दिवाली पर गोबर से बने मास्क और दियों ने मचाई धूम, कचरे में फेंकने पर बन जायेंगे जैविक खाद

 हिमाचल में गाय के गोबर से बने पेपर के मास्क पहनकर सुरक्षित रहने के साथ गोबर के दीये से दिवाली भी रोशन कर सकते हैं। छोटी काशी मंडी में ब्रांडेड प्रोडक्ट्स की बहार है, लेकिन गोबर से बने मास्क और दीये आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। छोटी काशी के नाम से विख्यात मंडी जिले में ईको फ्रेंडली दीपावली में ऐसे स्वदेशी उत्पाद खासी जगह बनाने में कामयाब हो रहे हैं। राष्ट्रीय कामधेनु आयोग इसमें अपनी अहम भूमिका निभाने जा रहा है।

बता दें कि इस दिवाली पर देशभर में गाय के गोबर से बने 11 करोड़ दीये जलाने का लक्ष्य रखा है। वैदिक प्लस्तर संस्था ने गोबर से बने दीये और अन्य उत्पाद मंडी के बाजारों में उतार दिए हैं। वितरक कर्ण सिंह ने बताया कि उनके पास गोबर से बने दीये, गोबर और वेस्ट कपड़ों व कागज के मिश्रण से बने मास्क, गोबर से बनी धूप, अगरबत्ती और हवन सामग्री की काफी मांग है।

गोबर से बने चार दीये 50 रुपये में, जबकि 6 दीयों का सेट 80 रुपये में बेचा जा रहा है। मास्क 20 रुपये में बेचा जा रहा है। ये सारे प्रोडक्ट पूरी तरह से ईको फ्रेंडली हैं। इन्हें इस्तेमाल करने के बाद खेतों में फेंक देंगे तो वहां खाद के रूप में काम करेंगे। इनसे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होगा।

खरीदार ज्योति, मनीषा, अर्चना, दीपिका और मनोज आदि ने कहा कि लोग इन उत्पादों के बारे में जानकर काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं।

पहली बार गाय के गोबर से बने दीये और मास्क सहित अन्य उत्पाद देखे हैं। अगर दीपावली पर गोबर से बने उत्पादों का अधिक से अधिक इस्तेमाल होगा तो निश्चित रूप से पर्यावरण का कम से कम नुकसान होगा। (साभार इंडिया टाइम्स ग्रुप) भारत सरकार को ऐसे वस्तुओं को प्रमोट करना चाहिए।