शांति वार्ता के मध्य चीन द्वारा हमारे सैनिकों पर आक्रमण निंदनीय – मुख्यमंत्री उत्तराखंड

परस्तुति:-हरीश मैैखुरी

‘अक्साई चिन’ : 1962 में चीन ने कब्जा किया.

◆’काराकोरम पास’ : 1963 में चीन ने कब्जा किया.

◆’तीया पंगनक’ : 2008 में चीन ने कब्जा किया.
◆’चाबजी घाटी’ : 2008 में चीन ने कब्जा किया.
◆’डूम चेली’ : 2009 में चीन ने कब्जा किया.
◆’डेमजोक’ : 2012 में चीन ने कब्जा किया.
◆’राकी नूला’ : 2013 में चीन ने कब्जा किया.

‘डोकलाम’ : 2017 में, चीन विफल.

◆’लिपुलेख’ : 2020 में, चीन विफल.
◆’पैंगांग तसो’ : 2020 में, चीन विफल.
◆’गैलवान घाटी’ : 2020 में, चीन विफल. 

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने लद्दाख ग्लवान घाटी में भारत चीन सैनिकों के बीच हुई झड़प में कर्नल सहित शहीद हुए शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि चीन ने एक बार फिर से छलावा किया है। नियमित शांति वार्ता के दौरान चीन ने हमारे सैनिकों पर आक्रमण किया है। लेकिन हमारे सैनिकों ने जो शहादत दी और चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया है, उससे चीन को समझ आ जाना चाहिए कि भारत की सेना किसी का भी सामना कर सकती है। अब चीन की गलतफहमी दूर हो जानी चाहिए। हमारे सैनिक निहत्थे थे, वे बातचीत करने गए थे, धोखे के साथ उनपर आक्रमण किया गया। लेकिन हमारे जवानों ने पराक्रम के साथ जवाब दिया। हमारे सैनिकों की शहादत और वीरता को नमन है।

इस बीच ताईवान के मुख्य समाचार पत्र ने एक फोटो शेयर करते हुए समाचार छापा जिसमें भगवान राम चीनी ड्रैगन का वध करते हुए दिखाये गये हैं। भारती मीडिया के लिए यह एक दर्पण है।