दरवानसिंह नेगी : जिन्हें ब्रिटेन के किंग जॅार्ज पंचम ने स्वयं युद्ध के मैदान में जाकर सर्वोच्च सम्मान विक्टोरिया क्राॅस से सम्मानित किया

दरवान सिंह नेगी : जिन्हें ब्रिटेन के किंग जॅार्ज पंचम ने स्वयं युद्ध के मैदान में जाकर सर्वोच्च सम्मान विक्टोरिया क्राॅस से सम्मानित किया। 
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हमारे देश में विक्टोरियाक्रास से नवाजे जाने वाले प्रथम पंक्ति के महानायकों में से एक नायक दरवान सिंह नेगी जी का जन्म 04 मार्च 1883 को कफारतीर गाँव, पट्टी कड़ाकोट, विकास खंड व तहसील नारायणबगड़, जिला चमोली गढ़वाल, उत्तराखण्ड में हुआ था। उनके पिता जी का नाम श्री कलमसिंह नेगी था। वर्ष 1901 में वे 39 गढ़वाल राइफल्स की पहली बटालियन में भर्ती हुए। नवम्बर 1914 में प्रथम विश्व युद्ध के दौरान उनकी पलटन को फ्रांस के फेस्टुवर्गे में एक अत्यधिक महत्वपूर्ण खाई से जर्मन सैनिकों को खदेड़ने का काम मिला। 23/ 24 नवम्बर की रात्रि लगभग 300 गज लम्बी खाईं जर्मन सैनिकों के चंगुल से आजाद कर ली। लड़ाई आमने सामने की थी। नायक दरवानसिंह नेगी जी ने इस लड़ाई मे अपनी वीरता व अदम्य साहस का परिचय दिया। फलस्वरूप ब्रिटेन के किंग जॅार्ज पंचम ने 05 दिसम्बर 1914 को सभी प्रोटोकॉल को तोड़ते हुए स्वयं युद्ध के मैदान में जाकर उन्हें सर्वोच्च सम्मान विक्टोरिया क्रौस ( परमवीर चक्र के बराबर) से सम्मानित किया। जब उनसे कोई भी दो माँगें रखने के लिए कहा गया तो उन्होंने दोनों ही माँगें अपने इलाके की तत्कालीन शिक्षा व यातायात के साधन सम्बन्धी समस्याओं के मध्य नजर रखीं। उस वक्त अच्छे विद्यालयों का अभाव था। फलस्वरूप पढ़ाई के लिए बहुत दूर जाना पड़ता था। अतः क्षेत्र में सभी शिक्षित हो इसके लिए कर्णप्रयाग में अंग्रेजी माध्यम की मिडिल स्कूल की माँग रखी गई। दूसरी ओर बद्रीनाथ केदारनाथ क्षेत्र से हरिद्वार व कोटद्वार तक पैदल ही आना पड़ता था। यातायात के साधनों की कमी थी, अतः हरिद्वार ॠषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेलवे लाइन की माँग रखी गई। दोनों ही माँगें सहर्ष स्वीकार भी हुई और कार्य रूप में परिणित भी हुई। जहाँ कर्णप्रयाग में 26 अक्टूबर 1918 को मिडिल स्कूल का उद्घाटन हुआ वही 1919 से रेलवे लाइन का सर्वेक्षण प्रारम्भ होकर 2019 में कार्य रूप में परिणित भी हो गया। आपकी दूरदर्शिता व क्षेत्र के विकास की ऊँची सोच के लिए नमन्। आपको सूबेदार साहब बहादुर की उपाधि से भी नवाजा गया। सेना से सेवानिवृत्त होने के पश्चात् आप अपने पैतृक गाँव कफारतीर में ही रहे, समाज सेवा में लगे रहे, जगह-जगह स्कूल व डाकखाने खुलवाए। 1926 में सैनिकों व पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए लैंसडाउन में देश का पहला जिला सैनिक कल्याण कार्यालय खुलवाया। 