अनुष्का की मौत भोगांव नवोदय पर सबसे बड़ा कलंक, पुलिस जुटी मौत की गुत्थी सुलझाने में

 

यह मंजर देश की सेहत के लिए ठीक नहीं है। एक दिल बैठा देने वाली घटना

“अनुष्का की मौत भोगांव नवोदय पर लगा अब तक का सबसे बड़ा कलंक है.

अनुष्का पांडेय 11वीं में थी. कल सुबह सीनियर गर्ल्स हॉस्टल में लटकी मिली.

रात करीब 11.30 बजे वो दूसरी लड़की के बेड पर जाती है और कहती है कि मुझे यहां सोना है. फिर नहीं सोती. रात 2 बजे तक हॉस्टल में घूमती रहती है.

मुझे अगर ठीक-ठीक याद है तो करीब 6 बजे पीटी की व्हिसिल बजती है. यानी 2 से लेकर 6 बजे के बीच में अनुष्का के साथ जो भी हुआ (शारीरिक और मानसिक) उसी का परिणाम सुबह लड़कियों ने देखा.

शारीरिक मैंने इसलिए बोला कि उसके शरीर पर नीले निशान थे. जैसे कि किसी ने पीटा हो. उसके हाथ पर एक नंबर लिखा हुआ था. जब पुलिस आई तो उस मोबाइल नंबर के दो अंक किसी ने मिटा दिए थे.

स्कूल की प्रिंसिपल सुषमा सागर से तुरंत रिजाइन लेना चाहिए. और उनसे पूरी पूछताछ करनी चाहिए. मैंनपुरी नवोदय में ऐसा हो गया इस पर यकीन करना मुश्किल है.

अनुष्का के मामले में जो बातें निकलकर सामने आ रही हैं वो डरावनी हैं. छात्राओं ने मीडिया को बताया है कि 8वीं क्लास में अनुष्का ने किसी लड़की की भुजिया खा ली थी.

लड़की ने वार्डन से शिकायत कर दी. वार्डन ने सभी लड़कियों से अनुष्का को एक-एक थप्पड़ मारने को बोला. 48 लड़कियों ने अनुष्का को एक-एक थप्पड़ मारा. इसके बाद गर्ल्स हॉस्टल में कुछ भी चोरी होता था तो सब अनुष्का को पकड़ते थे. यहां तक कि लड़के भी उस पर कमेंट करते थे.

अगर ये सच है तो ये तो ‘लिंचिंग क्लास’ हो गई. अगर ये सच है तो ये हमारा नवोदय नहीं है. ऐसा तो हमारा नवोदय कभी नहीं था. जो भी वार्डन उस टाइम पर रही हो. उसके ख़िलाफ़ FIR दर्ज होनी चाहिए. उस वक्त के प्रिंसिपल से भी इसका जवाब मांगा जाना चाहिए.

नवोदय वाले जानते हैं कि सुसाइड या खुद को चोट पहुंचाने जैसा सोचने का टाइम हमें नहीं मिलता था. लेकिन पिछले दिनों में एक के बाद एक कई मामले ऐसे आ रहे हैं जिसमें स्कूल के अंदर बच्चे सुसाइड कर रहे हैं.

कुछ दिन पहले पीलीभीत नवोदय में एक लड़के ने सुसाइड की. अभी पिछले दिनों कन्नौज नवोदय में एक लड़की ने आत्महत्या कर ली. और अब अनुष्का ने.

इंडियन एक्सप्रेस ने आरटीआई के हवाले से एक ख़बर छापी थी कि 2013-17 के बीच में 49 नवोदय के छात्र/छात्राओं ने सुसाइड की.

इसके पीछे कारण क्या है ? नवोदय विद्यालय समिति को इस पर सोचना चाहिए

नवोदय के बार में अच्छी ख़बरें आती हैं तो गर्व होता है. बड़े दिल से लिखता हूं उन्हें लेकिन जब ऐसी ख़बरें आती हैं तो दिल बैठ जाता है.

अनुष्का मुझे अफ़सोस है कि टीचर्स और प्रिंसिपल ने तुम्हें नहीं सुना. मुझे अफसोस है कि लड़कों ने तुम पर कमेंट किए.

