मुख्यमंत्री पुष्कर ने दिए निर्देश भव्य बने सैन्य धाम, उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ने कहा वैश्विक स्तर पर हिन्दी भाषा का और तेजी से प्रचार-प्रसार हो, ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ में भारत लगा सकता है लंबी छलांग, पारादीप पोर्ट पर लगाया नया कंटेनर स्कैनर!, हम रात के ठीक 12:00 से 1:00 बजे तक केवल इसलिए जग रहे होते हैं क्योंकि सोशल मीडिया पर अपडेट करना है,

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री आवास स्थित कैंप कार्यालय में सैन्यधाम के संबंध में उच्च स्तरीय समिति की बैठक आयोजित की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि सैन्यधाम के निर्माण के लिए कार्यों की चरणबद्ध कार्य योजना बनाई जाय। सैन्यधाम भव्य एवं दिव्य बनाया जायेगा। अन्य राज्यों में बने शहीद स्मारकों का भ्रमण भी किया जाय। उत्तराखण्ड में बनने वाले सैन्यधाम की भव्यता के लिए क्या किया जा सकता है, इसके लिए पूरी योजना बनाई जाय। मुख्यमंत्री ने शहीद सम्मान यात्रा के दौरान शहीद सैनिकों के आंगन की मिट्टी सैन्यधाम के निर्माण के लिए लाई जायेगी। सैन्यधाम का स्वरूप ऐसा होगा कि यह राष्ट्रभक्ति एवं सैनिकों के शौर्य और पराक्रम का प्रतीक होगा।

     मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि शहीद सम्मान यात्रा के आयोजन के लिए सभी तैयारियां जल्द पूर्ण की जाय। शहीद सम्मान यात्रा की शुरुआत अक्टूबर 2021 के प्रथम सप्ताह से प्रस्तावित है। यात्रा का पूरा रूट चार्ट जल्द तैयार किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड सैनिक बहुल प्रदेश है। हमारे जवानों ने देश की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व दिया। शहीदों के सम्मान में यह भव्य आयोजन होगा। इस कार्यक्रम को भव्यता प्रदान करने के लिए जन सहयोग लिया जायेगा। किसी भी आयोजन को सफल बनाने में समाज की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
     इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री श्री गणेश जोशी, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.संधु, अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री एल.फैनई, सचिव श्री अमित नेगी, श्री वी.षणमुगम, मेजर जनरल सम्मी सभरवाल (अ.प्रा.), जिलाधिकारी देहरादून डॉ. आर. राजेश कुमार एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ में भारत लगा सकता है लंबी छलांग, पारादीप पोर्ट पर लगाया नया कंटेनर स्कैनर!

आयात-निर्यात व्यापार को बढ़ाने के लक्ष्य से एक मोबाइल एक्स-रे कंटेनर स्कैनिंग सिस्टम (एमएक्ससीएस) को स्थापित किया गया है। यह मोबाइल एक्स-रे कंटेनर स्कैनिंग सिस्टम (एमएक्ससीएस) पारादीप पोर्ट ट्रस्ट द्वारा PICT टर्मिनल के पास लगवाया गया है। इसकी बदौलत भारत अब ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ के लिहाज से एक लंबी छलांग लगा सकता है।

यह कंटेनर स्कैनर सिस्टम कंटेनरों को स्कैन करने के काम में आएगा। इस स्कैनिंग सिस्टम की कुल लागत 30 करोड़ रुपए के करीब है। स्कैनर लगाने से अब कंटेनरों को किसी व्यक्ति द्वारा खुद जाकर जांचने की प्रक्रिया में कमी आएगी। साथ ही कंटेनरों को जमा रखने का समय भी कम होगा।

1 घंटे में करेगा 25 कंटेनरों की जांच:

मोबाइल एक्स-रे कंटेनर स्कैनिंग सिस्टम के कामयाब परीक्षण के बाद परमाणु ऊर्जा नियामक परिषद (एईआरबी) ने 27 अगस्त को इसके नियमित उपयोग के लिए पारादीप कस्टम्स को लाइसेंस भी जारी कर दिया। इस स्कैनर के द्वारा एक घंटे में करीब 25 कंटेनरों की जांच की जा सकती है, जिससे व्यापारिक गतिविधियों के तहत अधिक सुरक्षा और बिना किसी अड़चन के कंटेनरों को रवाना किया जा सकता है।

