मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बजट सत्र में गैरसैंण को उत्तराखण्ड की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित की

 हरीश मैखुरी /जीतेन्द्र पंवार
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ज्यों ही विधानसभा में गैरसैंण को उत्तराखंड की ग्रीष्म कालीन राजधानी घोषित की, समूचे उत्तराखंड में खुशी की लहर दौड़ गयी। इससे राज्य आन्दोलनकारियों के सपनों को पंख लग गए, गैरसैंण राजधानी की आधी लड़ाई पूरी हुई अब आधी रह गयी। वैसे इसी बात को मुख्यमंत्री स्थाई राजधानी गैरसैंंण और शीतकालीन राजधानी देहरादून कह देते तो सोनेे पर सुहागा हो जाता। फिर भी उतराखंड के विकास की दिशा में खासकर पर्वतीय क्षेत्र के लिए यह ऐतिहासिक निर्णय है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा बजट सत्र में गैरसैंण को उत्तराखण्ड की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने की घोषित किए जाने पर करने पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने सीएम को मिठाई खिलाकर बधाई दी और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का आभार भी जताया। चमोली जनपद के विधायक महेंद्र भट्ट, सुरेंद्र सिंह नेगी और थराली विधायक श्रीमती मुन्नी देवी शाह ने इस निर्णय को मुख्यमंत्री की दृढ़ इच्छा शक्ति का परिणाम और उतराखंड के लिए मील का पत्थर बताया। 

    भराड़ीसैंण में बजट सत्र के दूसरे दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा हुई और विपक्ष ने स्थाई राजधानी गैरसैंण, बेरोजगारी के साथ ही फॉरेस्ट गार्ड परीक्षा को लेकर भी सवाल उठाए, वहीं भराड़ीसैंण के चारों ओर विभिन्न आंदोलनकारी संगठन जमकर नारेबाजी करते रहे, एनएसयूआई के कार्यकर्ता कालीमाटी में पुलिस बैरिकेट तोड़कर दिवाली खाल तक पहुंचे, पुलिस के साथ तीखी नोकझोंक होने के बाद एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर अस्थाई जेल भेजा गया। वहीं सभी जिलों से गैरसैंण पंहुचे पर्यावण मित्रों ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा नगर पंचायत और नगर पालिका का गठन तो किया लेकिन इस को स्वच्छ रखने वाले पर्यावरण मित्रों की सुध लेना भूल गयी, जब कि पर्यावरण मित्र किसी भी नगर और नगरपालिका के लिए बहुत अहम भूमिका निभाते हैं। 

 इसके बाद में मीडिया से वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने को राज्य आंदोलनकारियों और प्रदेश की माताओं व बहनों को समर्पित किया। मुख्यमंत्री ने भावुक होते हुए कहा कि यह गर्व का पल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक बहुत बड़ा फैसला है। वे रात भर सो नहीं पाए और काफी सोच विचार कर यह फैसला किया है। 2017 के घोषणा पत्र में किए गए वायदे को पूरा किया गया है। उत्तराखण्ड एक सीमान्त राज्य होने के कारण सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण और आपदा की दृष्टि से अति संवेदनशील है। इन्ही बातों और प्रदेश की जनता की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए यह ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है, उन्होंने कहा कि अब आगे की कार्ययोजना तैयार की जाएगी। यहां तमाम आवश्यक सुविधाएं विकसित की जानी हैं। गैरसैण में पानी की समस्या को दूर करने के लिए पहले से ही झील बनाए जाने पर काम किया जा रहा है। इस अवसर पर मौजूद विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचंद्र अग्रवाल ने प्रदेश की जनता की ओर से मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया और इसे मुख्यमंत्री की ओर से प्रदेशवासियों को होली तोहफा बताया।

सदन में प्रस्तुत किए गए बजट पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 53526.97 करोड़ रूपए का बजट लाया गया है। इस बार बजट में अनेक नई योजनाओं का प्राविधान किया गया है। प्रदेश के सभी ब्लॉकों विशेष तौर पर पलायन प्रभावी ब्लॉकों में स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाने के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना है। मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के तहत पलायन प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना के लिए धनराशि का प्राविधान किया गया है। राज्य में गर्भवती/धात्री माताओं में एनीमिया और मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना का प्राविधान है। शिक्षकों और छात्र-छात्राओं को शोध एवं विकास व नवाचार के कार्यों के प्रोत्साहन के लिए मुख्यमंत्री नवाचार कोष की स्थापना की जा रही है।

बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने पर उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेम चंद अग्रवाल ने प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा है कि पहाड़ की राजधानी पहाड़ पर होने से विकास की अपार संभावना बड़ेगी। श्री अग्रवाल ने कहा है कि मैंने पहले ही राजधानी पर सरकार को गंभीरता से निर्णय लेने की बात कही थी और मैं हमेशा इस बात का पक्षधर रहा हूं कि पहाड़ की राजधानी पहाड़ पर होनी चाहिए। उन्होंने कहा है कि आज उत्तराखंड के राज्य आंदोलनकारियों का सपना साकार हुआ है।

श्री अग्रवाल ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा है कि आज उत्तराखंड के लिए होली और दिवाली एक साथ मनाने का समय आ गया है, इस अवसर पर विधानसभाध्यक्ष ने राज्य सरकार एवं मुख्यमंत्री जी का आभार व्यक्त करते हुए बधाई दी हैै

535 दिनों से गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने को लेकर देहरादून परेड ग्राउंड में धरना दे रहे प्रमुख रणनीतिकार  मनोज ध्यानी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी ने गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान विधानमंडल के भीतर घोषणा की है – उसका हम इस रूप में स्वागत करते हैं कि हमने एक सीढी और पार की है| इससे पूर्व श्री सतपाल महाराज, श्री विजय बहुगुणा और श्री हरीश रावत जी के कार्य काल में विशेष रूप में विधान मंडल भवन एवं अन्य अवस्थापना विकास के कार्य भराड़ीसैंण में संपन्न हुए हैं, और इसी कड़ी में एक और ऐतिहासिक कदम हुआ है कि उत्तराखंड की राजधानी गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी के रूप में घोषणा की गई है, हम इसे अपनी आधी जीत मानते हैं और इस रूप में देख रहे हैं की आधी लड़ाई जीती है, आधी अभी बाकी है। 

  चुनाव के पारखी इसे बीजेपी का मास्टर स्टोक बता रहे हैं। शोशल मीडिया पर लोगों नेे लिखा इससे गैरसैंण गैर नहीं खास हो गया है। “गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने पर
जय त्रिवेंद्र, विजय त्रिवेंद्र” कांग्रेस ने भी इस पर खुशी जताई और इसे उत्तराखंड की आधी जीत बताया। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश ने कहा कि लगता है कि सरकार ने गैरसैंण को उत्तराखण्ड की स्थाई राजधानी बनाने का काम हमारे लिए छोड़ा है। हम गैरसैंण को उत्तराखण्ड की राजधानी बनायेंगे।