दाज्यू बोले, सरकारी गाड़ी का बीमा क्यों नहीं?

दिनेश मानसेरा

सुनो माननीय महोदय, हर परिवार को आप बीमित करना चाहते है,हर कॉलेज छात्र को आपने 12 रु देकर बीमित करना शुरू कर दिया है दो लाख का बीमा कर दिया है,ताली बजाने वाली बात है,स्वभाविक सी बात है आपको हमारी चिंता है बच्चो की चिंता है, दुर्घटना है किसी के साथ भी हो सकती है, एक बात आपसे पूछनी थी क्या आपके सलाहकारों ने ये बात आपको बताई की नही कि जिस राज्य संपत्ति विभाग की गाड़ी में आप सफर करते है उसका सरकार बीमा नहीं करवाती, किसी भी सरकारी गाड़ी किसी भी सरकारी रोडवेज बस का सरकार बीमा नहीं करवाती, किसी भी सरकारी गाड़ी से कोई दुर्घटना में कोई मृत्यु हो जाती है तो कोर्ट में आश्रित को दिए जाने वाला मुआवजा गाड़ी के ड्राइवर के सर पड़ता है,झूठ नही है ये सच है नही विश्वास तो अपने परिवहन अधिकारियों से पूछ लो,अपने साथ चल रहे ड्राइवर से पूछ लो,कि जरा गाड़ी का बीमा दिखा, हमारी कार का बीमा न हो तो सरकार चलान कर देती है और सरकारी गाड़ी को ये अपराध माफ क्यों है?

सरकार बदल गयी है ये नियम कानून भी बदल दीजिये,अब आगे से हर सरकारी गाड़ी का बीमा होगा, जिस गाड़ी का कंपनी से बीमा होगा वो आपकी गाड़ी की मेन्टेन्स भी रखेगी करोड़ो रु मेन्टेन्स का भी बचेगा बिलो का फर्ज़ीवाड़े बन्द होगा, शायद अभी आपने परिवहन सलाहकार बनाया नही होगा नही तो आपको जरूर सलाह देता,खैर बीमा कर रहे है अच्छी बात है ,ये भी आपको पता होगा कि हर साल करीब एक हज़ार पहाड़ के लोग पहाड़ की सड़कों पर मौत के आगोश में चले जा रहे है ये मेरा नही पुलिस विभाग का आंकड़ा है,राज्य बनने से अब तक पांच हज़ार मौते भूस्खलन आपदा से हो चुकी है,बड़ा सवाल ये है कि आपके द्वारा इस बारे में कोई बैठक की गई है कि ये दुर्घटना का आंकड़ा कैसे कम किया जाए, सडको के डेंजर पॉइंट्स कैसे कम किये जाये?आपदा की चेतावनी देने वाले अलार्म सिस्टम या राडार कब लगेंगे?यदि ये बैठके हुई तो उनकी समीक्षा करके देख लीजिए अभी इस्टीमेट भी नही बनेहोंगें, बरहाल आज सिर्फ इतना ही,आपके कई सलाहकार मेरी मुफ्त की सलाह से वैसे भी परेशान हो चुके है,