डाॅ राजीव शर्मा : क्षेत्र के लोग इन्हें स्थानान्तरण और पदोन्नति पर भी नहीं जाने देते

डॉ हरीश मैखुरी

अतीव सज्जन व्यक्ति डॉ राजीव शर्मा (सर्जन) जब पहली बार राजकीय सामुदायिक चिकित्सालय कर्णप्रयाग आये तो फिर ये डाक्टर दंपत्ति यहीं के हो कर रह गये। ५६ वर्ष की उम्र हो गयी आज उनकी।  इस बीच वे अपनी सेवाओं के बल पर न केवल लोकप्रिय हुए बल्कि चमोली रूद्रप्रयाग जनपद के लाखों बीमारों के मसीहा बने, सर्जरी में वे सिद्धहस्त और पारंगत हैं। वे इस छोटी जगह पर सीमित संसाधनों में कैंसर, रसौली, यूट्रस रिमूवल, गालब्लाडर सर्जरी, अपेंडिक्स, लीवर, किडनी स्टोन आदि अनेक जटिल और बड़ी सर्जरी भी कुशलतापूर्वक कर लेते हैं, उनका रिकवरी और ससक्सेज रेट भी बहुत ज्यादा है। यही नहीं वे घाट के रामणि जैसे दूरस्थ गांव में जब वहां बारह किलोमीटर पैदल जाना पड़ता था तब वहां माह में एक दिन निःशुल्क शिविर भी लगाते रहे। अनेक अति गरीब लोगों को अपनी और से दवा खरीद कर भी देते हैं। मरीजों के प्रति सेवाभाव भी रखते हैं। ये खूबी उन्हें लोकप्रिय बनाती है। उनकी सेवाओं के लिए उन्हें अनेक अवसरों पर सम्मानित और पुरस्कृत भी किया गया। इस क्षेत्र के लोग उन्हें स्थानान्तरण और पदोन्नति पर भी नहीं जाने देते। पदोन्नति के बाबजूद लोगों ने उन्हें यहीं रोक दिया। साल-भर पहले उत्तराखंड से ६ डाक्टरों की लिस्ट में डाॅ शर्मा को भी उत्तर प्रदेश काडर हेतु कार्य मुक्त करने के शासनादेश हुए, लेकिन डाॅ राजीव शर्मा की लोकप्रियता देखिए एक हफ्ते में शासन को डाॅ शर्मा के आदेश को निरस्त करना पड़ा। कोरोना काल में भी डाॅ शर्मा दम्पति पहले की भांति पूरी तन्मयता के साथ मरीजों की देख रेख कर रहे हैं। और कोरोना वारियर्स बन कर उभरे हैं। पब्लिक डिलिंग की पोस्ट पर लोकप्रियता का यह मुकाम कम ही लोग हासिल कर पाते हैं। यहां तो लोग भगवान से भी संतुष्ट नहीं रहते। जन्म दिवस की बधाई।