दून अस्पताल में खून न मिलने से महिला और नवजात बच्चे की मौत

देहरादून में सबसे बड़े सरकारी अस्पताल दून महिला में खून न मिलने से महिला और उसके नवजात बच्चे की मौत हो गई। महिला की डिलीवरी के दौरान सरकारी ब्लड बैंक से एबी नेगेटिव खून नहीं। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया। पांवटा निवासी नरेंद्र सिंह ने अपनी पत्नी ललिता को दो दिन पहले दून महिला अस्पताल में भर्ती कराया था। भर्ती होने के बाद गर्भवती महिला का अल्ट्रासाउंड किया गया। पता चला कि बच्चे के गले में नाल फंसी हुई है। ऐसे में डाक्टरों ने आपरेशन की सलाह दी। इस बीच महिला की तबीयत बिगड़ गई। महिला की डिलीवरी की तैयारी शुरू की गई। महिला का ब्लड ग्रूप एबी नेगेटिव था। डाक्टरों ने परिजनों से कहा कि खून का इंतजाम कर लिया जाए। खतरे को देखते हुए डाक्टर गर्भवती महिला की डिलीवरी में जुट गए।

उधर परिजन दून अस्पताल के ब्लड बैंक में खून लेने के लिए गए। यहां तैनात कर्मचारियों ने बताया कि उनके पास एबी नेगेटिव ब्लड नहीं है। ऐसे में निराश होकर महिला के पति नरेंद्र सिंह दून महिला अस्पताल गए और बताया कि ब्लड नहीं है। तब तक डिलीवरी हो चुकी थी। महिला के ब्लीडिंग ज्यादा होने से उसकी मौत हो गई, वहीं बच्चे को भी डाक्टर नहीं बचा पाए। नरेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि दो दिन पहले भर्ती करने के बाद भी डाक्टरों ने आपरेशन नहीं किया। अगर समय पर आपरेशन हो जाता तो यह नौबत नहीं आती।

इलाज में लापरवाही के कारण ही उनकी पत्नी और बच्चे की मौत हुई है। उधर, दून महिला अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डा. मीनाक्षी जोशी ने बताया कि महिला की हालत गंभीर थी। ऐसे में डिलीवरी करनी जरूरी थी। महिला की ब्लीडिंग ज्यादा हो गई। महिला का ब्लड ग्रुप एबी नेगेटिव था जो कि काफी रेयर होता है। ब्लड बैंक में एबी नेगेटिव ब्लड नहीं मिला। ऐसे में ज्यादा ब्लीडिंग होने पर महिला और बच्चे की मौत हो गई। हालांकि किसी के स्तर पर लापरवाही हुई होगी तो इसकी जांच की जाएगी।