प्रदेश में भाजपा सरकार के सौ दिन पूरे होने पर केंद्र सरकार स्मार्ट सिटी का तोहफा दे दिया। आज इसकी घोषणा कर दी गई। देहरादून को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए लंबे समय से प्रयास चल रहे थे। पहले चरण में देहरादून शहर 34 अंकों के साथ 98 शहरों में से सबसे आखिरी पायदान पर रहा तो दूसरे चरण में देहरादून को 54 अंक तो मिले, लेकिन दून लगातार दूसरे और तीसरे चरण में पिछड़ गया था। इस स्मार्ट सिटी के लिए सरकार ने पहले चरण में जिस योजना का खाका बनाकर केंद्र को भेजा, उस पर सरकार ने चाय बागान की जमीन पर ग्रीनफील्ड का विकल्प अपनाया। स्थिति यह बनी की स्मार्ट सिटी के टॉप 20 शहरों में नाम आना तो दूर, देहरादून को कुल 98 शहरों में 38 अंकों के साथ आखिरी स्थान मिला।
इसके बाद देहरादून को फास्ट ट्रेक प्रतियोगिता में 23 शहरों के साथ फिर से प्रतिभाग करने का मौका मिला। तीसरे चरण में सरकार ने घंटाघर को केंद्र बनाकर नया प्रस्ताव तैयार किया। इस प्रस्ताव में योजना का आकार घटाकर 875 एकड़ किया गया, मगर नए प्रस्ताव पर कसरत को बेहद कम समय मिला और दून को स्मार्ट सिटी बनाने का सपना अधूरा रह गया इसके बाद नोडल एजेंसी ने नए सिरे से प्रस्ताव बनाकर केंद्र को भेजा, और आज जारी सूची में दून को स्मार्ट सिटी में शामिल कर लिया गया है।
देहरादून को स्मार्ट सिटी में शामिल किये जाने पर कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने केंद्र सरकार का धन्यबाद किया, और कहा देहरादून को स्मार्ट सिटी में शामिल कराने की लिए राज्य सरकार ने कड़ी मेहनत की है और अधिकारियो का पूरा सहयोग रहा है । शुरू आती दौर में 875 एकड़ जमींन का प्रोजेस्क्ट भारत सरकार को भेजा था जिसके लिए 1407 करोड़ का खर्च आयोग।