मुख्यमंत्री पुष्करसिंह धामी की सद्गुरु के साथ परिचर्चा धार्मिक पर्यटन बढ़ाने के लिए उत्तराखंड सर्वश्रेष्ठ, चमोली- भालू ने नोच डाला शिक्षक को, घाट मोटरमार्ग पर जेसीबी दुर्घटनाग्रस्त चालक की मृत्यु, स्व रोजगार योजना हेतु चमोली में 35 लाभार्थियों का चयन, अब आय प्रमाण पत्र एक वर्ष तक होगा वैध , पंडित दीनदयाल उपाध्याय की मृत्यु का रहस्य

✍️जीतेन्द्र पंवार

उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में आये दिन जँगली जानवरों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है । जिसके चलते मनुष्य को इसकी कीमत जान देकर चुकानी पड़ रही है । ताजा मामला थराली ब्लाक के अंतर्गत बद्रीनाथ वन प्रभाग के मध्य पिंडर रेंज का है । यहां के डुंगरी गांव में एक शिक्षक पर स्कूल जाते समय भालू ने जान लेवा हमला कर घायल कर दिया है । शिक्षक और भालू के बीच हुये संघर्ष के बीच शिक्षक ने बामुश्किल अपनी जान बचाई , घायल शिक्षक को थराली अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेन्टर रेफर कर दिया गया है । विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जंगली जानवरों के आतंक को कम करने के लिए बाहर से समय समय पर टीम बुलाई जाती है । ताकि जंगली जानवरो के आतंक को कम किया जा सके । पीड़ित को विभाग की ओर से मुआवजा दिया जाएगा ।
थराली विधानसभा के अंतर्गत जंगली जानवरों के आतंक से लोग परेशान है । जंगली जानवर खेतो में फसलों को नुकसान पहुचाने के साथ साथ इंसानों पर भी हमले कर रहे है । घटना थराली ब्लाक के अंतर्गत शोल पट्टी की है । यह क्षेत्र बद्रीनाथ वन प्रभाग के मध्य पिंडर रेंज के अंतर्गत आता है । यहां आज सुबह एक शिक्षक को स्कूल जाते समय पहले से ही घात लगाए भालू ने जनालेवा हमला कर बुरी तरह से घायल कर दिया , जैसे तैसे शिक्षक ने अपनी जान बचाई , बताया जा रहा है कि इन दिनों शिक्षक की ड्यूटी अन्य स्कूल में लगाई गई है । जिसके चलते शिक्षक को पैदल जंगल के रास्ते स्कूल में पहुचना पड़ता है । इस पूरे मामले को लेकर शिक्षक संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि यदि भालू के हमले से पीड़ित शिक्षक को अपने ही मूल विद्यालय में रखा जाता तो आज यह घटना नही होती ,
घायल शिक्षक को प्राथमिक उपचार के लिए थराली अस्तपाल लाया गया है । डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार देने के बाद घायल को हायर सेंटर रेफर कर दिया है । बद्रीनाथ वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी का कहना है कि इस पूरी घटना की जांच रिपोर्ट बनाई जाएगी , और मेडिकल रिपोर्ट आने पर मुआवजा दिया जाएगा , साधारण घायल को 15 हजार और गम्भीर रूप से घायल ब्यक्ति को 50 हजार रुपये दिए जाएगा । फाइनल रिपोर्ट आने के बाद यह राशि पीड़ित के खाते में भेजी जाएगी , भालू के आतंक को लेकर उन्होंने कहा कि इसके लिए विभाग द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जाएगा । और स्टाफ द्वारा गस्त भी लगाई जाएगी ।

 *चमोली*
नंदप्रयाग घाट मोटरमार्ग पर सैंतोली गांव के पास एक जेसीबी मशीन 200 मीटर गहरी खाई में गिरकर दुर्घटनाग्रस्त। जेसीबी ऑपरेटर की घटनास्थल पर ही हुई मौत। पुलिस और तहसील प्रशासन घटना स्थल पर मौजूद।

