सेना ने 13 आतंकियों को किया ढे़र, तीन जवान शहीद

रविवार को कश्मीर में सुरक्षाबलों ने आतंकियों के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की। दक्षिण कश्मीर के शोपियां और अनंतनाग में तीन मुठभेड़ों में तेरह आतंकियों को मार गिराया गया। मारे गए आतंकियों में शहीद लेफ्टिनेंट उमर फैयाज के दो कातिल रईस व इशफाक शामिल हैं। इस दौरान तीन सैन्यकर्मी शहीद और छह अन्य सुरक्षाकर्मी जख्मी हुए। चार नागरिकों की क्रॉसफायरिंग की चपेट में आकर मौत हो गई। चार मकान क्षतिग्रस्त हुए। वहीं मुठभेड़ के दौरान हिंसक भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को फायरिंग भी करनी पड़ी। हिंसक झड़पों में 50 से ज्यादा लोग जख्मी हैं जिनमें से छह को गोली लगी है। एक अन्य आतंकी ने सरेंडर किया। हालात तनावपूर्ण होते देख प्रशासन ने शोपियां, पुलवामा, अनंतनाग व कुलगाम के विभिन्न हिस्सों में निषेधाज्ञा लागू करने के साथ दक्षिण कश्मीर में इंटरनेट सेवा ठप कर दी है। बनिहाल-श्रीनगर रेल सेवा को अगले आदेश तक स्थगित करने के साथ दो अप्रैल को कश्मीर में शिक्षण संस्थानों में अवकाश घोषित कर दिया गया है।

कश्मीर के किसी भीतरी इलाके में एक साथ तीन मुठभेड़ों में 13 आतंकियों के मारे जाने का यह पहला मामला है। सात आतंकी द्रगड़ में और पांच कचडूरा में मारे गए हैं। कचडूरा में सिपाही हैतराम गोडारा, लांसनायक निलेश सिंह और अरविंदर समेत तीन सैन्यकर्मी शहीद और द्रगड़ में नायक श्रीकांत और सिपाही हरिओम गोली लगने से जख्मी हुए। द्रगड़ में मुश्ताक अहमद ठोकर, कचडूरा में जुबैर, मेहराजूदीन और इकबाल नामक स्थानीय शहरी क्रॉसफायरिंग की चपेट में आकर मारे गए। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि शोपियां के द्रगड़ व कचडूरा में आतंकियों के दो अलग-अलग गुटों के छिपे होने की सूचना पर बीती रात सेना,पुलिस और सीआरपीएफ जवानों ने मिलकर दो अभियान शुरू किए। द्रगड़ में मुठभेड़ सुबह पांच बजे शुरू हुई जो सवा नौ बजे तक जारी रही। इसमें मारे गए सभी सात आतंकी स्थानीय हैं। ये वहां कथित तौर पर आइपीएस अधिकारी के निर्माणाधीन मकान में छिपे थे। इसका नाम इनाम उल मेंगनू बताया जाता है।