मुख्यमंत्री का निर्देश हर कोरोना पलंग पर लगे आक्सीजन सिलेंडर, बच्चों के संपूर्ण विकास हेतु ‘स्वर्णप्राशन’ प्रस्ताव भी सरकार के पास

प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की व निम्न बिंदुओं पर अधिकारियों को निर्देश दिए।

● कोविड टेस्टिंग तेजी से बढ़ाई जाय।
● कोविड अस्पतालों में प्रत्येक बेड के साथ ऑक्सीजन सिलेण्डर की व्यवस्था की जाय।
● फ्रंट लाईन वर्कर की सुरक्षा का ध्यान रखा जाय।
● औद्योगिक संस्थानों में कार्य भी प्रभावित न हो और संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सर्विलांस सिस्टम और मजबूत हो।
● कोविड अस्पतालों में सीनियर डाॅक्टर लगातार विजिट करें।
● सोशल मीडिया पर गलत अफवाह फैलाने वालों पर सख्त कारवाई की जाय।

बता दें कि भारत में कोरोना वायरस तेजी से बढ़ रहा है, आज 49310 कोरोना पॉजिटिव आये, अब तो देश में हर दिन लगभग ४८-४९ कोरोना पॉजिटिव रोज आने लगे हैं। कोरोना केस ज्यादा आने का एक कारण ये भी कि देश में एक ही दिन मेंं 4.2 लाख से अधिक लोगों की कोरोना जांच की गई। इस कारण अब देश में हर दिन लगभग ४८-४९ हजार लोग रोज कोरोना पॉजिटिव आने लगे हैं। लेकिन राहत की बात ये है कि कोरोना से होनेवाली मृत्युदर कम हुई है। उत्तराखंड राज्य में भी कोरोना मीटर बढ़ा, 244 और लोग संक्रमित, आंकड़ा 5961 तक पहुंचा

 

 

उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय ने बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता का समुचित विकास करने के लिए प्रदेश के सभी बच्चों में स्वर्ण प्राशन करवाने का प्रस्ताव दिया है। उत्तराखंड सरकार के आयुष सचिव श्री दिलीप जावलकर ने बताया कि प्रस्ताव मिल गया है और उसका परीक्षण करवाया जा रहा है। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के डॉ मयंक श्रीवास्तव ने आयुर्वेद में वर्णित स्वर्ण प्राशन विधि का बच्चों के वृद्धि, विकास एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता पर होने वाले प्रभाव का अध्ययन किया है और उन्होंने विश्वविद्यालय के माध्यम से यह प्रस्ताव सरकार को दिया है। डॉ मयंक ने इस प्रस्ताव का प्रस्तुतीकरण राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य और आयुष मंत्री डॉ हरक सिंह रावत के समक्ष भी किया है। डॉ मयंक ने बताया है कि आयुर्वेद में बच्चों के सर्वांगीण स्वास्थ्य संरक्षण का विशेष महत्व दिया गया है। आयुर्वेद में बच्चों के संपूर्ण विकास को सुनिश्चित करने हेतु ‘स्वर्णप्राशन’ का वर्णन है एवं भारतवर्ष में इसे प्राचीन काल से ही दिया जा रहा है। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय, देहरादून ने भी इसके लाभों की पुष्टि की है। विश्वविद्यालय द्वारा समय समय पर बच्चों के लिए स्वर्ण प्राशन कैम्प लगाए जाते हैं। वर्तमान परिस्थितियों में बच्चों के सर्वांगीण विकास और अच्छी इम्यूनिटी के लिए स्वर्ण प्राशन बहुत लाभदायक हो सकता है। आयुर्वेद विश्वविद्यालय द्वारा समूचे देश के परिप्रेक्ष्य में ये प्रस्ताव राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ को भी प्रेषित किया गया है , जो कि आयुष मंत्रालय को तकनीकि सुझाव देती है।