कोरोना अपडेट : अध्ययन दल की रिपोर्ट ‘लाॅकडाउन नहीं होता तो देश में अब तक 26 लाख मौतें होती, साथ में दे रहे हैं केदारनाथ के विधायक का महत्वपूर्ण परामर्श भी

वैज्ञानिकों के हिसाब से अगस्त 2020 तक भारत के 14% लोगों के शरीर में कोरोना की एंटीबॉडी थी। जबकि फ़िलहाल 30% जनसंख्या के पास एंटीबॉडीज हैं। साथ ही मृत्यु दर कुल संक्रमित लोगों का 0.04% है। इसमें प्रोजेक्ट किए गए एक ग्राफ के अनुसार, अगर लॉकडाउन नहीं होता तो अब तक देश में 26 लाख मौतें होती। वैज्ञानिकों के अध्ययन दल का यह शोध महत्वपूर्ण अध्यन के मध्य आया है। बता दें कि कोविड-19 इंडिया नेशनल सुपरमॉडल कमिटी’ के 5 रिसर्च पेपर आए हैं, जिन्हें 10 भारतीय वैज्ञानिकों ने मिल कर तैयार किया है। आईआईटी हैदराबाद के प्रोफेसर एम विद्यासागर इस कमिटी के अध्यक्ष थे। उन्हें 1997 में ‘मिसाइल मैन’ एपीजे अब्दुल कलाम की उपस्थिति में ‘DRDO साइंटिस्ट ऑफ द ईयर’ का अवॉर्ड मिल चुका है। कमिटी ने गणितीय रूप से कोरोना के प्रसार व रोकथाम का अधययन किया है। अध्यन दल ने अपने अध्ययन में एक बड़ा सैम्पल अधयन माड्यूल निदर्श के लिए लिया जिसके आधार पर वे इस निर्णय पर पंहुचे।  वैज्ञानिकों के इस दल में समाज वैज्ञानिक स्वास्थ्य से जुड़े हुए वैज्ञानिक परामर्शदाता स्वास्थ्य विशेषज्ञों की टीम शामिल थी अपने अध्ययन में उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान जो विभिन्न प्रचार माध्यमों से जागरूकता की गई उससे जन सामान्य में कोरोना के प्रति जागरूकता आई अब अधिकांश लोग समझ रहे हैं कि कोरोना से बचा कैसे जा सकता है। लोग न केवल सामाजिक दूरी बना रहे हैं मास्क का उपयोग कर रहे हैं समय समय पर स्वास्थ्य संबंधी परामर्श ले रहे हैं अब अधिकतर लोगों ने समय-समय पर हाथ धोना सीनेटाईज करना सामाजिक दूरी बनाना और अनावश्यक रूप से रिश्ते नातेदारी में जाना भी कम कर दिया, बल्कि बड़े धार्मिक व सामाजिक आयोजनों को भी सीमित कर रहे हैं। लॉकडाउन के मध्य सरकार ने सीमित समय में ही कोरोना केयर सेंटर स्थापित कर दिए जिसके कारण भी लाखों की संख्या में गंभीर संक्रमितों को बचाया जा सका। अध्ययन का निष्कर्ष है कि अगर स्वास्थ्य सुविधाओं में बहुत बड़ी समस्या न हो तो फिर लॉकडाउन को जिला स्तर पर भी लगाने की आवश्यकता नहीं है। साथ ही पाया गया है कि मृत्यु दर जो आज की तारीख में यूरोप या अमेरिका में है, भारत में उसका 10वाँ हिस्सा ही है, जो सकारात्मक है। साथ ही मेडिकल उपकरणों और तैयारियों के मामले में भी हम आज इस आपदा से निपटने में कहीं ज्यादा कुशल हैं।

उत्तराखंड में आज कोरोना संक्रमित संख्या 58,024 और आज आए 376 नए मामले तीन लोगों की हुई मृत्यु

*मुख्यमंत्री की पहल पर ‘कोरोना वारियर से विनर’ आयोजित*

*समाज में जागरूकता के लिये कोरोना विनर्स की खेल स्पर्धाओं का आयोजन*

*मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कोरोना विनर्स के साथ बैडमिंटन का मैच खेला*

*वाकाथन का भी फ्लैग ऑफ किया*

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को कोरोना विनर्स के लिये आयोजित वाकाथन और बैडमिंटन स्पर्धा का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री आवास में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने  वाकाथन को फ्लैग ऑफ किया। उन्होंने कोरोना विनर्स के साथ बैडमिंटन का मैच भी खेला। डबल्स में एक तरफ मुख्यमंत्री व एक कोरोना विनर थे जबकि दूसरी तरफ सचिव खेल बीके संत व एक अन्य कोरोना विनर थे। इसमें मुख्यमंत्री की टीम ने 10-5 से गेम जीता। 