24 जून 1950 को आपका देहान्त हो गया। शताब्दी समारोह के दौरान 13 जून 2018 को विक्टोरिया क्रौस नायक दरवानसिंह नेगी वार मेमोरियल राजकीय इंटर कालेज कर्णप्रयाग में एक बैठक हुई। शताब्दी समारोह के महासचिव श्री भुवन नौटियाल जी ने मुझे फौजी होने के नाते 24 जून 2018 को विक्टोरिया क्रौस नायक दरवानसिंह नेगी जी के पैतृक गाँव कफारतीर में उनकी 68वीं पुण्य तिथि पर एक भव्य समारोह आयोजन करने का सुझाव दिया, जिसमें मिलिट्री बैंड की धुन पर विकटोरिया क्रौस नायक दरवानसिंह नेगी जी के चित्र पर माल्यार्पण, पुष्पचक्र अर्पित हो, सेना द्वारा चिकित्सा शिविर, सीएसडी कैंटीन आदि की भी सुविधा हो। अतः अगले ही दिन याने 14 जून 2018 को ब्रिगेडियर अनिल पुंडीर, सेना मेडल, ब्रिगेड कमांडर साहब 9 माउंटेन ब्रिगेड ग्रुप को मिलने जोशीमठ चला गया। पहुँच कर अपनी कार्य योजना बताई जोकि ब्रिगेड कमांडर साहब ने खुशी-खुशी स्वीकार भी कर ली। 15 जून 2018 को कर्णप्रयाग से श्री भुवन नौटियाल जी और गोपेश्वर से मैं स्वयं व श्री रिपुदमन सिंह रावत जी, राज्य मंत्री तीनों ही सोनला, कोट- कनारा, सुनाली, भटियाणा, खैंतोलीखाल होकर कफारतीर गाँव पहुँच गए। सारा दारोमदार भाई जी श्री रिपुदमन सिंह रावत जी पर था। पड़ोसी गाँव रैंस, कड़ाकोट पट्टी के रहने वाले, सभी क्षेत्रवासियों के प्रेमी व चिर परिचित शुभचिंतक नेताजी, सोनला स्थित उनके होटल से पूरे 42 किलोमीटर कफारतीर तक की सड़क एवं गावों की गहन जानकारी जो कि कयी कयी बार वे पैदल भी नाप चुके थे और सत्ताधारी पार्टी के जाने माने हितैषी नेता/ राज्य मंत्री। उनके मार्ग दर्शन में चार घंटे में हम तीनों कफारतीर गाँव करीब-करीब दोपहर एक बजे पहुँच गए। भाग्यवश गाँव में एक नवजात,नवजात शिशु का नामकरण संस्कार था तो सारे गाँव वाले एक ही आँगन में मिल गये । श्री रिपुदमनसिंह रावत जी के सभी लोग परिचित थे तो हमें तनिक भी परेशानी नहीं हुई। विकटोरिया क्रौस नायक दरवानसिंह नेगी जी के बारे में जानकारी दी गई व अपनी मंशा साफ कर दी कि आने वाले 24 जून 2018 को मात्र नौ दिनों बाद हम आपके गाँव में एक समारोह मनाने जा रहे हैं। फिर श्री भुवन नौटियाल जी ने महिला ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की जिसमें गाँव की सभी महिलाओं व कुछ बुजुर्गो ने और हम तीनों ने भी भाग लिया। सभी प्रस्ताव तुरन्त बन गये, जिम्मेदारियां भी बाँटी गयी। 24 जून 2018 के लिए मोटे-मोटे तौर पर सारी बातें तय हो गयी यहाँ तक कि श्री रिपुदमन सिंहरावत जी ने माननीय मुख्यमंत्री जी के हेलिकॉप्टर उतरने की जगह भी चिन्हित कर दी व उन्हें बता भी दिया। अलबत्ता निर्धारित तिथि पर वे अन्यत्र व्यस्त होने के कारण नहीं आ पाए। कफारतीर गाँव के लोगों से जब मैंने पूछा कि क्या पहले भी यहाँ कोई हमसे पहले आए हैं तो सबने एक ही सुर में कहा कि कोई भी नहीं, कभी भी नहीं न फौजी नहीं सिविल का कोई नुमाइंदा इस गाँव में कभी पहले दिखाई दिया। तीन अलग-अलग मार्गों से सड़क का निर्माण तो हो रहा है परन्तु वक्त आने पर अभी भी पैदल है। सोनला से 42 किलोमीटर सड़क बेहाल, नारायणबगड़ से 33 किलोमीटर सड़क खस्ताहाल और नलगाँव से मात्र 09 किलोमीटर किन्तु सड़क निर्माण कार्य शत् श्री अकाल। हम भाँप