जल संस्थान में आधी रात को धमाका

 
देहरादून में गुरुवार को पेयजल को साफ करने के लिए दिलाराम चैक स्थित वाटर वर्कस परिसर में क्लोरीन के कुछ सिलेंडर रखे हुए थे। आधी रात को अचानक इनमें से एक सिलेंडर में तेज धमाका हुआ और गैस का रिसाव होने लगा। वाटर वर्कस में क्लोरीन गैस तेजी से फैलने लगी व अफरा-तफरी मच गई।

दिलाराम चैक स्थित वाटर वर्कस में क्लोरीन गैस सिलेंडर में धमाके के बाद गैस रिसाव होने से अफरा-तफरी मच गई। भारी मात्रा में गैस रिसाव के कारण जल संस्थान सहित आसपास के क्षेत्रों में तीव्र गंध फैलने लगी। सूचना पर बचाव को पहुंचे सीपीयू के चार सिपाही, एक फॉयरमैन व उसका बेटा और अन्य युवक समेत वाटर वर्कस निवासी एक व्यक्ति व उसके तीन बच्चे गैस रिसाव की वजह से बेहोश हो गए। और आसपास के लोग दहशत में आ गए।

आनन-फानन में सभी को दून अस्पताल पहुंचाया गया मगर ऑक्सीजन उपलब्ध न होने के कारण सभी को अलग-अलग अस्पतालों में रेफर किया गया। बच्चों को श्री महंत इंद्रेश अस्पताल जबकि सीपीयू के सिपाहियों को सीएमआइ और एक युवक को मैक्स अस्पताल रेफर किया गया। वहीं, मौके पर मौजूद फायर बिग्रेड की टीम ने गैस सिलेंडर को पानी में फेंककर स्थिति पर काबू पाया।

जानकारी के मुताबिक गैस के तेजी से क्षेत्र में फैलने और शोरगुल के कारण पास ही ड्यूटी पर तैनात सीपीयू के दो दरोगा, दो कांस्टेबल लोगों को बचाने के लिए वाटर वर्कस के अंदर घुस गए। जैसे ही वे अंदर घुसे तो उनका दम घुटने लगा और वे जैसे-तैसे कुछ लोगों को लेकर बाहर आए। इसके बाद दोबारा अंदर जाकर अन्य लोगों को बचाने का प्रयास करते हुए सीपीयू के चारों लोग बेहोश हो गए।

इसके अलावा वाटर वर्कस में ही रह रहे फायरमैन व उनका पुत्र भी गैस की वजह से बेहोश हो गया। सूचना पर आसपास भी भगदड़ जैसी स्थिति हो गई और लोग सड़कों पर जमा हो गए। मौके पर पहुंची फायर बिग्रेड की टीम ने गैस सिलेंडर को तुरंत वाटर वर्कस के पीछे स्थित नाले में फेंक दिया। लीक हो रही क्लोरीन गैस के पानी में मिलने के कारण हालात सामान्य हो गए।

लोगों को बचाते हुए बेहोश हुए सीपीयू के दो दरोगा सुनील कुमार व ललित बोरा, कांस्टेबिल विकास कुमार और गंभीर सिंह, एक फायर मैन नरेंद्र सिंह रावत व उनका बेटा, वाटर वक्र्स में रह रहे रमेश व उनके तीन बच्चों को तत्काल दून अस्पताल ले जाया गया। वहां ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं होने के कारण सिपाहियों को सीएमआइ, जबकि बच्चों को महंत इंदिरेश अस्पताल व एक को मैक्स अस्पताल भर्ती करवाया गया। देर रात तक तीनों सीपीयू कर्मियों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी, जबकि अन्य अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं।

हो सकता था बड़ा हादसा

सीपीयू जवानों ने अगर मौके पर तत्परता नहीं दिखाई होती तो निसंदेह बड़ा हादसा हो सकता था। वाटर वक्र्स के आसपास जल संस्थान के अधिकारियों के आवास के साथ ही कॉलोनी भी स्थित हैं। गैस पर यदि समय से काबू नहीं पाया जाता तो यह आसपास के क्षेत्र में भी फैल सकती थी। जिससे बड़ा हादसा हो सकता था।

मांगा स्पष्टीकरण

दून मेडिकल कालेज प्रशासन ने इमरजेंसी में तैनात डाक्टर, फार्मासिस्ट व अन्य स्टाफ से स्पष्टीकरण मांगा। अस्पताल प्रशासन ने जल संस्थान में गैस रिसाव के बाद अस्पताल पहुंचे मरीजों को रेफर कर दिया था। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा के मुताबिक अस्पताल में आक्सीजन की कोई कमी नहीं थी। डेंगू वार्ड में ही दस बेड खाली थे।डाक्टर व स्टाफ के स्तर पर यह प्रबंधकीय चूक है।