अब यहां आएंगे ज्यादा कंटेनर:

इस सुविधा से बिना कटाई किए हुए धातु के स्क्रैप वाले कंटेनरों का आवागमन भी बंदरगाह के जरिए सुविधापूर्वक होने लगेगा, ताकि दूर-दराज के उद्योगों की जरूरतों को पूरा किया जा सके, जो लंबे समय तक स्क्रैप के आने का इंतजार करते रहते हैं। स्कैनर के इस्तेमाल से उम्मीद की जाती है कि पारादीप बंदरगाह पर ज्यादा से ज्यादा कंटेनर आने लगेंगे।

पारादीप पोर्ट ट्रस्ट निर्यात-आयात व्यापार के लिए साजो-सामान की लागत में कमी लाने का लगातार प्रयास करता रहा है। उसकी यह पहल सरकार की ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ नीति के अनुरूप भी है।

ये कंपनियां बंदरगाह के संपर्क में:

अब आरसीएल, जिम इंटरनेशनल शिपिंग लाइन और श्रेयस शिपिंग जैसी जहाजरानी कंपनियां बंदरगाह से नियमित रूप से संपर्क में हैं। अन्य जहाजरानी कंपनियां भी पोर्ट द्वारा छूट की पेशकश और उन्नत सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए यहां आने के लिए तैयार होंगी।

*आज हम इसलिए खुश नहीं है क्योंकि हम दिखावटी ओर दोहरी जिंदगी को जी रहे हैं।*_

आज हम रात के ठीक 12:00 से 1:00 बजे तक सिर्फ इसलिए जग रहे होते हैं क्योंकि हमें सोशल मीडिया पर अपडेट करना है।

आपको नहीं पता कि यह सोशल मीडिया आपको बहुत बड़ा हथियार बना रहा है खुद के लिए…..

एक समय था जब हम लोग टाइम पर सोते थे और टाइम पर उठते थे, हमारी जिंदगी बहुत खुश थी सीमित लोगों के बीच में इतनी खुशियां थी कि हम उसको आनंदमई जिंदगी की तरह जी रहे होते थे लेकिन आज हम लोग हजारों करोड़ों लोगों से जुड़े होने के बावजूद भी दुखी है, अशांत है मन आखिर क्यों?

आज परिवार में अगर 5 लोग हैं तो कम से कम चार फोन जरूर होंगे और सारे मल्टीमीडिया यानी के एंड्रॉयड होंगे और हर कोई अपने फोन से चिपका होगा भले ही बिस्तर शेयर किया होगा किंतु अपने फोन पर।

कभी-कभी नहीं लगता है कि हम कहां जा रहे हैं आखिर ऐसा हम क्यों कर रहे हैं?

देहरादून 13 सितम्बर। उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने हिन्दी दिवस( 14 सितम्बर) पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा है कि आजादी के आन्दोलन के समय से ही हिन्दी ने देश को एक सूत्र में बांधने में अहम भूमिका निभाई है।हिन्दी हमारी विविधता में एकता को पुष्ट करती है।
उन्होंने कहा कि हिंदी सिर्फ हमारी मातृभाषा ही नहीं बल्कि यह राष्ट्रीय अस्मिता और गौरव का प्रतीक है।जीवन में भाषा का बड़ा महत्व है और इसी से ही हमें संस्कार मिलते हैं तथा मातृ भाषा के प्रति प्रेम रखकर ही हम वास्तविक रूप में देश के विकास में भागीदार बन सकते हैं। विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में हिन्दी एक है। हमें हमारी मातृ एवं राजभाषा हिन्दी पर गर्व करना चाहिए।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि वैश्विक स्तर पर हिन्दी भाषा का और तेजी से प्रचार-प्रसार हो, इसके लिए सामूहिक प्रयासों की जरूरत है। आइये हिन्दी दिवस के अवसर पर हम अपने दैनिक जीवन में हिन्दी के अधिकाधिक प्रयोग का संकल्प लें।