सावधान चांदी बता कर बिक रहा है जर्मन सिल्वर?

  चांदी की जगह पर गिलट बेचना  पुराना धंधा है  लेकिन अब इसमें जर्मन सिल्वर का नाम भी जुड़ गया, इन दिनों  बाजार से  चांदी गायब हो रही है  सुनने में आ रहा है कि चांदी को दवा बनाने वाली कंपनियां  बड़े पैमाने पर ब्लड प्रेशर कम करने की दवा के रूप में प्रयोग कर रही हैं, वहीं मिठाइयों में चांदी का वर्क बनाना पुराना शगल है। लेकिन अब चांदी के आभूषण की शुद्धता लेकर अक्सर शिकायत मिलती है। इसका पता लोगों को तब चलता है, जब चांदी के पुराने आभूषण बेचने जाते हैं और ज्वेेलर उसे जर्मन सिल्वर बताता है। इन दिनों जर्मन सिल्वर को चांदी का आभूषण बता कर बेचने का खेल शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र की ज्वेलरी की दुकानों में खुलेआम चल रहा है। ज्वेलर्स इसमें जम कर मुनाफा कमा रहे हैं। लगन के मौके पर चांदी की पायल, चाबी रिंग, बिछिया, कीया, सिंदूरदानी, चैन, पान पत्ता, मछली आदि की मांग सबसे अधिक होती है। 

भारतीय मानक ब्यूरो (बीएसआइ) के अधिकारियों व रीफिनिटिव के विश्लेषक जीएफएमएस द्वारा तैयार सिल्वर इंस्टीट्यूट के विश्व रजत सर्वेक्षण 2019 के अनुसार चांदी के नाम पर खेल हो रहा है। सामान्य तौर पर जर्मन सिल्वर और चांदी के बीच कोई अंतर नहीं दिखता। जर्मन सिल्वर के बने आभूषण मुख्य रूप से आगरा, मथुरा, कोलकाता,राजकोट व अहमदाबाद से पूरे देश में आपूर्ति होते है। इन पर हॉलमाकिंर्ग एक फीसद भी नही है।
कैरोमीटर नाम का उपकरण चांदी के सिक्के या बर्तन में शुद्धता बताता है। सराफ कसौटी पत्थर रखते हैं। चांदी का सिक्का उस पर रगड़वाएं। लकीर सफेद है तो शुद्ध चांदी है और पीली है तो इसमें तांबा, जस्ता, रांगा और एल्युमीनियम अधिक मिला है। इसी तरह चांदी के सिक्के को लोहे की रेती से साफ कर सकते हैं और साफ हिस्से पर सल्फ्यूरिक एसिड डाल सकते हैं। अगर रंग काला हुआ तो सिक्का शुद्ध है और हरा हुआ तो अशुद्ध। सिक्के को लोहे के ठोस टुकड़े पर मारकर देखें, यदि खनक की आवाज अधिक है तो सिक्का अशुद्ध है।
असली और नकली सिक्कों की पहचान उसकी खनक से भी की जाती है। धातु पर असली चांदी का सिक्का गिराने पर भारी आवाज आती है, जबकि नकली सिक्का लोहे की तरह खनकता है। प्राचीन और विक्टोरियन सिक्के गोल व घिसे रहते हैं, जबकि नकली सिक्कों के किनारे कोर खुरदुरी रहती है।
सिल्वर मैग्नेटिक धातु नहीं होती। इस टेस्ट के लिए सामान्य से ज्यादा पावर वाले मैग्नेट की जरूरत होगी, जो हार्डवेयर की दुकान से मिल जाएगा। नकली चांदी मैग्नेट की ओर अट्रैक्ट होगा। जबकि असली सिल्वर मैग्नेट की ओर अट्रैक्ट नहीं होता है।
चांदी असली है या नकली, इसके लिए एक बर्फ का टुकड़ा चांदी पर रखें। किसी दूसरे धातु के मुकाबले चांदी पर रखी बर्फ ज्यादा तेजी से पिघलेगी, क्योंकि थर्मल एनर्जी तेजी से बर्फ में ट्रांसफर होती है।
अगर चांदी के वर्क को हाथ में रखकर हथेली के बीच रगड़ेंगे, तो यह गायब हो जाएगा। लेकिन अगर चांदी के वर्क में मिलावट है, तो यह एक बॉल के रूप में एकट्ठा हो जाएगा। चांदी का वर्क लगी कोई भी मिठाई लेकर इसे अपनी अंगुली पोंछने का प्रयास करें। अगर पोंछते समय यह आपके हाथ में चिपकता है, तो इसका मतलब है इसमें एल्युमिनियम है। लेकिन अगर यह आपके हाथ में नहीं चिपकता और गायब हो जाता है, तो यह पूरी तरह सुरक्षित है।
सोने की तरह चांदी की भी हौलमाकिंर्ग होती है। सोने में जहां शुद्धता के लिए कैरेट बताया जाता है, वहीं चांदी में शुद्धता के लिए फीसद को आधार माना जाता है। चांदी के बार पर शुद्धता लिखी होती है। जैसे 99.9 फीसद या 95 फीसद। यद्यपि सोने चांदी की गुणवत्ता के परीक्षण के लिए अनेक मापक मानदंड और एजेंसियां हैं लेकिन इन एजेंसियों की आंख में धूल झोंकने वाले शातिर बदमाशों की भी कमी नहीं है वह हमेशा अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में कानून की आंखों में धूल झोंक ते रहते हैं और इसी का शिकार बनता है जीवन भर अपनी खट्टी कमाई को आभूषणों पर लगाने वाला गरीब आदमी(साभार – पर्वतीय निशांत)