हॉस्पिटल में बच्ची की मौत के बाद मैनेजमेंट बोला-9.5 लाख दो तब मिलेगी बॉडी

मामला दिल्ली के एक प्राइवेट हॉस्पिटल का है जिसमें 9 साल की दीवा गर्ग को जन्मजात डिसीथ्रोपोएटिक एनीमिया (सीडीए) के के इलाज के लिए एडमिट कराया था। आश्वासन दिया था कि हॉस्पिटल बोन मेरो ट्रांसप्लांट में प्रोफिसिएंट है, और दीवा का इस ट्रीटमेंट के बाद ठीक हो जाएगी। ट्रांसप्लांट के बाद दीवा को फीवर हुआ और उसकी मौत हो गई। परिजन ने बॉडी मांगी तो मैनेजमेंट ने 9.5 लाख रुपए के पेमेंट का प्रैशर बनाया। बेटी के सदमें से दीवा की मां बीमार हो गई। अब उसके पिता ने हॉस्पिटल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए खिलाफ पुलिस को शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है। दरअसल ग्वालियर के नीरज गर्ग की 9 साल की बेटी दीवा को कनजेनाइटल डिसीथ्रोपोएटिक एनीमिया (सीडीए) के के इलाज के लिए बीते 31 अक्टूबर को दिल्ली के बीएलके सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। हॉस्पिटल के डॉक्टर्स ने फैमिली को आश्वासन दिया था कि उनके यहां बोनमेरो ट्रांसप्लांट की अच्छी सुविधा है और इस ट्रीटमेंट के बाद दीवा ठीक हो जाएगी।

दीवा के लिए एक बोन मेरो मैच मिला और उसे 25 दिनों के लिए मां के साथ इंटेंसिव केयर इंसुलेटेड वार्ड में भर्ती कराया गया था। यहां मां और डॉक्टर्स के अलावा कोई नहीं जा सकता था। 11 नवंबर को, दीवा की बोन मेरो ट्रांसप्लांट सर्जरी की गई, इसके दो दिन बाद 13 नवंबर को, उसे फीवर हुआ, चिंतित फैमिली को डॉक्टर्स ने बताया कि कोई प्रॉब्लम नहीं है, बोन मेरो ट्रांसप्लांट के बाद फीवर आता ही है, ठीक हो जाएगा। 22 नवंबर को, दीवा ने सिरदर्द की शिकायत की और उसे सांस लेने में भी परेशानी होने लगी। डॉक्टर्स ने मेडिसिन दीं और कहा कि सब ठीक है। अगले दिन, डॉक्टर्स ने दीवा को दोबारा प्ब्न् में एडमिट किया, लेकिन फैमिली को बताया कि ऐसा एहतियातन किया जा रहा है। अचानक दीवा को वेंटिलेटर पर ले आए और फैमिली को फिर भी आश्वस्त किया इससे दीवा को सांस लेने में मदद मिलेगी।

25 नवंबर की दोपहर को, डॉक्टरों ने दीवा को मृत घोषित कर दिया। ट्रांसप्लांट के बाद दीवा की हालत खराब हुई, डॉक्टर बताते रहे ठीक है। बच्ची के पिता नीरज गर्ग ने बताया कि डॉक्टरों का दावा था कि दीवा के पेट में अचानक न्यूट्रोपैनिक और इंट्रोकोलाइटिस इंफेक्शन फैल गया, जिससे उसके इंटरनल ऑर्गन्स में सेप्टिक जिससे दीवा की मल्टीपल ऑर्गन फेलुअर से मौत हो गई। नीरज गर्ग ने डॉक्टर्स से सवाल किया कि जब दीवा इंसुलेशन में थी तो इंफेक्शन कैसे फैला, लेकिन डॉक्टर्स ने कोई जवाब नहीं दिया।