पढ़ाई के साथ-साथ चाय की दुकान चलाती हैं रिया और प्रियंका, विद्यालय में भी टाप पर

रिपोर्ट – अनिल राणा 
      गैरसैंण के स्यूंणीं मल्ली की होनहार बेटियां पढा़ई के साथ चाय की दुकान भी संभालती हैं। दोनों बहिनें नित्य 5 किलो मीटर पैदल स्कूल जाती हैं और प्रथम श्रेणी में हाई स्कूल इण्टर में प्राप्तांक लायी हैं। यह अपने आप में उनके लिए एक सीख है जो कहते हैं काम के साथ पढाई नहीं होती। जो बेटियों को बोझ समझते हैं उनके लिए भी मेरी बेटियां आदर्श हैं। यह कहना है रिया और प्रियंका के पिता का। उन्होंने कहा कि बेटी को पढ़ाने और बचाने के लिए आज बेटियों के स्किल डेवलपमेंट की भी आवश्यकता है। मेरी बेटियां टेस्टी चाय समोसे पकौड़े चटनी छोले भटूरे पूड़ी रोटी शब्जी दाल आदि बहुत स्वादिष्ट व्यंजन बनाने के लिए सक्षम हैं। 

रिया व प्रियंका जो उत्तराखण्ड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण से कुछ दूर स्यूंणीं मल्ली से पैदल 5 किलोमीटर आगरचट्टी छोटे से कस्बे में जाकर अपने व्यवसाय को संभालती है । प्रियंका ने प्रथम श्रेणी में 10वीं,एवं 12वीं परीक्षा उत्तीर्ण की है। वहीं रिया ने भी 10वीं की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया।

    रिया के पिता सुरेन्द्र बिष्ट का कहना है कि स्कूल में कार्यरत यादव गुरुजी व ढोढियाल गुरुजी की मेहनत से बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा अच्छी हुई है वहीं बेटियाँ कहती है उनको अपने पिता के साथ हाथ बटाने से उनकी आर्थिक स्तिथि भी मजबूत होती है। प्रियंका को सरकार की कन्या धन योजना का लाभ मिला है वहीं उसके पिता का कहना है वर्तमान सरकारी योजना से प्रशन्न हैं कि हमारा मकान भी सरकारी योजना से बनाया है।