बड़े हादसे का शिकार होने से बची शताब्दी एक्सप्रेस

शताब्दी एक्सप्रेस नई दिल्ली से देहरादून आते समय बड़े हादसे का शिकार होने से बच गई। ट्रेन के सी-11 कोच के डेस्कपोट का हेलीकल स्प्रिंग टूटा हुआ था और उसी पर ट्रेन दून पहुंच गई। जब यहां मेंटेनेंस स्टॉफ ने बोगी चेक की तो सच्चाई सामने आई। जिसके बाद आनन-फानन में रवाना होने वाली ट्रेन से इस कोच को हटा दिया गया। इस कोच के यात्री दूसरे कोचों में शिफ्ट किए गए। तकनीकी जानकारों की मानें तो यदि उसी स्थिति में ट्रेन रवाना कर दी जाती तो डोईवाला तक का सफर करना भी मुश्किल रहता। शुक्र है कि वक्त रहते लापरवाही पकड़ में आ गई।

लगातार हो रहे रेल हादसों के बावजूद रेलवे की कार्यप्रणाली सुधरने का नाम नहीं ले रही। सोमवार को शताब्दी एक्सप्रेस का मामला बड़ी लापरवाही का ही नतीजा है। गनीमत रही कि ट्रेन और यात्री सकुशल दून पहुंच गए। शताब्दी एक्सप्रेस दोपहर करीब पौने एक बजे दून पहुंचती है और प्लेटफार्म नंबर तीन पर ही खड़ी होती है। दरअसल, इस ट्रेन में 18 कोच आते हैं, जबकि दून आने वाली सामान्य ट्रेनों में 12-13 कोच आते हैं। चूंकि, बाकी प्लेटफार्म की लंबाई छोटी है, लिहाजा शताब्दी का मेंटेनेंस कार्य प्लेटफार्म नंबर तीन पर ही किया जाता है।

सोमवार दोपहर ट्रेन आने के बाद मेंटेनेंस स्टॉफ बोगी के नीचे जांच कर रहा था कि तभी देखा कि सी-11 कोच का हेलीकल स्प्रिंग पूरी तरह क्रैक था। तकनीकी स्टॉफ हैरान रह गया कि इस हालात में गाड़ी दून तक कैसे आ गई। उन्होंने तत्काल आला अधिकारियों को सूचना दी।