बीआरओ ने 25 दिनों में बना दिया 200 फीट स्पान का वैलीवृज, सीमाओं से जुड़ा संपर्क

रिपोर्ट ✍️अंशु रावत

7 फरवरी 2021 को ऋषि गंगा में ग्लेशियर टूटने के बाद बहुत बड़े स्तर पर जनमानस का नुकसान हुआ था जिसके बाद शासन और प्रशासन के लोग लगातार इस क्षेत्र में लापता लोगों को खोजने और आपदा से क्षतिग्रस्त हुई व्यवस्थाओं को ठीक करने में लगे हुए थे आपदा के लगभग 1 माह बाद नीति घाटी को जोड़ने वाला मोटर पुल बीआरओ द्वारा वैकल्पिक रूप से बना लिया गया है जिस पर वाहनों की आवाजाही शुरू होने से क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली है वहीं सेना के जवानों को भी आप किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा

  1. हाईवे पर पुल क्षतिग्रस्त होने के बाद बीआरओ ने 25 दिनों में वैकल्पिक पुल किया तैयार
    -रैंणी आपदा के मलारी हाईवे पर क्षतिग्रस्त रैणी पुल के विकल्प के तौर पर बीआरओ ने शुक्रवार को विधिवत संचालन शुरु कर दिया है। यहां बीआरओ के चीफ इंजीनियर एएस राठौरा और अधिकारियों ने वाहनों की आवाजाही करवाकर पुल का शुभारंभ किया। पुल का संचालन शुरु होने से अब नीति घाटी के 13 गांवों की आवाजाही सुचारु हो गई है।
    बता दें कि 7 फरवरी को ऋषिगंगा नदी में आई जल प्रलय के दौरान रैंणी में जोशीमठ-मलारी हाईवे पर बना मोटर पुल क्षतिग्रस्त हो गया था। जिससे यहां नीति घाटी के 13 गांवों का सड़क सम्पर्क बाकी दुनियां से टूट गया था। जिसके बाद यहां बीआरओ की ओर से यहां 25 दिनों में वैली ब्रिज बनाकर तैयार कर दिया है। बीआरओ की ओर से यहां 200 फीट स्पान के पुल का निर्माण किया गया है। पुल के दोनों को स्थिर भूमि की अनउपलब्धता के चलते पुल का निर्माण तीन मंजिला फेब्रिकेशन वर्क के साथ किया गया है।

पुल का निर्माण रिकार्ड वक्त में पूर्ण किया गया है। मलबा हटाने के बाद 8 दिनों में पुल को जोड़ने का कार्य पूरा किया गया है। पुल से वाहनों की आवाजाही सुचारु कर दी गई है। अब जल्द ही यहां स्थाई पुल निर्माण कार्य भी शुरु किया जाएगा।
एएस राठौर, चीफ इंजीनियर, बीआरओ।7 फरवरी 2021 को ऋषि गंगा में ग्लेशियर टूटने के बाद बहुत बड़े स्तर पर जनमानस का नुकसान हुआ था जिसके बाद शासन और प्रशासन के लोग लगातार इस क्षेत्र में लापता लोगों को खोजने और आपदा से क्षतिग्रस्त हुई व्यवस्थाओं को ठीक करने में लगे हुए थे आपदा के लगभग 1 माह बाद नीति घाटी को जोड़ने वाला मोटर पुल बीआरओ द्वारा वैकल्पिक रूप से बना लिया गया है जिस पर वाहनों की आवाजाही शुरू होने से क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली है वहीं सेना के जवानों को भी आप किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा

  1. हाईवे पर पुल क्षतिग्रस्त होने के बाद बीआरओ ने 25 दिनों में वैकल्पिक पुल किया तैयार
    -रैंणी आपदा के मलारी हाईवे पर क्षतिग्रस्त रैणी पुल के विकल्प के तौर पर बीआरओ ने शुक्रवार को विधिवत संचालन शुरु कर दिया है। यहां बीआरओ के चीफ इंजीनियर एएस राठौरा और अधिकारियों ने वाहनों की आवाजाही करवाकर पुल का शुभारंभ किया। पुल का संचालन शुरु होने से अब नीति घाटी के 13 गांवों की आवाजाही सुचारु हो गई है।
    बता दें कि 7 फरवरी को ऋषिगंगा नदी में आई जल प्रलय के दौरान रैंणी में जोशीमठ-मलारी हाईवे पर बना मोटर पुल क्षतिग्रस्त हो गया था। जिससे यहां नीति घाटी के 13 गांवों का सड़क सम्पर्क बाकी दुनियां से टूट गया था। जिसके बाद यहां बीआरओ की ओर से यहां 25 दिनों में वैली ब्रिज बनाकर तैयार कर दिया है। बीआरओ की ओर से यहां 200 फीट स्पान के पुल का निर्माण किया गया है। पुल के दोनों को स्थिर भूमि की अनउपलब्धता के चलते पुल का निर्माण तीन मंजिला फेब्रिकेशन वर्क के साथ किया गया है।

पुल का निर्माण रिकार्ड वक्त में पूर्ण किया गया है। मलबा हटाने के बाद 8 दिनों में पुल को जोड़ने का कार्य पूरा किया गया है। पुल से वाहनों की आवाजाही सुचारु कर दी गई है। अब जल्द ही यहां स्थाई पुल निर्माण कार्य भी शुरु किया जाएगा।
एएस राठौर, चीफ इंजीनियर, बीआरओ।