मुझे अफ़सोस है कि तुम्हें ये फैसला करना पड़ा
(अगर किया है तो जो, कि जांच का विषय है)

लेकिन मुझे सबसे बड़ा अफ़सोस ये है कि अब गोपीनाथ अड्डा पर जो तुम्हारा घर है उसमें तुम कभी नहीं जाओगी.

पुलिस की जांच और डॉक्टर्स के बयान में विरोधाभास है,
स्कूल प्रिंसिपल का वक्तव्य किसी प्रभाव से प्रेरित लगता है,
सच क्या है, यह एक रहस्य है,
उस रात क्या हुआ है अनुष्का बिटिया के साथ यह जांच का विषय है ।।

 एक महाशय ने वहां से ब्रेकिंग उत्तराखंड डाट  टीम आमंत्रिकाम न्यूज को इस संबंध में लिखा है

“टीम आमंंत्रित है इस बच्ची को दोषी ठहराने के लिये ••••
•••••••••••••• अगर आप ये तस्वीर पहचान रहे हैं, तो आपको ये मामला ज़रूर सोशल मीडिया से पता चला होगा। आप मैनपुरी-आगरा साइड के हैं तो शायद अखबार में पढ़ा हो, या वहां के एक लोकल चैनल पे देखा होगा। मगर इस देश में, जहां आज भी कोई मुद्दा असल में तब बड़ा होता है जब टीवी पर आए, वहां किसी नेशनल चैनल पर आपको इस खबर पर भरपूर कवरेज और आक्रोश नहीं दिखा होगा। वो भी तब, जबकि मैनपुरी में इस मामले पर लोग सड़कों पर आ चुके हैं, कोहराम मचा हुआ है।
तस्वीर में जो बच्ची आपको दिख रही है, वो 16 साल की अनुष्का है। अनुष्का मैनपुरी के जवाहर नवोदय विद्यालय में पढ़ रही थीं। इन विद्यालयों में बच्चियों को रहना भी हॉस्टल में होता है। कई दिनों से अनुष्का के घरवालों ने नोटिस किया था कि अनुष्का परेशान रहती हैं। पूछने पर पता लगा कि स्कूल की प्रिंसिपल सुषमा सागर का बेटा और उसके दोस्त अनुष्का को तंग कर रहे थे और मारने की धमकी भी देते थे। घरवाले अभी कुछ करने का सोच ही रहे थे कि 15 सितंबर की शाम अनुष्का का फोन आया। उन्होंने बताया कि फिर से जान से मारने की धमकी दी गई। 16 सितंबर की सुबह अस्पताल से अनुष्का के परिजनों के किसी जानने वाले का फोन आया कि आपकी बेटी की लाश अस्पताल में देखी। 
घरवाले पहुंचे तो प्रिंसिपल मौजूद थीं। उन्होंने न पुलिस बुलाई, न अनुष्का के घरवालों को बताया, उसकी बॉडी लेकर खुद अस्पताल पहुंच गईं। वजह पता लगी कि अनुष्का ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घरवालों से सामना हुआ, प्रिंसिपल से कहासुनी हुई और उसके बाद प्रिंसिपल फ़रार। अब होता ये है कि जवाहर नवोदय विद्यालयों के मैनेजर, इलाके के डीएम होते हैं। बाकी आप सब समझदार हैं ही! 
पुलिस अफसर सीधा डिक्लेअर करते हैं कि प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या है। जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गले पर जो निशान हैं वो ‘V’ शेप (जो कि फांसी पर झूलने से बनते हैं) हैं, बल्कि पूरे राउंड हैं। पूरे मामले पर भयंकर लीपापोती जारी है। 
‘हिंदुस्तान’ में मामला सामने आने के बाद से ही मैनपुरी एडिशन में पूरा तान के खबर छप रही है। (कमेंट में देखें) लेकिन मजाल है कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया या डिजिटल मीडिया पर इसकी कोई कवरेज हो जाए!
मेरी लिस्ट में मौजूद पत्रकारों से ये निवेदन है कि प्लीज़ ध्यान दें इसपर। 16 साल की बच्ची थी यार…
बाकी लोग शेयर तो कर ही दें प्लीज़। क्या पता किसी सही जगह पहुंच जाए!
Subodh Mishra
बारहाल अनुष्का की मौत भोगांव नवोदय पर सबसे बड़ा कलंक, पुलिस जुटी मौत की गुत्थी सुलझाने में