घोषणा तभी पूर्ण मानी जायगी जब वह धरातल पर दिखाई दे- तीरथ सिंह रावत मुख्यमंत्री उत्तराखंड

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अपने मंत्रालय सहित पूरी कैबिनेट के पेंच टाईट करने शुरू कर दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि घोषणा तभी पूर्ण मानी जाय जब वह धरातल पर दिखाई दे। मुख्यमंत्री जनपद बागेश्वर व अल्मोड़ा के लिये की गई घोषणाओं की समीक्षा करते हुए यह बात कही।  उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अवशेष घोषणाओं की डीपीआर 15 जुलाई तक की जाय पूर्ण। मुख्यमंत्री ने सचिवालय से भी कहा कि सड़कों पुलों के लम्बित प्रस्तावों के शासनादेश अविलम्ब किये जाएं निर्गत।
मुख्यमंत्री ने अधिकारीयों को निर्देश दिए कि समूह पंपिंग पेयजल योजनाओं की डीपीआर जल जीवन मिशन के तहत तैयार की जाय।
उन्होंने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में सचिव एवं विभागध्यक्ष स्तर पर आपसी समन्वय पर ध्यान दिया जाय। बता दें कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने गुरूवार को सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जनपद बागेश्वर एवं अल्मोड़ा जनपदों के लिये मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि घोषणा के तहत अपूर्ण योजनाओं से सम्बन्धित डीपीआर 15 जुलाई तक तैयार कर दी जाय। इसके लिये सचिव एवं विभागाध्यक्ष आपसी समन्वय से योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा करे योजनायें समयबद्धता एवं गुणवत्ता के साथ पूर्ण हो यह विभागीय प्रमुखों की जिम्मेदारी है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि योजनाओं के क्रियान्वयन में अनावश्यक बहाने बाजी नही होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि घोषित योजनायें जब धरातल पर दिखाई दे तभी वह पूर्ण मानी जाय इसमें कार्यवाही गतिमान जैसे शब्दो का उल्लेख किये जाने के बजाय वास्तविक स्थिति का उल्लेख होना चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह ने कहा कि सड़को, पुलो, पेयजल सिंचाई की योजनाओं, स्कूल व अन्य भवनों के निर्माण, खेल मैदानों पार्किंग स्थलांे के विकास आदि से सम्बन्धित योजनाओं के लम्बित प्रस्तावों की डीपीआर 15 जुलाई तक हर हालात में तैयार की जाय ताकि उनके लिये धनराशि की स्वीकृति के साथ टेण्डर प्रक्रिया भी अविलम्ब प्रारम्भ की जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में धनराशि की कमी नही होने दी जायेगा।
उन्होंने सल्ट विधानसभा क्षेत्र की पंपिंग पेयजल योजना तथा अल्मोड़ा की खत्याड़ी ग्राम सभा समूह पेयजल योजना के प्रस्ताव अविलम्ब जल जीवन मिशन के तहत प्रेषित करने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने विकासखण्ड ताकुला जाने वाले मार्ग के निर्माण के लिये वन विभाग एवं लोक निर्माण विभाग से आपसी विचार विमर्श के बाद इस सम्बन्ध में दो सप्ताह में निर्णय लेने को कहा ताकि सड़क का निर्माण शीघ्र हो सके।
मुख्यमंत्री ने पर्वतीय क्षेत्रों में निर्मित होने वाली सड़को व पुलो के निर्माण में तेजी लाने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जिन कार्यों के अभी टेण्डर नही हुए हैं उनके शीघ्र टेण्डर कर लिये जाये ताकि बरसात के तुरन्त बाद उनपर कार्य आरम्भ किया जा सके।
बैठक में बताया गया है कि विधानसभा क्षेत्र कपकोट के लिये कुल 37 घोषणाये की गई हैं जिनमें से 20 पूर्ण हो चुकी है शेष पर कार्यवाही गतिमान है। इसी प्रकार बागेश्वर के लिये 29 घोषणाओं में 19 पूर्ण हो चुकी है। अल्मोड़ा अन्तर्गत 32 घोषणाओं में 16, सल्ट के लिये की गई 76 घोषणाओं में से 49, द्वारहाट की 16 में से 15 तथा सोमेश्वर की 74 में 37 घोषणाये पूर्ण हो चुकी है तथा शेष में कार्यवाही गतिमान है।
बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार श्री शत्रुघन सिंह, अपर मुख्य सचिव श्रीमती मनीषा पंवार, श्री आनन्द वर्धन, प्रमुख सचिव श्री आर0के0सुधांशु, सचिव श्री अमित नेगी, शैलेश बगोली, श्री आर मीनाक्षी सुन्दरम, श्री एस.ए.मुरूगेशन, डाॅ0 रणजीत सिन्हा के साथ ही अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
समीक्षा बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रेखा आर्य, विधानसभा उपाध्यक्ष श्री रघुनाथ सिंह चैहान, विधायक श्री चन्दन रामदास, श्री महेश जीना आदि के साथ ही जिलाधिकारी अल्मोड़ा व बागेश्वर उपस्थित रहे।