ऊर्जा प्रदेश में भी ऊर्जा की मार झेल रहे उद्योग

ऊर्जा प्रदेश कहे जाने वाले उत्तराखण्ड राज्य में उद्योग अब बिजली की किल्लत मार झेल रहे है। जिससे उद्योगों में न तो समय पर उत्पादन हो पा रहा है और न ही लेबर को काम मिल पा रहा है। उद्योगों को इस बात की भी चिंता है कि हाल ऐसा ही रहा तो आगे आने वाले त्यौहार दीपावली के मिले ऑर्डर भी समय पर पूरा नहीं हो पाएंगे। यूपीसीएल का कहना है कि ट्रांसफार्मर से लेकर विद्युत लाइनों के मेंटिनेंस के लिए शटडाउन लिया जा रहा है। लेकिन दीपावली के पहले तक हर क्षेत्र में विद्युत की आपूर्ति यथावत कर दी जाएगी।

सेलाकुई क्षेत्र में दून के आस-पास के क्षेत्रों में भी कई इंडस्ट्रीज हैं। लेकिन उद्योगपतियों के आरोप हैं पिछले कई महीनों से उद्योगों को पर्याप्त बिजली नहीं मिल पा रही है। जिसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ रहा है। उद्योगपतियों को कहना है कि पिछले दिनों बिजली की उपलब्धता न होने के कारण उद्योगों को सप्ताह में दो दिन तक उत्पादन बंद करना पड़ा। इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के महासचिव अनिल मारवाह का कहना है कि वर्तमान समय में भी उद्योगों को करीब तीन- चार घंटे एवरेज की बिजली कट का सामना करना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि सेलाकुई इंडस्ट्री में ख्ख्0 केवी सब- स्टेशन प्रस्तावित था, अभी तक पता नहीं चल पाया। वहीं, इंडस्ट्री एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता का कहना है कि बिजली की आपूर्ति से ज्यादा दिक्कत सिस्टम मैनेजमेंट में है। लाइनों, ट्रांसफार्मर व सब स्टेशनों को मेंटिनेंस की जरूरत है। यूपीसीएल के एमडी बीसीके मिश्रा का कहना है कि समूचे राज्य में मरम्मतीकरण की जरूरत है। इसके लिए अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि जल्द से जल्द दीपावली तक मरम्मतीकरण का काम पूरा कर दिया जाए।