प्रतिवर्ष वनाग्नि से वनों के खाख़ होने के रकबे में वृद्धि होना चिंतनीय

 विनय सेमवाल की रिपोर्ट 

वनाग्नी से जंगलों को बचाने के लिए चलाया जनजागरुकता कार्यक्रम
गोपेश्वर सोमवार।चंडी प्रसाद भट्ट पर्यावरण एवं विकास केंद्र तथा वन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में जिले के विभिन्न वन प्रभागों के अन्तर्गत वनाग्नि की दृष्टि से संवदेनशील क्षेत्रों में एक फरवरी से सात फरवरी तक अग्नि सुरक्षा सप्ताह के तहत जन जागरुकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसी के तहत राजकीय इंटर कॉलेज बछेर में केदारनाथ वन प्रभाग के अन्तर्गत गोपेश्वर रेंज में बछेर क्षेत्र के ग्रामीणों एवं छात्रों के बीच सामूहिक बैठक कर “वानाग्नि से वनो का बचाव” विषय पर एक गोष्ठी का की गई।”वानाग्नि से वनो का बचाव” विषय पर गोष्ठी को संबोधित करते हुए चंडी प्रसाद भट्ट पर्यावरण एवं विकास केंद्र के प्रबंध न्यासी ओम प्रकाश भट्ट ने कहा कि पिछले कई वर्षों से यह क्षेत्र वानाग्नि की दृष्टि से अति संवेदनशील रहा है। जहां प्रतिवर्ष वनाग्नि से वनों के खाख़ होने के रकबे में वृद्धि हो रही है जो चिंतनीय है। अपने जंगलों को आग से बचना हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है । साथ ही उन्होंने आगे बताया कि न्यास एक व्हाट्स एप ग्रुप के माध्यम से जन सहयोग द्वारा वनग्नी से बचाव के लिए एक सूचना तंत्र बनाएगा जिससे आग की रोकथाम सूचना के माध्यम से तवारित सुनिश्चित हो सके। रेंज अधिकारी आरती मैठाणी ने पावर प्वाइंट प्रेजेन्टेशन के माध्यम से वनाग्नी के रोकथाम, इससे बचाव के उपाय बताने के साथ ही जंगल के समीप फायर सीजन में बरती जाने वाली सावधानियों की भी जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों का वनागनी के दौरान वन विभाग का सहयोग करने की भी अपील करते हुए कहा कि वनो की सुरक्षा सामूहिक प्रयासों व जन जागरुकता तथा जरूरी सावधनियां बरतने से ही सुनिश्चित हो सकती है। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रकृति द्वारा प्रदान की गई चीजों को स्वयं नहीं बना सकते हैं लेकिन उन्हें सहेज कर रख सकते है ।इसी क्रम में उन्होंने कहा कि हमें ऐसा प्रयास करना चाहिए कि आग लगे ही नहीं। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार हरीश मैखुरी ने भी गोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे पूर्वज प्रकृति के प्रति संवेदनशील थे उन्होंने प्रकृति के संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए कई नियम बनाए थे जिनका वो विधिवत एवं अनुशासित ढंग से पालन भी करते थे , हमारी परम्पाओं में पंच वृक्षों की पूजा की जाती है। लेकिन आज हमारी परम्पाओं में अवमूल्यन के कारण ही हमारे समक्ष पर्यावरणीय समस्याएं आ रही है। विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री राम जी ने गोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि हमें ऐसे प्रयास करने चाहिए कि वनों में आग ही न लगे, तथा वनों की सुरक्षा करना हम सब की नैतिक जिम्मेदारी है।इसके अतिरिक्त कलावती देवी, सुमन देवी, वचन सिंह, कल्पेश्वरी देवी, महेशी देवी, टीना देवी आदि ने भी गोष्ठी में अपने विचार व्यक्त किए।
इस दौरान विद्यालय परिसर में आयोजित गोष्ठी कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के शिक्षक बी एल गोदियाल ने किया। गोष्ठी में विद्यालय के शिक्षकों, वन विभाग के कर्मचारियों तथा छात्र छात्राओं सहित कई पर्यावरण प्रेमी व समाजसेवी लोग मौजूद थे।