लाखों घरों पर चलेगा बुलडोजर

स्वीकृति के बिना दिल्ली में बने लाखों घरों पर बुलडोजर चलने का खतरा मंडराने लगा है, क्योंकि इसे बचाने के लिए लोकसभा में पारित अस्थायी कानून (दिल्ली स्पेशल प्रोविजन एक्ट 2014) की अवधि अगले महीने दिसंबर में समाप्त हो जाएगी। इस कानून के तहत 1 जून, 2014 तक हुए निर्माण को सुरक्षा कवच प्रदान किया गया था। इस दौरान मकानों व व्यावसायिक इमारतों को नियमित किया जाना था, लेकिन इसके लिए अरविंद केजरीवाल सरकार व भाजपा शासित नगर निगमों ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। वहीं, इस दौरान अवैध निर्माण भी धड़ल्ले से होते रहे। अब इन सभी निर्माणों पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं।

राजधानी को सीलिंग और तोड़फोड़ से बचाने के लिए वर्ष 2008 में स्पेशल प्रोविजन एक्ट लाकर 2007 तक हुए निर्माण पर कार्रवाई नहीं करने का फैसला किया गया था। पहले इस कानून को एक-एक साल के लिए और 2011 में तीन साल के लिए बढ़ाया गया था। इसके बाद दिसंबर, 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार ने भी लोकसभा में प्रस्ताव पारित कर इसकी अवधि दिसंबर, 2017 तक बढ़ा दी थी। इसके तहत जून, 2014 तक हुए निर्माण को शामिल किया गया था। उस समय यह उम्मीद की गई थी कि तीन साल के भीतर इन निर्माणों को नियमित करने के लिए जरूरी कानूनी प्रक्रिया अपनाई जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

दिल्ली प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर का कहना है कि इस स्थिति के लिए केजरीवाल सरकार जिम्मेदार है। सरकार अनधिकृत कॉलोनियों में हुए निर्माणों को नियमित करने के लिए कानून बनाने में विफल रही है। दिल्ली के मास्टर प्लान में कई इलाकों को व्यावसायिक और मिश्रित उपयोग का घोषित किया गया है। इसी तरह से केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने भी कई राहत दी है, लेकिन दिल्ली सरकार ने इस पर अमल नहीं किया। नगर निगमों को नियमित करने का काम के लिए फंड भी उपलब्ध नहीं कराया गया। इससे दिल्ली में रह रहे करोड़ों लोग संकट में आ गए हैं।

कई स्थानों पर तोड़फोड़ की धमकी देकर लोगों से उगाही भी शुरू कर दी गई है। ऐसे में दिल्लीवासियों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार अस्थायी कानून की अवधि को दिसंबर, 2020 तक बढ़ाए और इसमें अब तक हुए सभी निर्माण को शामिल करे। इन्हें नियमित करने के लिए दिल्ली सरकार व निगमों को जरूरी निर्देश भी दिया जाना चाहिए। उन्होंने केंद्रीय विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी, दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी को पत्र लिखकर भी दिल्लीवासियों को राहत देने की अपील की है।