उच्च जीवन के लिए जल जंगल और जमीन का संरक्षण – चंडी प्रसाद भट्ट

सतीश गैरोला

जाने-माने पर्यावरण विद् श्री चंडी प्रसाद भट्ट ने द इंडियन एकेडमी कर्णप्रयाग के वार्षिक समारोह के दौरान अपने संबोधन में पर्यावरण संरक्षण के लिए तीन महत्वपूर्ण बातें कही। उन्होंने कहा कि जंगल, पानी और मिट्टी के बिना हमारा कोई अस्तित्व नहीं है। ये हमारे पर्यावरण के रक्षक हैं। यदि जंगलों और पानी के प्राकृतिक स्रोतों को नुकसान होता है तो ये आने वाले समय में भौतिक पर्यावरण के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। दूसरी बात उन्होंने कही कि हमको अपने आसपास काफल व बुरांश के पौधों के साथ-साथ चौड़ी पत्ती वाले पौधों का रोपण करना चाहिए। इसके अलावा सबसे महत्पूर्ण बात उन्होंने कही, कि भूमि के कटाव को रोकने के लिए छोटी वनस्पति (घास आदि) का भी उतना ही योगदान है जितना बड़े और चौड़ी पत्ती वाले पेड़ों का। इसलिए इन दोनों प्रकार की वनस्पतियों को रोपकर हम अपने आसपास के भूमि कटाव को रोक सकते हैं। साथ ही पर्यावरण की रक्षा भी कर सकते हैं।