चमोली: शादी के बहाने गरीब घरों की बेटियों के सौदागर!! पुलिस और बाल कल्याण विभाग का काम एक शिक्षक ने किया

✍️हरीश मैखुरी
भले ही आज का विषय चमोली जनपद के पोखरी विकास खंड का है, यहां ग्राम सभा की अनुसूचित जाति बस्ती बनखुरी की 14 वर्षीय बालिका राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय हरिशंकर में कक्षा 8 की छात्रा को बेचने ले घटना एक शिक्षक ने शोशल मीडिया पर उठाई है। लेकिन उत्तराखंड के  लगभग सभी पर्वतीय जनपदों के साथ ही कुछ मैदानी इलाकों में भी  गरीब घर की बेटियों  का सौदा करने वाले दलाल  सालों से सक्रिय हैं।
यहां तक कि प्रदेश से बाहर भी मैदानी क्षेत्रों के दलालों जैसे हरियाणा मुजफ्फरनगर मेरठ नजीमाबाद आदि क्षेत्रों के दलाल भी यहां उत्तराखंड की बेटियों के इन दलालों से भी मिले हुए हैं। इसी आधार पर इनका नेटवर्क  उत्तराखंड के गांव-गांव में सक्रिय है। यह दलाल  थोड़े बहुत पैसे के लालच में गरीब घरों की बेटियों पर नजर गड़ाए रहते हैं और  शादी के नाम पर उनका सौदा पता करने में  सक्रिय रहते हैं।  वे बेटियों को ताड़ते रहते हैं, यह धंधा उत्तराखंड में वर्षो से चल रहा है । गरीब की बेटी के हाथ मांगने के लिए इन उक्त वर्णित इलाकों हरियाणा मुजफ्फरनगर मेरठ नजीमाबाद आदि क्षेत्रों से लोग शादी के लिए आ रहे हैं भाई घोर सतयुग। दया कुछ गड़ बड़ हो रहा है। ये दाल में काला नहीं अपितु पूरी दाल ही काली है। 
ताजा मामला चमोली जिले की तहसील पोखरी का आया है यहां के एक शिक्षक उपेंद्र सती एक मामले में  एक बालिका को न्याय दिलाने के लिए  आगे आए हैं। उन्होंने शोशल मीडिया पर वीडियो के माध्यम से उक्त प्रकरण उठाया। श्री सती ने कहा कि इस प्रकार अबोध बच्चियों को बेचने, दुराचार के मामले बड़ी संख्या में बेरोटोक चल रहे हैं और समाज के कुछ दुश्मनों ने इसे व्यवसाय बना लिया है। इसके बाद पुलिस ने मामले में प्राथमिकी भी दर्ज कर ली है। लेकिन सभी लड़कियों की किस्मत  इतनी अच्छी नहीं है और सभी लोग इतने सक्रिय भी नहीं हैं  ज्यादातर लोग  ‘फुंड फुक्का’ वाली स्थिति में रहते हैं  छोड़ो हमें क्या लेना देना है, होने दो, जाने दो कहते हुए देखे जा सकते हैं। लेकिन हम ऐसी लापरवाही करते रहेंगे तो यह बेटी बचाओ अभियान बेटी पढ़ाओ अभियान का अपमान होगा । आवश्यकता है हम सभी को  इसी तरह से जागरूक और सक्रिय रहने  की। ब्रेकिंग उत्तराखंड डॉट कॉम की ओर से पोखरी विकास क्षेत्र के विद्वान शिक्षक  उपेंद्र सती को  बहुत-बहुत साधुवाद  उन्होंने अपने शिक्षक दाायित्व के साथ साथ पुलिस और बाल कल्याण विभाग का भी जिम्मा बखूबी निभाया है।
अपडेट :—इस समाचार का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने प्रदेश में ह्यूमन ट्रैफिकिंग के मामलों को पूरी तरह से रोकने के लिए आज बीजापुर हाउस में आयोजित बैठक में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों को पुख्ता कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं। साइबर अपराध और बच्चों व महिलाओं के प्रति किए जाने वाले अपराध के मामलों को कार्रवाई के लिए सीधे रेगुलर पुलिस को सौंपने के निर्देश दिए।
 इस प्रकरण में  वरिष्ठ अधिवक्ता  कालिका प्रसाद काला ने भी  आगे आकर  मदद करने की पेशकश की है  उन्होंने लिखा है कि 