वीर चन्द्र सिंह गढवाली पर्यटन स्वरोजगार एवं दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास योजनाओं के तहत सोमवार को जनपद चमोली में 35 लाभार्थियों को स्वरोजगार हेतु चयन हुआ। जिसमें लाभार्थियों को 5 करोड़, 77 लाख, 5 हजार के ऋण आवंटन को मंजूरी दी गई। वही ट्रैकिंग ट्रक्शन सेंटर-हो स्टे अनुदान योजना के तहत 25 आवेदकों को 57.75 लाख की अनुदान धनराशि स्वीकृत की गई।

सोमवार को क्लेक्ट्रेट सभागार में मुख्य विकास अधिकारी वरूण चौधरी की अध्यक्षता में चयन समिति ने वीर चन्द्र सिंह गढवाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के तहत वाहन मद में 9 तथा गैर वाहन मद में 9 तथा दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास योजना में 17 लाभार्थियों का चयन किया। साक्षात्कार के दौरान समिति ने दस्तावेजों की गहनता से जॉच करने के बाद प्राप्त आवेदनों का अनुमोदन किया।

वीर चन्द्र सिंह गढवाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत समिति ने वाहन मद में 9 लाभार्थियों को वाहन क्रय के लिए 1 करोड, गैर वाहन मद में होटल, मोटल, फास्टफूड सेन्टर, वर्कशॉप आदि के संचालन हेतु 9 लाभार्थियों को 1 करोड, 67 लाख, दीनदयाल उपाध्ययाय गृह आवास के 17 लाभार्थियों को 3.32 करोड और ट्रैकिंग ट्रक्शन सेंटर-होम स्टे योजनाओं के तहत 25 आवेदकों को 57.75 लाख का अनुदान राशि स्वीकृत की गई। सभी लाभार्थियों को एक सप्ताह के भीतर जरूरी दस्तावेज बैंक में जमा करते हुए स्वीकृत ऋण धनराशि लेकर शीघ्र स्वरोजगार शुरू करने को कहा।

जिला पर्यटन विकास अधिकारी वृजेन्द्र पांडे ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए शासन से  जिला पर्यटन कार्यालय को वाहन मद में 13, गैर वाहन मद में 14 तथा होम स्टे 25 का लक्ष्य मिला है। बताया कि वीर चन्द्र सिंह गढवाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के तहत गैर वाहन मद में होटल/मोटल, फास्टफूड सेन्टर, वर्कशॉप आदि हेतु 33 प्रतिशत अनुदान पर 40 लाख की सीमा तक तथा वाहन मद में व्यावसायिक वाहन खरीद के लिए 25 प्रतिशत अनुदान पर ऋण स्वीकृत किया जाता है।

शासन द्वारा ट्रैकिंग ट्रक्शन सेंटर-होम स्टे नाम से नई अनुदान योजना संचालित की गई है। इस योजना के तहत जनपद के जोशीमठ ब्लाक में तपोवन-भविष्य बद्री ट्रैकिंग टंक्शन में तपोवन, सुभाई, रिंगी व सलधार गांव चयनित है। जबकि देवाल में लोहाजंग टैªकिंग ट्रक्शन के तहत लोहाजंग, मुन्दोली, वांक, कुलिंग, वाण, दिदीनी, वलाण, हिमनी तथा घेस चयनित है। बताया कि इस योजना के तहत चयनित गांवों में होमस्टे के नव निर्माण हेतु 60 हजार प्रतिकक्ष की दर से अधिकतम 6 कक्षों के लिए अनुदान दिए जाने का प्राविधान है। यदि कोई होमस्टे की मरम्मत करना चाहता है तो उसको 25 हजार प्रतिकक्ष की दर से अनुदान दिए जाने का प्राविधान है।

