मंदी ब्रिगेड के झांसे में न आयें, यहां कुछ नया और बड़ा होने वाला है

 

 जैसे पहले, #असहिष्णुता_ब्रिगेड थी, #अवार्ड_वापसी_गैंग था, #टुकड़े_टुकड़े_गैंग था, वैसे ही अब नयीं पैदा हुई है “मन्दी ब्रिगेड” !!

जो कारों की सेल कम होने के कारण मंदी बता रहे हैं, ये वो लोग हो सकते हैं जो 15 दिन पहले कश्मीर में 5-5 प्लाट खरीद रहे थे। 

वास्तव में सब को पता है कि भारत में पिछले कुछ दिनों में 5 नयी कारें लॉन्च हुई हैं, उनकी भारी बुकिंग्स हुईं हैं, और उन पर अगले 6 से 12 महीनों तक वेटिंग भी है,

टाटा की हैरियर, मोरिस गेराजिस की M G हेक्टर, हुंडई की वेन्यू, किया मोटर्स की सेल्ट्स, रिनॉल्ट की ट्रिबर कारें लॉन्च हुई हैं, और उनकी बुकिंग्स अभी भी चल रही है, या अभी अभी बुकिंग्स बन्द हुई हैं ।

अब बताइये की जब कोई नई कार की बुकिंग करा के बैठा है और उसकी डिलीवरी का इंतजार कर रहा है, क्या वो कोई और कार खरीदेगा ?

येही है कार की सेल्स कम होने का कारण,
दरअसल कारों की सेल्स कम नहीं हुई है,
बुकिंग की गयी कारों की सेल्स में नहीं गिना जाता,
इसलिए कारों की सेल्स के आंकड़ों में सेल्स कम दिख रही हैं,
जबकि बुकिंग्स वाली कारों की सेल्स 6 महीनों के बाद नज़र आएंगी ।

“मंदी ब्रिगेड” लगी हुई है कि कारों की सेल्स कम होने के बहाने मंदी-मंदी लिख-लिख कर मैसेज भेजने में, खबरे छापने में, TV पर आ कर मन्दी का प्रचार करने में और मनोविज्ञानिक दबाव बनाने में की मन्दी आ गयी है ।

ये मन्दी नहीं है, अंतराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में अमरीका और चीन की आपसी रस्साकशी के कारण उपजी अनिश्चितता है, जिसके कारण पूरा विश्व एक आर्थिक अनिश्चितता के दौर से गुजर रहा है, जैसे ही अमरीका और चीन की रस्साकशी खत्म होगी, विश्व अनिश्चितता के दौर से बाहर आ कर दुबारा अपनी पुरानी अवस्था में आ जायेगा, भारत फिर अपने पूरी क्षमता से विकसित होगा, और विकास के रास्ते पर तीव्र गति से दौड़ेगा ।

    वैसे भी भारत एक कृषि प्रधान देश होने के नाते विश्वव्यापी मंदी की चपेट में केवल आंशिक रूप से ही रहेगा भारत की अपनी सुदृढ़ और मजबूत इकोनामी है जो इस साल भी फिजिकल डेट शीट और एनुअल ग्रोथ रेट अपने लक्ष्य के अनुरूप ही प्राप्त करेगा भारत तेजी से 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनामी के लक्ष्य को प्राप्त कर रहा है इसी से बहुत सारे कंजरवेटिव गैंग खा से बेचैन हैं

देश के बहुत से अनुभवी लोग तो यहां तक कह रहे हैं कि जमाखोरों ने नोटबदली के बाद भी  फिर से नए नोट जमा कर लिए हैं इसलिए एक बार  2000 के नोटों की भी  बदली होनी चाहिए  ताकि ये पैंसा मार्केटिंग में फ्लो हो सके https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=487875448657949&id=263262560993830

“मन्दी ब्रिगेड” की बातों में विशवास न करिये, भारत अभी भी विश्व की सबसे तेज गति से विकास कर रही अर्थव्यवस्था है । आप विश्वास रखिये भारत की ग्रोथ स्टोरी पर, और भारत के विकास की क्षमता पर ।

जिस देश में पर्याप्त धन है तभी तो सिर्फ उत्तराखण्ड की सड़कों पर ही अरबों रू खर्च हो रहा है और ऐसीयोयोजनायें काम देश भर में चल रही है। https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=657091898049943&id=591502131275587

?? जय हिंद ??