए। ग्रहण काल में किये गए जप, दान का विशेष महत्व शास्त्रों में बताया गया है। ग्रहण  के चलते भारत वर्ष के ईष्ट भगवान बद्रीविशाल सहित देश के सभी सनातन धर्म के मंदिर बंद रहे।