अपराधियों पर नकेल, तृप्ति भट्ट ने खत्म किया लड़कियों की तस्करी का खेल

 
हरीश मैखुरी
चमोली में पुलिस अधीक्षक तृप्ति भट्ट के प्रयासों से उत्त्तराखण्ड का पहला वर्चुअल थाना न केवल संचालित होने लगा है बल्कि इस पर लोग अपनी शिकायतें भी दर्ज करने लगे हैं। आज के डिजीटल दौर में लोग इस थाने को अधिक कारगर मानकर महत्ता दे रहे हैं यही नहीं चमोली पुलिस ने आॅपरेशन मुस्कान के अन्तर्गत तीन महीने में ही करीब 56 बच्चों को बरामद कर उनके घरों तक पहुंचाने में खासी कामयाबी हासिल की है। लापता लड़कियों की तत्काल बरामदगी और लावारिसों को उनके द्घर तक पहुंचाने में पुलिस ने जो सक्रियता दिखाई उससे जनता का नई एसपी तृप्ति भट्ट में भरोसा बढ़ा  है।
सीमांत चमोली जिले में अपराध और तस्करी का कारोबार तेजी से पांव पसार रहा है। हालांकि इससे निपटने के लिए जिले की पुलिस अधीक्षक काफी सक्रिय नजर आ रही हैं। एक के बाद एक ताबड़तोड़ छापामारी अभियान से अपराधियों में खौफ भी है। मगर पूर्व की भांति जीरो क्राइम जोन जिला बनाने के लिए अभी भी बहुत कुछ करने की जरूरत है। अवैध शराब के कारोबार के साथ-साथ तस्करी में भी जबरदस्त उछाल आया है।
पहाड़ के इस शांत जिले में हत्या और अपहरण जैसी द्घटनाएं भी बढ़ने लगीं। करीब दो माह पहले जिला पुलिस कप्तान का पद संभालने वाली पुलिस अधिकारी तृप्ति भट्ट के लिए यह किसी चुनौती से कम नहीं है। लेकिन फिलहाल उन्होंने अपनी सक्रियता से जिलावासियों को विश्वास में लिया है। एसपी अपने साथ-साथ  पुलिस को भी सक्रिय कर रही हैं। उनके सामने चमोली में बड़ी चुनौती तब आई जब बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के तीसरे सप्ताह में ही बदरीनाथ हाईवे हाथी पहाड़ टूटने से बाधित हो गया था। एसपी तृप्ति भट्ट ने तब पदभार संभाला ही था। लेकिन उन्होंने तत्काल मौके पर पहुंच कर स्थिति को संभाला। तब पुलिस के इस कार्य की हर किसी ने सराहना की। उनके सामने दूसरी चुनौती सिक्खों के पवित्र धाम हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने के पहले सप्ताह ही डबल मर्डर हो गया था, लेकिन चमोली पुलिस ने इस मामले में भी अपनी सूझबूझ और तत्तपरता दिखाते हुए मामले के अपराधी को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है।