षड्यंत्र के तहत लगाए जा रहे आरोप, जांच पूरी होने का तो इंतज़ार किया होता: रमेश भट्ट

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के मीडिया सलाहकार रमेश भट ने कहा है कि “सोशल मीडिया में, कुछ न्यूज़ पोर्टल में मुझसे जुड़ा एक समाचार तैर रहा है। उसके बारे में स्पष्ट कर दूं कि यह समाचार असत्य है, भ्रामक हैं और इसका सच्चाई से कुछ भी लेना देना नहीं है। किसी पर आरोप लगाकर किसी व्यक्ति की सामाजिक प्रतिष्ठा कुछ समय के लिए प्रभावित की जा सकती है, लेकिन सत्य, सत्य होता है। आरोप लगाना और प्रमाणित करना दोनों में जमीन आसमान का अंतर है। मैं एक स्वच्छ छवि के राजनेता की टीम का सदस्य हूं और अपनी व्यक्तिगत तथा सामाजिक जिम्मेदारियों को बख़ूबी जानता हूं। खबरों में मुझ पर जमीन पर कब्जे का आरोप लगाया गया है। मेरे जानने वाले मित्रों, शुभचिंतकों के लिए यह हास्यास्पद के अतिरिक्त कुछ नहीं है। मैं सामान्य पृष्ठभूमि से आता हूं, आरोप लगाने वाले सज्जनों की पृष्ठभूमि भी खंगाल ली जानी चाहिए कि कौन इन कृत्यों का पेशेवर और माहिर हैं, किन पर ग़ैरक़ानूनी कब्जे, सैंकड़ों मुकदमे,आय से अधिक के साथ साथ बेनामी संपत्ति के आरोप हैं। मेरा अपने सभी मित्रों से विशेषकर मीडिया के मित्रों से एक मूलतः मीडियाकर्मी होने के नाते अनुरोध है।पूरे प्रकरण में सच्चाई का साथ दें। आरोप लगाने वाले सज्जनों का आभार प्रकट करूंगा कि उन्होंने सार्वजनिक रूप से मुझे परीक्षण हेतु चुना। दूध का दूध और पानी का पानी होने तक प्रतीक्षा करें, मैंने स्वयं जांच का अनुरोध किया है।जाँच जारी है।”
उनके इस कथन पर शोशल मीडिया में भारी समर्थन भी मिल रहा है। पंकज नैथानी ने लिखा” झूठ के पांव नहीं होते….वैसे भी जब राजा ईमानदार हो और चोर उसका बाल बांका न कर सके हों, तब वो अपनी कुटिलता जीवित रखने के लिए ईमानदार व्यक्ति के करीबियों को निशाना बनाते हैं।खैर ये उत्तराखण्ड का दुर्भाग्य है कि यहां कुछ नहीं, काफी पत्रकार एक विशेष लॉबी और माफियाओं के चाटुकार बने हैं। उन्हें किसी की कामयाबी रास नहीं आती इसलिए सब नौटंकी हो रही है। सत्य कुछ समय परेशान जरूर होता है लेकिन पराजित नहीं। झूठे आरोप लगाने वाले भी जल्द बेनकाब होंगे।”

दया शंकर पांडे ने लिखा “एक युवा और इमानदार पत्रकार लाखों रुपए की नौकरी छोड़कर जनसेवा के लिए अपने मूल उत्तराखंड लौटा लेकिन वह कभी भी यहां के कुछ लोगों को नहीं पचा श्री भट्ट जी की सक्रियता और जनसेवा के कारण आने वाले समय में भीमताल के लोग उन्हें भावी विधायक के रुप में देख रहे हैं लगता है षड्यंत्र इसी राजनीति का हिस्सा है। खैर दाजू सांच को आंच नहीं हम सब जानते हैं आपके बारे में जमीन से जुड़े आदमी पर आरोप लगाना कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन आप वर्तमान समय में जो कार्य कर रहे हैं उससे कई लोगों को सहायता प्राप्त हो रही है आप जनसेवा से बिल्कुल भी विचलित मत होना”