शिक्षा मंत्री डाॅ रमेश पोखरियाल निशंक के त्यागपत्र से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी दुखी

✍️हरीश मैखुरी
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और देश के पूर्व शिक्षा मंत्री रहे डॉ रमेश पोखरियाल निशंक के त्यागपत्र से उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत काफी दुखी हैं। उन्होंने अपने मन के उदगार सोशल मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक किए, हरीश रावत का कहना है कि रमेश पोखरियाल संभावनाओं भरे परिश्रमी जनप्रतिनिधि हैं, उन्होंने कहा कि  निशंक के इस त्यागपत्र से व्यक्तिगत रूप से रूप से आहत हैं उन्होंने कहा कि हर किसी को ऐसा अवसर नहीं मिलता। 
हरीश रावत ने कहा कि “राजनीति में पद आते हैं और पद छिनते भी हैं। मगर कुछ लोगों से पद का छिन जाना, गहरी व्यथा देता है। Dr.Ramesh Pokhriyal Nishank जी, राज्य के भूतपूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री पद सुशोभित कर चुके, एक ऐसे व्यक्ति हैं जो ग्रामीण परिवेश से, एकदम सामान्य पर्वतीय घर से निकलकर देश के मानव संसाधन मंत्री बने। जब वो मानव संसाधन मंत्री बने तब भी मुझे बेहद प्रसन्नता हुई और मैंने अपनी खुशी जाहिर की। क्योंकि #उत्तराखंड छोटा राज्य है”
हरीश रावत ने बहुत गहरी बात करते हुए कहा कि “अब हमारे लिए राष्ट्रीय राजनीति को प्रभावित करने वाले गोविंद बल्लभ पंत देना संभव नहीं है, न हेमवती नंदन बहुगुणा और नारायण दत्त तिवारी देना संभव है। मगर श्री निशंक जी मानव संसाधन मंत्री बने, यह एक बड़ी उपलब्धि थी। हम राजनैतिक प्रतिद्वंदी हैं, मुझे हरिद्वार से बेदखल करने के लिए निशंक जी हमेशा प्रयासरत रहे। मगर जिस समय सामूहिक गौरव की बात आती है तो उस समय ये सब बातें व्यक्तिगत राग-द्वेष, झगड़े राजनैतिक प्रतिस्पर्धाएं गौण हो जाती हैं।
जब श्री निशंक जी के इस्तीफे का समाचार आया तो मुझे ऐसा लगा जैसे किसी ने मुझसे कुछ छीन लिया हो। श्री निशंक स्वस्थ रहें और जब यहां तक उन्होंने अवसर बनाया है तो वो आगे भी अवसर बना सकने की क्षमता रखते हैं, इसका मुझे विश्वास है। वो जन्म से ब्राह्मण हैं इसलिए मैं आशीर्वाद तो नहीं दे सकता, मगर मैं इच्छा प्रकट कर सकता हूंँ कि ऐसा हो” 
 हलांकि राजनीतिक तौर पर निशंक और हरीश रावत पक्ष विपक्ष हैं फिर भी उनकी इस टिप्पणी को राजनीति से उपर उठकर समझने की आवश्यकता है।