2300 परिवारों के पास दून अब भी नहीं है शौचालय

नगर निगम देहरादून द्वारा हाल ही में कराए गए सर्वे के मुताबिक करीब 2300 परिवार अब भी खुले में शौच करते हैं. राजधानी दून को ओडीएफ या खुले में शौच मुक्त किए जाने की कवायद नगर निगम ने तेज कर दी है। नगरायुक्त विजय कुमार जोगदंडे के अनुसार इनमें ज्यादातर मामले रेल की पटरी, रेलवे स्टेशन के पास, बस्ती क्षेत्र व नदी के पास के हैं. ऐसे में निगम के सामने शहर को खुले में शौच मुक्त करने की बड़ी चुनौती है।

नगर आयुक्त विजय कुमार जोगदंडे के अनुसार खुले में शौच जाने के मामलों में परिवारों का चिन्हीकरण किया जा चुका है. इसके साथ ही उन लोगों के लिए शौचालय निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है। जिन क्षेत्रों में शौचालय बनाने के लिए भूमि उपलब्ध नहीं है, वहां मोबाइल टॉयलेट की व्यवस्था की जाएगी ताकि लोग खुले में शौच न जाएं. नगरायुक्त दावा करते हैं कि दिसंबर ख़त्म होने से पहले नगर निगम क्षेत्र को खुले में शौच की समस्या से निजात मिल जाएगी।

पूर्व विधायक राजकुमार को इन दावों पर यकीन नहीं है. वह कहते हैं कि निगम के दावे पूरी तरह से खोखले हैं क्योंकि निगम ने खुले में शौच जाने के जो आंकड़े प्रस्तुत किए हैं वही गलत हैं। राजकुमार के अनुसार आज भी हजारों लोग खुले में शौच करने को मजबूर हैं. राजकुमार ने कहा कि जो लोग शौचालय बनवाना चाहते हैं उनका निगम ने सर्वे कराया था, और इसके लिए निगम में फार्म भी भरे गए थे लेकिन सब्सिडी न मिलने के कारण ये कार्य भी अधर में लटका है। जो शौचालय निगम ने बनवाए भी थे आज उनका निर्माण इतना ख़राब हुआ है कि लोगों ने इस्तेमाल ही नहीं किया।