गंगा दशहरा: आज ही के दिन गंगे मैया जगद् उद्धार के लिए धरती पर अवतरित हुई त

आप सभी सुधीजनों को आज गंगा दशहरा की बहुत बहुत बधाई और मंगल शुभकामनाएं, बन्धुओं स्वर्गलोक से बैशाख शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा जी ब्रह्मा जी के कमण्डल से निकल कर भगवान शंकर जी की जटाओं मैं आकर तब पृथ्वी के लिए निकली, भगवान शंकर की जटाओं से गंगा 3 धाराओं में विभक्त होकर निकली थी, पहली धारा सतोपंथ से बद्रीनाथ धाम होते हुए अलकनंदा नदी के रूप प्रवाहित हुई, दूसरी धारा भगवान केदारनाथ के ऊपर चोरा बाड़ी ग्लेशियर से मन्दाकिनी नदी के रूप में प्रवाहित हुई और केदारनाथ धाम से सोनप्रयाग, अगस्तमुनि होते हुए रुद्रप्रयाग मैं अलकनंदा नदी में मिल जाती है आगे अलकनंदा के नाम से प्रवाहित होती है, तीसरी धारा गंगोत्री धाम से निकलती है, वहाँ से भागीरथी के रूप में प्रवाहित होती हुई देवप्रयाग मैं अलकनंदा नदी में मिल जाती है, वहाँ से ये अपने मूल नाम गंगा के रूप में कलकल करती हुई ऋषिकेश होते हुए हरिद्वार मैं पहुचती है, गंगा नदी उतपति के दिन से 33 दिन के समय को पूरा करती हुई आज गंगा दशहरा के दिन हरिद्वार पहुची थी,उस दिन 10 प्रमुख योग से युक्त समय था,जेष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी को हरिद्वार पहुची थी माँ गंगा वहाँ से मैदानी क्षेत्रों से होते हुए राजा सगर के 60 हजार पुत्रों के उद्धार के लिए कपिलमुनि के आश्रम की ओर प्रवाहित हुए, राजा सगर के पुत्रों का उद्धार करके माँ गंगा गंगासागर मैं मिल जाती है, जो भी व्यक्ति गंगा मैं स्नान करता है, गंगा का पूजन करता है, दर्शन करता है या मात्र नाम उच्चारण कर लेता है उसको वैकुंठ की प्राप्ति होती है ऐसा भागवत जी मैं गरुड़ पुराण में विस्तार से वर्णन मिलता है, विष्णु पादाब्ज सम्भूते, गंगे त्रिपथगामिनी, धर्मद्रवेति विख्याते, पापं मे हर जाह्नवी पावन पर्व “गंगा दशहरा” की हार्दिक शुभकामनायें।। 💐🙏माँ गंगा सभी का कल्याण करें सभी भक्तों की कामनायें पूरी करे, इन्ही मंगल कामनाओं सहित आचार्य गोपाल दत्त सती (ज्योतिषाचार्य)श्री बद्रीनाथ ज्योतिष केंद्र लखनऊ।💐💐💐💐💐💐💐💐💐