कमीशनखोरी की भेंट चढ़ गई सरकारी चिकित्सालय की दीवार

 

रमेश पहाड़ी

विकास भवन के पास निर्माणाधीन मुख्य चिकित्साधिकारी के भवन का आधार पुश्ता 3 मिनट की मध्यम बारिश को भी नहीं झेल पाया और भरभराकर गिर गया। पुश्ते के मलबे को देख कर साफ लग रहा है कि इसमें सही मात्रा में सीमेंट-गारा नहीं लगाया गया है, पुश्ते की बुनियाद की चैड़ाई कम है और भरान में पत्थरों की बजाय कच्चा मलबा अधिक भरा गया है, जो कि एक सामान्य बारिश की मार भी नहीं झेल पाया। इससे यह भी साफ हो गया है कि निर्माण इकाई के इंजीनियर भी इस पर पूरा ध्यान नहीं दे रहे हैं। इस भवन का ठेकेदार खुद काम देखने की बजाय ध्याडी के इंजीनियर और मुंशी के भरोसे इसका काम करवा रहा है, जिससे काम की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। इससे पहले ठेकेदार द्वारा भूमि कटान का मलबा डंपिंग जोन बनाये बिना पास के नाले में डलवाया गया, जिस पर ग्रामीणों द्वारा आपत्ति करने के बाद भी अभी तक उसे उठाकर डंपिंग जोन में नहीं ले जाया गया है। इससे बरसात में उस मलबे से भारी नुकसान की आशंका व्यक्त की जा रही है।

डिप्टी सी एम ओ डॉ. आर्य ने कार्यस्थल का निरीक्षण किया और ठेकेदार के कार्यकर्ताओं को आवश्यक निर्देश दिए। कार्यदायी संस्था निर्माण इकाई, पेयजल निगम श्रीनगर के अधिशाषी अभियंता दीपक नौटियाल का कहना है कि इस संबंध में ठेकेदार को सख्ती से कहा जायेगा और उन्होंने अधीनस्थ इंजीनियर को तत्काल मौके पर भेजा भी, जिसने भविष्य में काम में कोई लापरवाही न होने देने का आश्वासन दिया है लेकिन इस पर निरंतर नजर रखी जानी जरूरी है। तभी भवन का निर्माण सही हो पायेगा।