जिला स्तरीय चयन समिति में जिला पर्यटन विकास अधिकारी वृजेन्द्र पांडे, लीड बैंक अधिकारी प्रताप सिंह राणा, एआरटीओ आल्विन रॉक्सी, जीएमडीआईसी शिखर सक्सेना, एई शरद टम्टा मौजूद रहे।

*देहरादून*

उत्तराखण्ड में बढ़ाई गई आय प्रमाण पत्र की वैधता।

6 माह के स्थान पर अब 1 साल होगी वैधता।

शासन ने किए आदेश जारी।

सेवा का अधिकार अधिनियम 2011 के अंतर्गत अधिसूचित सेवा आय प्रमाण पत्र की वैधता बढाई गई।

उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2021

तीर्थयात्रियों/ दर्शनार्थियों की संख्या
दिनांक 27 सितंबर
शायं 4 बजे तक।

(1) श्री बदरीनाथ धाम – 920
(2) श्री केदारनाथ धाम – 584

(3) श्री गंगोत्री धाम- 405
(4) श्री यमुनोत्री धाम- 400
कुल दर्शनार्थियों की संख्या – 2309

18 सितंबर से 27 सितंबर तक
चारधाम पहुंचे संपूर्ण तीर्थ यात्रियों की
संख्या- 19861(उन्नीस हजार आठ सौ इकसठ )
• श्री हेमकुंड साहिब जी /
श्री लोकपाल तीर्थ आज पहुंचे श्रद्धालु – 566

चारधाम हेतु 15 अक्टूबर तक के लिए जारी ई- पास 69619( उनसत्तर हजार छ: सौ उन्नीस)

•प्रेषक मीडिया प्रभारी उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी सोमवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता दर्शन हॉल में आध्यात्मिक गुरु सदगुरु के साथ आयोजित संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने सदगुरु से जीवन दर्शन से जुड़े विषयों के साथ ही आध्यात्म, पर्यटन और वेलनेस आदि के क्षेत्र में उत्तराखंड को अग्रणी राज्य बनाने की चर्चा की।
        मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड दुनिया का खूबसूरत प्रदेश है जहां पहाड़, हिमाच्छादित चोटियां, नदियां, वन संपदा की भरमार है, हमारा प्रयास पर्यटन और आध्यात्म के क्षेत्र में उत्तराखण्ड को शिखर पर ले जाने का है। उत्तराखण्ड दुनिया की आध्यात्मिक राजधानी बने इसके लिये भी हम प्रयासरत हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में हर व्यक्ति अलग-अलग ज़िम्मेदारी के साथ काम करता है और समय समय पर व्यक्ति की ज़िम्मेदारी भी बदलती हैं। हमें जो जिम्मेदारी मिली है उसे पूरे मनोयोग तथा प्राण प्रण से निभाना है। अन्त्योदय के साथ समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक सुविधाओं का हमें लाभ पहुंचाना है। हमारे लिये नर सेवा नारायण सेवा है। सभी जरूरतमंदों की मदद करना ही हमारे लिये आध्यात्मिकता है।
        संवाद कार्यक्रम के दौरान सद्गुरु ने कहा कि उत्तराखंड तमाम प्राकृतिक संपदाओं से भरपूर राज्य है। इस राज्य में एशिया का सबसे बेहतर  सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और पर्यटन राज्य बनने की क्षमता है। एशिया का स्विट्जरलैंड भी यह बन सकता है। स्वदेशी तौर-तरीकों को विकसित कर इसे आगे बढ़ाने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में आने वाले हर व्यक्ति को यहाँ की प्रकृति और पहाड़ों की जीवटता को महसूस करना चाहिए। हिमालय विभिन्न संस्कृतियों का जनक रह है। सद्गुरु ने कहा कि यहां की संस्कृति अपने आप में श्रेष्ठ है इसकी तुलना देश दुनिया में किसी से नहीं की जा सकती है। उन्होंने इस अवसर पर प्रश्नोत्तर के माध्यम से आध्यात्मिक व जीवन दर्शन से सम्बन्धित अनेक प्रश्नों के भी उत्तर दिये।
       सद्गुरु ने वर्तमान में विश्वव्यापी चुनौती कोविड-19 संक्रमण को लेकर भी चर्चा करते हुए कहा कि कोविड-19 की रोकथाम के लिए हम सबको जिम्मेदारी पूर्ण व्यवहार करना होगा। अगर हम सब जिम्मेदारी पूर्ण व्यवहार नहीं करेंगे तो सरकार अपने स्तर पर कुछ नहीं कर पाएगी। समस्याओं के समाधान में आम जनता का भी सहयोगी बनना होगा।
       इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचंद अग्रवाल, विधायक श्री मुन्ना सिंह चौहान, श्री कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन, शासन प्रशासन के उच्चाधिकारी एवं गणमान्य लोग उपस्थित थे।✍️हरीश मैखुरी ब्रेकिंग उत्तराखंड डाट काम 

