भारत के जेम्स बॉन्ड अजीत डोभाल की बहादुरी के आगे थर-थर कांपते हैं दुश्मन, जन्मदिन पर देश भर से बधाई और शुभकामनाएं

🔰 भारत के जेम्स बॉन्ड अजीत डोवाल को 76 वे जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। उनकी बहादुरी के आगे दुश्मन भी थर-थर कांपते हैं। यही कारण है कि उन्हें दोबारा देश का राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया गया। इतना ही नहीं उन्हें मोदी कैबिनेट में भी शामिल किया गया।

🔰अजीत डोभाल अकेले ऐसे अधिकारियों में से हैं, जिनकी अपनी ऑफिस बिल्डिंग है। वे भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी और इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के पूर्व निदेशक भी रह चुके हैं। अजीत डोभाल को सैन्य सम्मान कीर्ति चक्र से भी सम्मानित किया जा चुका है।

🔰वे पाकिस्तान में सात सालों तक खुफिया जासूस की भूमिका में रह चुके हैं। पाकिस्तान में अंडर कवर एजेंट की भूमिका के बाद उन्होंने इस्लामाबाद में स्थित इंडियन हाई कमिशन के लिए काम किया। कांधार में आईसी-814 के अपहरण प्रकरण में अपहृत लोगों को सुरक्षित वापस लाने में अजीत की अहम भूमिका रही थी।

🔰पूर्वोत्तर, पंजाब, पाकिस्तान और जम्मू-कश्मीर में डोभाल जिस तरह से अपने इंटेलीजेंस ऑपरेशंस को अंजाम देते रहे हैं, उसकी वजह से ही डोभाल को भारत का जेम्स बॉन्ड भी कहा जाता है। 30 मई, 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अजीत डोभाल को देश के 5वें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में नियुक्त किया।

🔰पीओके में अंजाम दिए गए सर्जिकल स्ट्राइक के पीछे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का बड़ा हाथ था। ऑपरेशन की निगरानी दिवंगत पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और डीजीएमओ ले.जन. रनबीर सिंह ने ही की थी। अजीत डोभाल के मार्गदर्शन में म्यामार में भी भारतीय सेना ने घुसकर उग्रवादियों को मौत की नींद सुला दिया था।

“सहज-सरल, ऊर्जावान व कर्मठ व्यक्तित्व के धनी,
पाकिस्तान के विरुद्ध सर्जिकल स्ट्राइक एवं जम्मू-कश्मीर को भारत का पूर्ण व अभिन्न अंग बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजीत डोभाल आपको जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं अनंत शुभकामनाएं!”

प्रभु श्री राम जी से प्रार्थना है कि आप दीर्घायु हों और सदैव स्वस्थ एवं प्रसन्न रहें।”{20 जनवरी 1945 (आयु 76 वर्ष), पुरी गढ़वाल}

“एक ऐसा भारतीय जो खुलेआम पाकिस्तान को एक और मुंबई के बदले बलूचिस्तान छीन लेने की चेतावनी देने से गुरेज़ नहीं करता, एक ऐसा जासूस जो पाकिस्तान के लाहौर में 7 साल मुसलमान बनकर अपने देश की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहा हो।

वे भारत के ऐसे एकमात्र नागरिक हैं जिन्हें शांतिकाल में दिया जाने वाले दूसरे सबसे बड़े पुरस्कार कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया है। यहां हम बात कर रहे हैं केरल कैडर के 1968 बैच के आईपीएस अजीत डाभोल की जो 1972 में भारतीय खुफिया एजेंसी आईबी से जुड़े। मूलत: उत्‍तराखंड के पौडी गढ़वाल से आने वाले अजीत डोभाल ने अजमेर मिलिट्री स्‍कूल से पढ़ाई की है और आगरा विवि से अर्थशास्‍त्र में एमएम किया है।

डोभाल से क्यों डरता है पाकिस्तान..?
डाभोल कई ऐसे खतरनाक कारनामों को अंजाम दे चुके हैं जिन्हें सुनकर जेम्स बांड के किस्से भी फीके लगते हैं। वर्तमान में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद पर आसीन अजीत कुमार डाभोल से बड़े-बड़े मंत्री भी सहमे रहते हैं।
भारतीय सेना द्वारा म्यनमार में सीमापार सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए डाभोल ने भारत के शत्रुओं को सीधा और साफ संदेश दे दिया है कि अब भारत आक्रामक-रक्षात्मक रवैया अख्तियार कर चुका है।

आइए जानते हैं अजीत डोभाल के कुछ और रोमांचक कारनामें :
1. भारतीय सेना के एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन ब्ल्यू स्टार के दौरान उन्होंने एक गुप्तचर की भूमिका निभाई और भारतीय सुरक्षा बलों के लिए महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी उपलब्ध कराई जिसकी मदद से सैन्य ऑपरेशन सफल हो सका। इस दौरान उनकी भूमिका एक ऐसे पाकिस्तानी जासूस की थी, जिसने खालिस्तानियों का विश्वास जीत कर उनकी तैयारियों की जानकारी ली थी।