गामासिंह कलूडा़ की हत्या उत्तराखंड के लिए खतरे की घंटी

 रिपोर्ट – हरिकृष्ण किमोठी

उत्तराखंड में रायवाला की दिल दहलाने वाली घटना हमारे अस्तित्व के लिए गंभीर चुनौती है यहाँ टिहरी फार्म हाउस में 32 वर्षीय  युवक को   धारदार हथियार से टुकड़े कर शव को रेल की पटरी पर डाला गया । हत्यारे शान्तिप्रिय  समुदाय के इमरान , सुल्तान , व कल्लू  को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, वारदात के  कुछ संदिग्ध अभी फ़रार हैं। मृतक  लक्ष्मण सिंह कालूड़ा उर्फ गामा सिंह पुत्र श्री निहाल सिंह कालूड़ा उम्र 32 वर्ष निवासी टिहरी फ़ार्म ऋषिकेश का परिवार करीब 40 सालों से यहां रहता है  इनका मूल ग्राम भरपूर लंबगाँव टिहरी बताया गया है । गामा पर परिवार में दो मासूम बच्चे, उसकी पत्नी और वृद्ध माता  के भरण पोषण की जिम्मेदारी थी, इस हत्या से न केवल परिवार के सामने गंभीर संकट व भरण पोषण की समस्या आगई  है, बल्कि समूचा उत्तराखंड सकते में आगया,  देवभूमि उत्तराखंड के लिए इस तरह की हत्यायें खतरे की घंटी से कम नहीं , परिजनों ने बताया कि हत्यारों ने गामा सिंह के पैसे देने थे, पैंसे देने की बजाय उसकी निर्मम हत्या कर दी। दुख की इस घड़ी में “उत्तराखंड रक्षा अभियान” के लोग भी परिवार से मिलने पंहुचे। 

उत्तराखंड में यदि  पूरे साल दर्ज हत्याओं  की फेहरिस्त देखें तो पता चलता है कि काफी संख्या में हिन्दुओं की हत्या हुई , अधिकतर हत्यारे शान्तिप्रिय  समुदाय से हैं, ये चोंकाने वाला है। राज्य बनने के बाद बाहरी विविधर्मियों के  देवभूमि ऊत्तराखंड में आने से यहां की  संस्कृति,परंपराये,  संस्कार, अस्मत, हिन्दू  धर्म कर्म, देव स्थलों की पवित्रता, और यहां तक कि  शांत वातावरण बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। मानव की शक्ल में पूरे शैतान हैं जिन्होंने इसी हफ्ते पौड़ी व कोटद्वार में 4 वर्ष की अबोध बच्चियों  से भी दुष्कर्म किया, इससे उनकी क्रूरता एवं  दरिंदगी  का अंदाजा लगाया जा सकता है। ऐसी स्थितियों  का प्रभावी तरीके से प्रतिकार कर अंकुश लगाया जाना चाहिए और उत्तराखंड सरकार को हत्यारों और बलात्कारियों को तत्काल प्रभाव से सजा दिलानी चाहिए, साथ ही ऐसे प्रावधान करने चाहिए जिससे उत्तराखंड में बाहरी संदिग्धों  की घुसपैठ पर अंकुश लगे । खुद उत्तराखंड के लोगों को भी आगे आना होगा बाहरी और अपरिचित लोगों को मकान दुकान किराये पर देने से पहले पुलिस सत्यापन जरूर कराना चाहिए।