समाज में कोविड-19 से लङाई के जज्बे को बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की पहल पर ‘कोरोना वारियर से विनर’ कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। इसमें खेल विभाग के तत्वावधान में कोरोना से ठीक हुए लोगों के लिए अनेक खेल स्पर्धाएं आयोजित की गई हैं। इसी के तहत रविवार को मुख्यमंत्री ने सीएम आवास से वाकाथन का फ्लैग ऑफ किया और बैडमिंटन का मैच खेला। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे विश्व के देश  कोरोना से जूझ रहे हैं। स्वास्थ्य पर कोरोना के अनेक दुष्प्रभाव देखने को मिल रहे हैं। हम सभी एकजुट होकर ही इससे लङाई में जीत सकते हैं। कोरोना संक्रमण की दर में कमी आई है परंतु हम सभी अब और अधिक सावधान व सतर्क रहने की जरूरत है। विशेष तौर पर आने वाले त्यौहारों को देखते हुए मास्क का प्रयोग, दो गज की दूरी का ध्यान रखना है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले कोरोना से ठीक हुए लोगों के मनोबल को बढ़ाने की आवश्यकता महसूस की जाती थी लेकिन अब यही कोरोना विनर्स कोरोना से लड़ाई में हम सभी का हौंसला बढ़ा रहे हैं। कोरोना विनर्स के लिए आयोजित इन कार्यक्रमों से निश्चित रूप से समाज में कोविड-19 को लेकर और अधिक जागरूकता आएगी। हम सभी को समझना होगा कि जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं। 

हम केदारनाथ के विधायक मनोज रावत की कोरोना पर विशेष अपील भी साभार अपने पाठकों की सुरक्षा हेतु यहां प्रकाशित कर रहे हैं। 

“कोरोना के प्रकोप से हर दिन यदि हमें अपने सैकड़ों लोगों के ठीक होने की सुखद खबर मिल रही है लेकिन हम सबका कोई न कोई प्रियजन / परिचित कॅरोना से प्राण भी त्याग रहा है ।
मैंने इस बीच अपने कई परिचितों की कॅरोना से मौत देखी जिनमें से कुछ कम उम्र के भी थे। अपने एक भी प्रियजन / परिचित की मृत्यु हमारे लिए कष्टप्रद है।
कॅरोना के पॉजिटिव केसों के साथ बिभिन्न स्तर पर काम करने के बाद मेरा आपसे निवेदन है –
1- मास्क, दूरी और हाथ दिन के साथ – साथ दिन में 3 बार भाप भी लें।
2- किसी भी किस्म का बुख़ार, गले में खराश , साँस लेने में परेशानी, गंध का न आना , भूख का न लगना , कमजोरी आने पर तुरंत RTPCR टेस्ट कराएं।
3- यदि आपके कस्बे या गांव में कोई कॅरोना पोसिटिव केस आया है तो RTPCR जरूर करवाएं, ये टेस्ट रुद्रप्रयाग जिले में हर जगह बिल्कुल मुफ्त हो रहा है । यदि कंही कैम्प लगवाना हो तो सूचित करें।
4- भगवान न करे यदि आप पोसिटिव भी आते हैं तो शुरुआत में ही इलाज करवाने के बाद आपको कोई परेशानी नही होगी। हमारे जिले में इलाज की पर्याप्त सुबिधायें हैं।
5- यदि आप पॉजिटिव भी आते हैं और आप पर कोई लक्षण नही हैं और आपके घर में अलग रहने की सुविधा है तो आप घर पर रह कर भी इलाज करा सकते हैं। या एकांतवास कर सकते हैं।
6- यदिआपके किसी परिचित की कॅरोना पॉजिटिव आने के बाद तबियत अधिक खराब हो रही है तो उसे दून अस्पताल , AIIMS , jolly grant आदि बड़े कोविड अस्पतालों में भेजा जाना जरूरी है । आप चाहें तो मुझे भी फ़ोन कर सकते हैं। दून और aiims में कॅरोना संक्रमित बीमारों का ईलाज मुफ्त हो रहा है।
7- अधिकांश कॅरोना पोसिटिव बिना लक्षणों के हैं परंतु ये याद रखना है कि उनके द्वारा वायरस फैल सकता है । वे तो ठीक हो जाएंगे लेकिन किसी को गंभीर बीमार करने के कारक बन सकते गए। इसलिए संभावित संक्रमण से सावधानी बरतें थोड़ा भी आशंका होने पर RTPCR करवाएं।
इस सबके लिए आपको जिले में मुफ्त हर बाजार में हो रहा RTPCR टेस्ट करवाना चाहिए। ताकि हमें आस-,पास की वास्तविक स्थिति पता चलती रहे और हम आने वाले संभावित खतरे की तैयारी भी कर सकें। मैंने खुद एक महीने में 3 बार यह टेस्ट करवाया है , आगे भी करवाता रहूंगा।
इसलिए मेरा निवेदन है कि , मुफ्त हो रहे RTPCR टेस्ट को अवश्य करवाएं ।
आप सभी का जीवन और स्वस्थ रहना हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है।”