पौड़ी की तरह आज कोटद्वार मैं भी एक व्यक्ति रियाजुद्दीन नामक दरिंदे ने 4 साल की मासूम के साथ किया दुष्कर्म।
यह मानपुर कोटद्वार में नाई का कार्य करता हैं। उत्तराखंड में आये दिन एसी करतूत होने का मतलब है कि कुछ सालों में कोटद्वार की हालात नजीबाबाद और बिजनोर जैसी होने वाली है।
यह सब घटनायें पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती हैं। पुलिस को सिर्फ वाहनों के चालान काटकर खानापूर्ति से मतलब है। अपराधी सरेआम कभी किसी को गोली मार देते हैं, तो हाथ खाली, कभी मंदिर पर आपत्तिजनक पोस्टर लगाते है और मॉस फेंकते हैं, तो हाथ खाली। लाशें खो नदी में फेंक कर चले जाते हैं तब भी हाथ ख़ाली ।
शर्म आनी चाहिये ऐसे कानून के रक्षकों, को जिन्हें शराब, स्मैक,प्रॉपर्टी माफियाओं से वसूली से फुर्सत नहीं और स्थानीय लोगों की बहन बेटी से दुष्कर्म करके धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुचाॅ रहे हैं।