दिल्ली विधानसभा चुनाव के तथ्य, आखिरी में पड़े 31.5% वोट ने कहीं केजरीवाल की हार की पटकथा तो नहीं लिख दी?

सतीश सकलानी लिखते हैं ” दिल्ली विधानसभा चुनाव के कुछ तथ्य ” 1:-इस चुनाव के दौरान मे दिल्ली चुनाव आयोग ने पांच करोड रुपये की शराब और तीन करोड रुपये के नशीले पदार्थ जफ्त किये । 2:- फ्री बिजली पानी फ्री बिरयानी और ध्याडी मजदूरी देकर शाहिन बाग का ड्रामा रचकर मुस्लिम तुस्टीकरण करके वोटबैंक की राजनीती करने वाले अंततः तिलक लगाकर मन्दिरों मे जाते दिखे । 3 :- माननीय गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली बिधानसभा चुनाव का प्रभारी दिल्ली के किसी नेता को ना बनाकर इस चुनाव का सारा प्रभार खुद अपने हाथ मे रखा और खुद घरघर जाकर लोगों से बात की अपने सैकडो MP MLA और बडे नेतावों को प्रचार अभियान मे झोंक दिया । 4 :- काम के दमपर पुनः शतप्रतिशत AAP की सरकार बनने की दावा करने वाले अधिकांश लोग भी अंततः यह कहते सुने गये कि केजरिवाल के लिये इसबार दिल्ली बिधानसभा का चुनाव जितना अब आसान नहीं है । 5:- मजनू का टीला दिल्ली मे मुस्लिम वोटबैंक के लिये आपियों और अल्का लांबा शहित कई कांग्रेशियों को सडक पर तु तडाक करते , लडते झगडते आपस मे हाथापाई करते देखा गया । 6:- CAA के बिरुद्ध शाहिनबाग प्रदर्शन के दौरान अपनी आई डी के कागज ना दिखाने और वोटिंग का बहिस्कार करने का आवाहन करने वाले जालीदार टोपी बुर्के वाले लोग पोलिंगबुथ पर रात आठ बजे तक अपने हाथों मे अपनी आई डी थामे लाइन लगाकर खडे दिखे । 7:- भाजपा इस दिल्ली बिधानसभा चुनाव मे अपना मत प्रतिशत बढाने मे कामयाब रही परिणाम स्वरूप भाजपा दिल्ली की 30 से ज्यादा बिधानसभा सीट जीतती दिख रही है 8:- इस चुनाव मे आम आदमी पार्टी का मत प्रतिशत काफी ज्यादा घटा है लिहाजा आम आदमी पार्टी पिछले बिधानसभा चुनाव मे जीती हुयी अपनी आधा से ज्याद सीट गवांती दिख रही है।

संजय वर्मा लिखते हैं:-

आखिरी में पड़े 31.5% वोट ने कहीं केजरीवाल की हार की पटकथा तो नहीं लिख दी है?

सारे एग्जिट पोल फेवर में आने के बावजूद अरविंद केजरीवाल को हार का डर सता रहा है, और वो व उनका ईको-सिस्टम अभी से भाजपा पर EVM हैकिंग का आरोप लगाने लगा है। चुनावी इतिहास में यह पहली बार कि जिसके फेवर में एग्जिट पोल है, वह डरा हुआ है, और #EVM का मंत्र जाप रहा है। आप जानते हैं क्यों? आइए बिंदुवार समझते हैं:-

१) सभी एग्जिट पोल में आंकड़े दोपहर 2.30 से 3 बजे तक के हैं, जब केवल 30.18% वोट पड़े थे।

२) रात के 8 बजे तक वोटिंग हुई है, और वोट प्रतिशत 61.71% हुआ है।

३) एग्जिट पोल वालों ने सीधे-सीधे 31.5% मतदान को नेगलेक्ट कर दिया है। यह वह मतदाता हैं जो 4-6 के बीच पोलिंग स्टेशन पहुंचा था।

४) मैं पहले दिन से कह रहा हूं कि केजरीवाल के पास न अपने कार्यकर्ता हैं, न बूथ प्रबंधन।

५) फिर यह आखिरी समय का ३१ फीसदी वोट किसने निकाला?

६) यह कैडरबेस पार्टी ने निकाला, और वह भाजपा है।

७) मुस्लिम इलाके में भी आखिर में 70% वोटिंग हुई, लेकिन वह १२-१५ विधानसभा ही है।

८) केजरीवाल के टेबल खाली पड़े थे, और भाजपाई घर से लोगों को निकाल-निकाल कर वोट करवा रहे थे।

९) 30.18% पर जब एग्जिट पोल भाजपा को 9-23 सीट दे रहे हैं, तो फिर आखिरी के 31.5% वोट में यदि 20% भी भाजपा को मिला तो फिर उसकी सीट कितनी हो जाएगी?

१०) केजरीवाल और उसका ईको सिस्टम कांग्रेस के वोट पर खेल रहा है, जबकि वह भूल रहा है कि आखिरी में पड़ा करीब 31% वोट में शायद ही कांग्रेस को पड़ा है।

केजरीवाल, संजय सिंह, मनीष सिसोदिया, प्रशांत किशोर और इनके पूरे ईको सिस्टम ने आखिरी में पड़े इसी 31.5% मतदान के डर से EVM राग छेड़ दिया है। संभवतः उन्हें हार का डर सता रहा है, जिसके लिए वह ईवीएम पर ठीकड़ा फोड़ कर अपने बचाव का रास्ता ढूंढ रहे हैं। 11 फरवरी को कोहराम मचना तय है। इंतजार करते हैं।

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एक और गणित देखिये

*विजय का गणित निम्नलिखित प्रकार है:-*

Total voters 1.47 Cr
Voting till 4 pm. 42.70%
Voting during 4 to 6.30 pm 20.00%
Assuming AAP % till 4 pm was 56% n then 25%
Assuming BJP % till 4 pm was 39% n then 70%
final votes
AAP..35.15 + 7.35 = 42.5 L .32 seats
BJP..24.48 + 20.58= 45.06..35 seats
CONG 5%. 4.61..3 Seats

और ज्योतिष वालों ने तो चुनाव से पहले ही बता दिया ?“मंगल के राशि परिवर्तन होने से भाजपा कि दिल्ली मे 47 सिटो पर विजय का पताका फरेगा”