ऐसे थे अरुण जेटली…इस महान आत्मा काे नमन

ऐसे थे अरुण जेटली…….
इस महान आत्मा काे नमन…..
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दिल्ली यूनिवर्सिटी में काउंसिलिंग के समय एडमिशन फीस 5 रुपया उन दिनों था!!

एक कमरे के किराये के घर में मां बाप और 7 बहनों के साथ रहने वाला एक गरीब लड़का अपने ग्रेजुएशन में काउंसिलिंग के समय से 1 घण्टा लेट पहुँचा…हाँफते हुए वो काउंटर के पास गया तो समय निकल चुका था…

काउंटर से कर्मचारी पूछा…”अभी तक कहा थे, समय पे नही आ सकते ,क्यों लेट हुआ?”…
लड़के ने जवाब दिया..”सर किराये के पैसे नही थे इसलिए सुबह से ही पैदल चल के आ रहा हूँ”..

बहुत रिक्वेस्ट के बाद किसी कॉन्सिलिंग के लिए डॉक्यूमेंट ले लिया जाता हैं, और कुछ देर पास लड़का फिर रिक्वेस्ट करता हुआ वहां गिड़गिड़ाता है…”सर बाकी कल जमा कर देंगे, हमारी ओरिजिनल डॉक्यूमेंट आप रख लीजिए,हम कल काउंटर खुलने से पहले ही कर देंगे जमा”….

कर्मचारी:- नही नही!! आज ही रसीद कटेगी, तो आज ही करो नही तो मैं कुछ नही कर सकता….

लड़का फिर गिड़गिड़ाता हैं ….कि उसके पीछे से कोई कंधे पे हाथ रख के …काउंटर पर कर्मचारी से सवाल करता हैं….”क्यों परेशान कर रहे हो इसे, और इतनी बतमीजी से कौन कहा बात करने को??

अरे अरुण जी, 5 रुपया फीस हैं, और 3 रुपया ही जमा कर रहा हैं ये लड़का,हम कैसे रसीद काट दें!

तत्कालीन छात्र संघ अध्यक्ष अरुण जेटली ने उस लड़के से उसकी स्थिति जानी ….और फिर बाकी 2 रुपया जेब से निकल के उस लड़के की फीस जमा कर दी!!

लड़का काउंसिलिंग पूरी करने के बाद थोड़ी दूर खड़े अरुण जेटल को थैंक-यू बोलने गया….जेटली ने कहा अब तो तुम्हारे पास चाय पीने के भी पैसे नही होंगे….आओ मैं तुम्हे चाय पिलाने ले चलता हूँ!!

वो लड़का, आज डीडीसी एसोसिएशन का प्रेजिडेंट , न्यूज़ ब्राडकास्टिंग एसोसिएशन चेयरपर्सन और इंडिया टीवी का मालिक #रजत_शर्मा हैं!!

अरूण जेटली के बच्चों ने चाणक्यपुरी स्थित कार्मल कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ाई की। उन्होंने अपने ड्राइवर और निजी स्टाफ के बच्चों को भी
इसी स्कूल में पढ़ाया।

महान व्यक्तित्व मरने के बाद भी दूसरों के जिंदगियो में जिंदा रहता हैं, ऐसे महान व्यक्तित्व स्व० अरुण जेटली जी को नमन!! -आपातकाल के सेनानी विद्यार्थी परिषद के स्तंभ रहे पूर्व वित्त व रक्षा मंत्री श्रद्धेय अरुण जेटली जी को श्रद्धांजलि
ईश्वर शरणागति दे- सौजन्य – विजेन्द्र रावत