गैरसैंण को बड़ा तोहफा, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वहां उत्तराखंड भाषा संस्थान की जमीन हेतु दिए 50 लाख

*गैरसैंण में होगी उत्तराखण्ड भाषा संस्थान की स्थापना- मुख्यमंत्री*
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उत्तराखण्ड भाषा संस्थान की स्थापना गैरसैंण में किये जाने के निर्देश दिये हैं। इसके लिये भूमि क्रय हेतु 50 लाख की धनराशि भी प्राविधानित की गई है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र द्वारा गैरसैंण को राज्य की ग्रीष्म कालीन राजधानी बनाये जाने के बाद वहां पर विभिन्न संस्थानों आदि की स्थापना आदि की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। गैरसैण में उत्तराखण्ड भाषा संस्थान की स्थापना उसी दिशा में बढ़ाया गया कदम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गैरसैंण में ग्रीष्म कालीन राजधानी के अनुरूप आवश्यक सुविधाओं के विकास की कार्ययोजना बनायी जा रही है। उत्तराखण्ड के केन्द्र बिंदु गैरसैंण के विकास एवं इसके समीपवर्ती नैसर्गिक स्थलों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किये जाने पर ध्यान दिया जा रहा है। इसके साथ ही युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिये भी विभिन्न योजनायें संचालित की गई हैंराजधानी गैरसैंण में उत्तराखंड भाषा संस्थान की मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा किए जाने पर।

      पर्यटन और संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने गैरसैंण में भाषा संस्थान की स्थापना को उत्तराखंड का केंद्र बिंदु बनाए जाने की दिशा में एक मील का पत्थर बताया। बद्रीनाथ के विधायक महेंद्र भट ने खुशी जताते हुए कहा कि यह गैरसैंण में सरकार की जिजीविषा का एक प्रमाण है करणप्रयाग के विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि गैरसैण धीरे धीरे अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहा है उत्तराखंड भाषा संस्थान की स्थापना से उत्तराखंड की बोली भाषाओं को बढ़ावा मिलेगा थराली की विधायक मुन्नी देवी शाह ने भी भाषा संस्थान खोलने के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया उत्तराखंड के पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष डॉक्टर अनुसूया प्रसाद मैखुरी ने कहा कि भाषा संस्थान की स्थापना गोचर में की जानी थी लेकिन गैरसैण भी अपना ही है और भाषा संस्थान यदि ठीक से काम करें तो यह एक उपलब्धि होगा।