साभार…12 फरवरी 1968 को मुगलसराय रेलवे स्टेशन पर ट्रैक के बीच में एक शव मिला था।
ये शव किसी आम आदमी का नही, भारत के उस समय के सबसे #प्रखर_राष्ट्रवादी और
#सनातन_धर्म_प्रचारक नेता,
#पंडित_दीनदयाल_उपाध्याय का था।
ये वो पंडित दीन दयाल उपाध्याय थे, जिनका सामना करने से उस समय की प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी एवं उनके पिता नेहरु भी डरते थे।
ये वो पंडित दीन दयाल उपाध्याय थे, जिन्होंने जनसंघ की नीव रख कर, भारत की राजनीती को एक नई पहचान दी।
ये वो पंडित दीन दयाल उपाध्याय थे, जिन्होंने राष्ट्र धर्म के प्रचार में अपना जीवन लगा दिया।
इनके #राष्ट्रके_प्रति_योगदान की बात जितनी की जाए कम है।
बेहद साधारण से रहने वाले ये व्यक्ति, 11 फरवरी 1968 को रेल से पटना जा रहे थे, और उसी रात किसी ने उनकी हत्या कर शव मुगलसराय, जो अब पंडित दीं दयाल उपाध्याय स्टेशन हो गया है, पर फेक दिया।
और अफ़सोस की हम इनके कातिलो का पता तक नही लगा पाए।
इनकी #हत्या पर 302 का मुकदमा भी नही चला, और #Attempt_to_Murder का केस लगा कर 2 चोरो को मात्र 4 साल की सजा दे दी गई।
ये कहकर की चोरो ने सिर्फ लूट के इरादे से उन्हें ट्रेन से धक्का दिया था।
यहाँ तक की CBI भी इनकी हत्या को साबित नही कर पाई और आज भी इनकी
#मौत_एक_राज़ है
उस समय की सरकार ने इतने बड़े नेता की हत्या को, इतने हलके में लिया और CBI जाँच के नाम पर
मर्डर को सिर्फ attempt to murder दिखा कर केस खत्म कर दिया।
वो अलग बात है की, दबे जुबान हर कोई इसे राजनितिक हत्या का करार दे रहा था, पर सुनने वाला कोई नही था उस समय।
उन्होंने 25 सितम्बर 1916 को मथुरा के एक निर्धन परिवार में जन्म लिया और बचपन में ही अनाथ हो जाने पर भी, इन्होने स्नातक की पढाई तक गोल्ड मैडल हासिल किया।
और अपनी दूरदर्शिता से इन्होने, नेहरु की हर
#गलत_निति_का_विरोध कर, उसका
#सही_विकल्प भी दिया।
पर अहंकारी और सत्ता के नशे में चूर व्यक्ति कहाँ किसी की सुनता है, और वैसा ही करते हुए नेहरु ने अपने जीवन में वो हर गलत फैसला लिया, जिसके चलते देश को काफी नुक्सान उठाना पड़ा।
अवधेश प्रताप सिंह कानपुर उत्तर प्रदेश,9451221253