पंचेश्वर बांध सवालों के घेरे में

 
जगमोहन रोंतेला
इतने खतरनाक भूस्खलन व कमजोर पहाड़ों के बाद भी हमारी सरकारें पंचेश्वर जैसे भयावह बड़े बॉधों को को बनाने के लिए तत्परता से जुट गई हैं . कुछ गॉव , कुछ सभ्यताएँज व कुछ संस्कृतियॉ डूब भी जॉय तो क्या फर्क पड़ता है ? आखिर हमारे रहनुमा लोकतंत्र के महलों में सुरक्षित तो हैं ही ! वे तो हर जायज – नाजायज कामों को ” विकास ” के लिए जरुरी बता देते हैं ! जिसके खिलाफ बात करना व खड़े होना विकास का विरोधी घोषित हो जाता है . विकास विरोधी मतलब ” देश विरोधी ” ! अब कोई भी अपने ऊपर ” देशविरोधी ” जैसा कलंक क्यों लगने देगा ? बस ! यहीं से हमारी सरकारों की राह पंचेश्वर जैसे बड़े विनाशकारी बॉधों को बनाने के लिए आसान हो जाती है .
*** यह फोटो अल्मोड़ा – बेरीनाग मार्ग में सड़क से लगे गॉव में दो साल पहले हुए भूस्खलन का है . जिसमें कई घर तबाह हो गए थे .