जम्मू-कश्मीर – कुपवाड़ा में शहीद हुए उत्तराखंड के दोनों जवानों को मुख्यमंत्री एवं विधानसभा अध्यक्ष की श्रध्दांजलि

 हरीश मैखुरी

कल जब हम कोरोना महामारी की निराशा के कुहासे के छंटने की कामना से अपने घरों में दीप प्रज्वलित कर रहे थे उसी समय जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में उत्तराखंड के दो घरों के चिराग बुझने की खबर ने उत्तराखंड को गमगीन कर दिया। कल 5 अप्रेल को जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा सैक्टर में सेना द्वारा 9 इस्लामिक आतंकी ढ़ेर कर दिए गए हैं। इस आप्रेशन में कुल 3 जवान भी शहीद  हुए हैं। जिसमें 2 उत्तराखंड के हैं। विकासखंड कल्जीखाल के ग्राम कोला पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले कमांडो अमित अंथवाल मुठभेड़ में शहीद हो गये, शहीद अमित ने #सर्जिकल #स्ट्राइक में भी अपना अहम योगदान दिया था।भारतीय सेना चतुर्थ छाताधारी बटालियन विशेष बल के जवान अमित अंथवाल पुत्र नागेंद्र प्रसाद अंथवाल निवासी ग्राम कोला, विकासखण्ड कल्जीखाल, पौड़ी गढ़वाल घुसपैठियों की मुठभेड में शहीद हो गए । अमित के शहीद होने की खबर जब घर में पहुँची तो घर में मातम पसर गया और गांव के सभी लोग उनके घर पहुँचकर शोकाकुल परिवार को ढांढस बंधाने लगे । अमित के माता पिता और दिल्ली से पहुँची दोनों बहिनों के आँसू थम ही नही रहे है ।
पूर्व प्रधान विमल अंथवाल ने बताया कि अमित जनता इण्टर कॉलेज डांगीधार ने बाहरवीं पास करने के बाद सेना में भर्ती हो गया था । वह लगभग अपने 8 साल की सेवा सेना में दे चुका था । अमित के पिता नागेन्द्र प्रसाद एक किसान है और उनकी माता भगवती देवी गृहणी है । अमित की दो बड़ी बहिने शोभा और पिंकी है जिनकी शादी हो चुकी है । अमित अपने परिवार का इकलौता लड़का था उसके जाने से उसके माता पिता का सहारा छिन गया और वो बिलकुल अकेले हो गये ।
अक्टूबर महीने में अमित की शादी होनी तय हुयी थी और घर में खुशियां आने वाली थी लेकिन विधाता को कुछ और ही मंजूर था । किसी ने सोचा भी नही था कि जिसके सर पर सेहरा सजने वाला है वह भारत माता का लाल उससे पहले ही तिरंगे पर लिपट कर घर आएगा । पूरे क्षेत्र में इस घटना को सुनकर मातम पसर गया है लोग स्तब्ध है कि आज किस तरह एक माता पिता का सहारा संसार से विदा हुए जा रहा।

जबकि दूसरा देवेंद्र सिंह राणा है। वह रुद्रप्रयाग जिले के जवान हवलदार देवेंद्र सिंह राणा भी इसी हमले में शहीद हुए वेे  38 साल के राणा के दो बच्चे हैंं 09 साल की लड़की और 08 साल का लड़का। उनका छोटा भाई श्रीनगर और गौरीकुंड में दुकान चलाता है। गुप्तकाशी तिनसोली निवासी शहीद जवान के पार्थिव शरीर को हेलीकॉप्टर से गुप्तकाशी लाया जाएगा। भीरी के निकट मंदाकिनी के तट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। भगवान इन दोनों पुण्यात्माओं को अपने श्री चरणों में स्थान देकर बैकुंठधाम मे विराजित करें। रुद्रप्रयाग और पौड़ी जनपद के साथ ही इस समाचार से समूचा उत्तराखंड शोक और विशाद में डूब गया। आक्रोशित लोगों का कहना है कि इस्लामिक आतंकवादियों के मुंह में जवानों को झोंकने की बजाय उनके छिपने के ठिकाने घरों और जिस जगहों को तत्काल प्रभाव सेेेेेेेे मोटरार सेे उड़ा दिया जाय।  जम्मू कश्मीर से ही लापता हुए गैरसैंण के जवान का अभी तक पता नहीं लगने से भी लोगों में खासी नाराजगी है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि “जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में घुसपैठियों के मंसूबों को नाकाम करते हुए उत्तराखंड के दो वीर जवान देवेंद्र सिंह (रुद्रप्रयाग) और अमित कुमार (पौड़ी गढ़वाल) की शहादत को कोटि-कोटि नमन करता हूं। सरकार शहीदों के परिजनों के साथ हर समय खड़ी है। ईश्वर से शहीदों की आत्मा की शांति व परिजनों को संबल प्रदान करने की कामना करता हूं।

उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचंद अग्रवाल ने भी जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए उत्तराखंड के दो वीर जवानों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने कहा कि कुपवाड़ा में आतंकवादियों के मंसूबे को नाकाम करते हुए उत्तराखंड के दो वीर जवान रुद्रप्रयाग के देवेंद्र सिंह और पौड़ी गढ़वाल के अमित कुमार ने देश के लिए अपनी शहादत दी। विधानसभा अध्यक्ष ने उत्तराखंड के दोनों वीर सपूतों के परिवारजनों के प्रति अपनी सांत्वना व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा और सेवा करने में अपना जीवन समर्पित करने वाले वीर सपूतों को देश कभी नहीं भूलेगा।        इस घटना पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, वर्तमान पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत केदारनाथ के विधायक मनोज रावत रुद्रप्रयाग के विधायक भरत सिंह चौधरी चमोली जनपद से बद्रीनाथ के विधायक महेंद्र भट्ट, थराली विधायक मुन्नी देवी शाह और कर्णप्रयाग के सुरेंद्र सिंह नेगी ने भी इन शहीदों के बलिदान पर शोक जताया और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।