एक करोड़ का चिकित्सा वाहन नहीं रहा दो कौड़ी का।

राज तिवारी
ये चमोली जिले के जिला चिकित्सालय में खड़ा है 1 करोड़ को लागत का सचल चिकित्सा वाहन, इस वाहन के ज़रिए सरकार चमोली के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधा देने का काम करना चाहती है। लेकिन क्या ये सम्भव होगा सोचनीय है?
      कई बार वाहन की दुर्गति को लेकर वार्ता हुई पर स्थिति जस की तस, सुना है जिस कम्पनी को ये वाहन संचालन की जिम्मेदारी दी गयी थी, वो कँहा है कोई पता नहीं। ज़िले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी शासन स्तर पर अनुबन्ध होने की बात कह रहे हैं। पर ये समझ नहीं आया कि अनुबन्ध वाहन संचालन का होगा या वाहन के ऑक्शन का?