पत्रकारों की उपेक्षा लोकतंत्र के लिए घातकः शंकर दत्त शर्मा

स्टेट यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (उत्तराखण्ड)की बैठक देहरादून में यूनियन के प्रांतीय अध्यक्ष शंकर दत्त शर्मा की अध्यक्षता में निरंजनपुर स्थित दून लाइव 7 के कार्यालय में बैठक आहुत की गई, बैठक में उत्तराखण्ड के सभी जनपदों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, पत्रकारों में राज्य सरकार की बेरुखी को लेकर खासा आक्रोश देखा गया जिस तरह से राज्य सरकार ने अपनी विज्ञापन नीति तय की है उसे किसी भी स्थिति में छोटे अखबारों और न्यूज पोर्टल के पक्ष में नहीं कहा जा सकता। पत्रकारों ने सुझाव दिया कि आज जमाना हाईटेक हो गया है ऐसे में उत्तराखण्ड के मूल निवासी पत्रकारों के वेब पोर्टलों को सरकार उतना ही विज्ञापन दें जितने उत्तराखण्ड से निकलने वाले तीन दैनिक अखबारों को दे रही है। संगठन ने सरकार से मान्यता समिति का गठन और तत्काल विज्ञापन व मान्यता समिति की बैठक आहुत करने हेतु भी मांग की है। और साथ ही पत्रकारों के पेंशन प्रकरण निपटाने हेतु तत्काल बैठक कर कुछ बुर्जुग पत्रकारों की पेंशन तत्काल जारी करने व सक्रिय पत्रकारों तहसील स्तर पर मान्यता देने हेतु भी कार्यवाही करने की मांग की। राज्य गठन के 16 वर्ष् बाद पत्रकार कल्याण कोष व विज्ञापन समिति का गठन कर अन्य समस्याओं का भी निराकरण करने का आश्वासन दिया।लेकिन वो आश्वासन ही रह गया।त्रिवेंद्र सरकार से पत्रकारों को बड़ी आशा थी।परन्तु सरकार के 100 दिन बाद भी बाकि समस्या जस की तस है।

बैठक में पत्रकारों का बीमा, लम्बित पेंशन मामलों का अविलम्ब निस्तारण, सक्रिय पत्रकारों को चिकित्सा व आवागमन की सुविधा,लघु समाचारपत्रों व राज्य के वेब पोर्टलों को भी विज्ञापन दिए जाने, जिला सूचना कार्यालयों को सक्रिय एवं सुविधा सम्पन्न व जिला सूचना अधिकारियों की नियुक्तियां तथा पत्रकारों को आवासीय व्यवस्था के अंतर्गत प्रत्येक जिले पत्रकार कालोनियों का निर्माण कराए जाने की मांग की गई है। मुख्यमंत्री को देने हेतु 9 सूत्रीय मांगों के ज्ञापन में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किये जाने, मझिठिया आयोग की सिफारिशें लागू किये जाने, पत्रकार मान्यता समिति का तत्काल गठन किये जाने का अनुसरोध किया गया है। प्रदेश महामंत्री हरीश मैखुरी के संचालन में हुई इस बैठक से पूर्व संगठन ने मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट से भी मुलाकात की। साथ ही आगामी राज्य सम्मेलन हेतु मुख्यमंत्री से मुलाकात का निर्णय लिया गया।

राज्य सरकार से पत्रकारों की विभिन्न समस्याओं का समाधान कराए जाने की मांग की गयी तथा 9 सूत्रीय ज्ञापन मुख्यमंत्री को दिए जाने का निर्णय लिया गया। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में वहां की सरकारें पत्रकारों के हितों को लेकर गम्भीर है और उनके दसकों से लंबित आवास व पेंशन प्रकरणों का समाधान कर एक मिसाल कायम कर रही है, जबकि उत्तराखण्ड में यह सब अभी दूर की कौड़ी है। बैठक में यूनियन के प्रांतीय अध्यक्ष शंकर दत्त शर्मा, यूनियन की अनुशासन समिति के अध्यक्ष रमेश पहाड़ी, प्रदेश महामंत्री हरीश मैखुरी, प्रदेश प्रवक्ता उमेश खंडूरी, उपाध्यक्ष मो0 गुलबहार गौरी, सुलोचना पयाल आदि ने विचार व्यक्त किए।