“मातृपितृ विहीन बच्चों की दुर्गति है, मातृपितृ विहीन बेटियों को ऐसे निपटाया जाता है। श्री उपेन्द्र सती जी वरिष्ठ अध्यापक हैं। और उनके स्कूल की एक 14 वर्षीय बेटी को उसके अपने पिता ने ही 6000 रू0 लेकर एक 32 वर्षीय शराबी मजदूर के साथ विवाह करवा दिया।
ये कोई अकेली घटना नहीं है। सती जी बता रहे हैं कि इस प्रकार की  कयी घटनायें  पहले भी हो चुकीं हैं।
ये होता है माता विहीन या पिता विहीन बेटियों के साथ। हमारे समाज यें भी और हमारे शासन तंत्र ने भी और हमारे राजनैतिक नेतृत्व ने भी ऐसे मातृपितृ विहीन बच्चों की सुरक्षा, शिक्षा दीक्षा, पालन-पोषण के लिए कोई व्यवस्था बनाई ही नहीं है। इन  बच्चों को उनके अपने भाग्य के भरोषे छोड़ दिया जाता है। दुर्भाग्य है।
इस मामले को सामने लाने के लिए श्री उपेन्द्र सती का एडवोकेट काला ने आभार जताया और इस पुनीत कार्य में अपनी संस्था PDGRB TRUST की ओर से इस बेटी की सतत शिक्षा के लिए शैक्षिक सहायता देने की सती जी से और स्कूल के प्रधानाचार्य जी से PROMISE किया। उन्होंने इसका आवेदन  पत्र मंगाया है 
 वयोवृद्ध पत्रकार रमेश पहाड़ी लिखते हैं 
 “चमोली जिले की पोखरी तहसील की ग्राम सभा खन्नी के अंतर्गत एक नाबालिग लड़की को बेचने और उसके साथ दुर्व्यवहार का एक गम्भीर मामला प्रकाश में आया है। ग्राम सभा की अनुसूचित जाति बस्ती बनखुरी की 14 वर्षीय बालिका राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय हरिशंकर में कक्षा 8 की छात्रा है। कोरोना की बंदी के बाद जब विद्यालय खुला और छात्रा विद्यालय नहीं आई तो शिक्षक उपेंद्र सती जी ने उसकी ढूँढ खोज की। पता चला कि उसकी शादी पिता ने कुछ रुपयों के लालच में एक 25 वर्षीय युवक से कर दी है। कुछ दिन मौज-मस्ती के बाद तथाकथित पति ने बालिका की पिटाई शुरू कर दी। शिक्षक ने पता किया तो वह अपने मायके में मिली। श्री सती ने उसे स्कूल आने और उसकी पढ़ाई आगे जारी रखने का खर्चा उठाने की जिम्मेदारी ली तो डरी-सहमी बालिका बड़ी मुश्किल से तैयार हुई। उन्होंने आशंका व्यक्त की है कि इस प्रकार अबोध बच्चियों को बेचने, दुराचार के मामले बड़ी संख्या में बेरोटोक चल रहे हैं और समाज के कुछ दुश्मनों ने इसे व्यवसाय बना लिया है।
यह अत्यंत गम्भीर मामला है और इसकी तुरन्त रिपोर्ट दर्ज कर बाल शोषण व महिला उत्पीड़न कानूनों के अंतर्गत कार्यवाही होनी चाहिए। मीडिया में भी इसे प्रकाशित-प्रसारित किया जाना चाहिए। प्रशासन के साथ ही न्यायालय भी इसका संज्ञान ले सके तो त्वरित व प्रभावी कार्यवाही सम्भव है। उस युवक, लड़की के पिता, बिचौलियों के विरुद्ध पोक्सो एक्ट में कठोर कार्यवाही हो सकती है। चमोली की जिलाधिकारी वन स्टॉप सेंटर से भी कार्यवाही को आदेशित कर सकती हैं।
आदर्श शिक्षक उपेंद्र सती जी को हार्दिक धन्यवाद कि उन्होंने इस प्रकरण को उजागर करने के साथ ही बालिका की शिक्षा व पोषण की जिम्मेदारी ली है। यह अत्यंत साहसी और मानवीय कदम है। इस मामले में पुलिस-प्रशासन की नींद भी टूटनी चाहिए और कानूनों के अंतर्गत कठोर कार्यवाही अवश्य होनी चाहिए ताकि समाज के इन कुकर्मियों पर प्रभावी अंकुश लगे। शिक्षक को इन असामाजिक तत्वों से समुचित संरक्षण भी सुलभ कराया जाना चाहिए और उन्हें राज व समाज से प्रोत्साहित भी किया जाना चाहिये।”