बिगब्रेकिंग – न्यायालय ने चारधाम यात्रा पर लगी रोक हटाई, लेकिन कोरोना के दृष्टिगत लगे कुछ प्रतिबंध

उच्च न्यायालय ने जो चारधाम यात्रा पर रोक लगाई थी आज उस रोक को कुछ प्रतिबंधों के साथ हटा दिया है। मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने केदारनाथ धाम में प्रतिदिन 800 भक्त या यात्रियों, बद्रीनाथ धाम में 1200,  गंगोत्रि में 600, यमनोत्री धाम में कुल 400 यात्री जाने की अनुमति दी है। मुख्य न्यायाधीश आर.एस.चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में महाधिवक्ता एस.एन.बाबुलकर और मुख्य शासकीय अधिवक्ता सी.एस.रावत ने चारधाम यात्रा पर सरकार की तैयारियों की जानकारी दी । इस दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता शिव भट्ट ने चारधाम में भक्तों और यात्रियों की सुरक्षा संबंधी बिंदुओं को इंगित भी किया। 

न्यायालय ने हरेक यात्री को कोविड नेगेटिव रिपोर्ट और दो वैक्सीन का सर्टिफिकेट ले जाना होगा । चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में होने वाली चारधाम यात्रा के दौरान आवयश्यक्तानुसार पुलिस फोर्स लगाने को कहा है। भक्त किसी भी कुंड में स्नान नहीं कर सकेंगे।सकार ने न्यायालय से चारधाम यात्रा पर लगाए गए स्टे को हटाने की मांग की ।  उन्होंने कहा कि कोविड महामारी का संक्रमण अब पहले से बहुत कम हो गया है। चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में पड़ने वाले चारों धामों में भक्तों और यात्रियों के लिए स्वास्थ्य आपातकाल की विशेष सुविधा के लिए जोर दिया गया है। चारधाम यात्रा शुरू होने से जहां सरकार ने राहत की सांस ली वहीं श्ररद्धालुओं को सीमित में दर्शनों की अनुमति से यात्रियों में खासी निराशा और मायूसी है। चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड  की ओर से कहा गया कि यात्रा पर लगी रोक हटने के बाद चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड यात्रा व्यवस्थााओं के लिए तत्पर है।