पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गैरसैंण राजधानी भवन को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने पर सरकार को घेरा, अरविंद पांडे ने कहा जनभावनाओं के अनुरूप बनेगी राजधानी

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने फिर एक बार स्थाई राजधानी गैरसैंण के मुद्दे पर सरकार को घेरा है उन्होंने कहा कि “एक बड़ी अजीब सी और बहुत दु:खद भी और धक्का पहुंचाने वाली सूचना मिली है कि, भराड़ीसैंण के विधानसभा भवन में, वही भराड़ीसैंण जिसको अभी ग्रीष्मकालीन राजधानी नोटिफाई किया गया है, उसको कोरोना सेंटर बना दिया गया है, पूरे चमोली जिले का, मतलब जो हमारी ग्रीष्मकालीन राजधानी है, अब वो क्वारंटाइन हो गई है। ये हमारी सरकार की समझदारी का एक बड़ा नमूना है। कहां उम्मीद कर रहे थे कि, ग्रीष्मकाल में, भराड़ीसैंण में सरकार के दर्शन होंगे और सरकार के दर्शन तो नहीं हुये, हां जरूर भराड़ीसैंण का विधानसभा भवन, क्वारंटाइन सेंटर बन गया है।  बल्कि गोविंद सिंह कुंजवाल जी, जिनकी अध्यक्षता में हमने पहला विधानसभा सत्र किया था, उनको भी कभी मिलें इधर-उधर तो बधाई दे दीजियेगा कि, साहब आप जहां विधानसभा अध्यक्ष के रूप में बैठे थे, अब वो क्वारंटाइन सेंटर हो गया है। “

       लेकिन इसी मुद्दे पर कल जब काबीना मंत्री जो इस समय सरकार में प्रदेश के शिक्षा मंत्री एवं पंचायत राज मंत्री और कैबिनेट के अधिकृत प्रवक्ता भी हैं अरविंद पाण्डेय जब अपने दौरे पर चमोली पहुंचे पत्रकारों के स्थायी राजधानी की बजाय क्वारंटीन सेंटर बनाने को लेकर सवाल उठाये तब उन्होंने कहा कि गैरसैंण को प्रदेश सरकार जनभावनाओं के अनुरूप विकसित करने का कार्य कर रही है और निश्चित रूप से प्रदेश वासियों को अवश्य इसका लाभ मिलेगा । उन्होंने चमोली जिले के ग्वालदम, थराली , नारायणबगड़ व सिमली और बालिका इंटर कालेज कर्णप्रयाग में उन्होंने फ़लदार पौधे लगाए , बालिका इंटर कालेज कर्णप्रयाग में फलदार पौध रोपण करने के बाद उन्होंने स्कूली बच्चो व शिक्षक शिक्षिकाओं को हरेला पर्व की बधाई देते हुए कहा कि सभी लोगो को अपने दोस्तों व रिश्तेदारों और परिजनों के जन्मदिन पर एक वृक्ष अवश्य लगाना चाहिए , इस बात का सभी को संकल्प लेना चाहिए , उन्होंने कहा कि हम सभी को प्रकृति से प्रेम करना चाहिए , तभी पर्यावरण स्वच्छ व सुंदर बन सकेगा , शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि सरकारी शिक्षा को मजबूत बनाने को लेकर प्रदेश सरकार प्रत्येक ब्लाक में दो दो अंग्रेजी मीडियम स्तर के अटल उत्कृष्ट विद्यालय खोंलने जा रही है । लेकिन जब उनसे प्रदेश के विभिन्न सरकारी विद्यालयों में बीते कई वर्षों से रिक्त पड़े शिक्षकों के पदों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कोरोना महामारी हवाला देते हुए कहा कि सरकार इस दिशा में प्रयास कर रही है।