गये एक बार यहाँ पर कोई बड़ा कार्य हो गया तो प्रगति खुद ब खुद हो जाएगी। हम तीनों सायं पाँच बजे रैंस, परखाल, नारायणबगड़ होकर वापसी कर्णप्रयाग/ गोपेश्वर के लिए चल दिए। रास्ते में श्री भुवन नौटियाल जी व राज्य मंत्री श्री रिपुदमन सिंह रावत जी को एक युक्ति सूझी कि क्यों न 24 जून 2018 को कफारतीर गाँव में पहली बार बहुउद्देशीय शिविर का आयोजन किया जाय। दोनों ने मुझे सलाह दी कि मैं अपने लेटर पैड में पूर्व सैनिक लीग के जिलाध्यक्ष होने के नाते माननीय मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्रसिंह रावत जी को इस विषय में अनुरोध कर लूँ ताकि वह पत्र श्री रावतजी/ सुदर्शनसिंह कठैत जी माननीय मुख्यमंत्री जी को 19 जून 2018 को घाट में होने वाली चुनावी रैली में सुपुर्द कर दें। यही हुआ, मैंने मात्र चार लाइनें लिखकर भेज दी कि 24 जून 2018 को कफारतीर गाँव में विक्टोरिया क्रौस नायक दरवानसिंह नेगी जी की 68वीं पुण्य तिथि पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित होने का भव्य आयोजन किया जा रहा है व सभी पूर्व सैनिक चाहते हैं कि उस दिन वहाँ पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बहुउद्देशीय शिविर के साथ-साथ वृक्षारोपण का कार्य भी समपन्न हो। माननीय मुख्यमंत्री जी ने हमारी पुकार सुनी व तदनुसार 24 जून 2018 को कफारतीर गाँव में पहली बार बहुउद्देशीय शिविर व वृक्षारोपण का कार्य भी सफलतापूर्वक समपन्न हुआ। जोशीमठ से ब्रिगेड कमांडर साहब के आदेशानुसार बैंड, रीथ लेइंग पार्टी, कैंटीन, चिकित्सा शिविर इत्यादि की जबरदस्त व्यवस्था की गई थी। तीनों ओर की सड़कों पर भी जोर दिया गया, सेना के वाहन आने थे तो उसी प्रकार प्रधान मंत्री ग्रामीण सड़क योजना विभाग व सार्वजनिक निर्माण विभाग से अनुरोध किया गया सड़कों की मरम्मत/ निर्माण कार्य शीघ्रातिशीघ्र किया जाय, जो कि उन्हौने किया। इस प्रकार से कफारतीर गाँव में विक्टोरिया क्रौस नायक दरवानसिंह नेगी जी की 68वीं पुण्य तिथि के मौके पर एक सुन्दर आयोजन किया गया।
तत्पश्चात् उनकीं 69वी पुण्य तिथि पर मैं स्वयं गत वर्ष देहरादून में था तो वहीं पर श्रद्धाँजलि अर्पित की गई। इस वर्ष कोरोना के कारण 70वीं पुण्य तिथि विभिन्न जगहों पर सामान्य ढंग से मनाई जा रही है।
कर्नल डीएस बर्त्वाल गोपेश्वर।

प्रथम विश्व युद्ध के महानायक प्रथम विक्टोरिया क्रास विजेता स्वर्गीय दरबान सिंह नेगी जी की 70वीं पुण्यतिथि पर उनकी पावन स्मृति में आज 24 जून 2020 को श्री बदरीनाथ मंदिर, वेस्ट विनोद नगर दिल्ली – 92 में हवन -यज्ञ कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह हवन – यज्ञ श्री बीरेन्द्र जुयाल जी के दिशा निर्देशानुसार पंडित मुकेश गौड़ जी (मूल निवासी ग्राम – केशपुर नारायणबगड़ जिला चमोली गढ़वाल) के कर कमलों द्वारा सम्पन्न हुआ।
भगवान श्री बदरीविशाल जी प्रथम विक्टोरिया क्रास विजेता स्वर्गीय दरबान सिंह नेगी जी की पुण्य आत्मा को हमेशा अपने श्री चरणों में आसीन रखें।(सौजन्य भुवन  नौटियाल)